सामान्य ज्ञान
दुनिया में हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी जितनी मशहूर कोई दूसरी जर्मन यूनिवर्सिटी नहीं है। हाइडेलबर्ग में 1386 में स्थापना के साल से ही हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी उदारवादी और बहस के लिए खुली यूनिवर्सिटी के तौर पर मशहूर रही है।
19वीं सदी तक यहां धर्मशास्त्र, कानून, चिकित्सा और दर्शनशास्त्र की पढ़ाई होती थी। आज लैटिन में रुपेर्टो कारोला नाम से परिचित इस विश्वविद्यालय में कई विषयों की पढ़ाई होती है। यहां 12 विभिन्न फैकल्टी हैं, 100 विषय हैं और 30 हजार छात्र। कई नए विषयों को शामिल करने के बाद 2007 में यह यूनिवर्सिटी पहली बार जर्मनी के उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हो गई। इसमें सिर्फ उनका लंबा इतिहास और शोध की परंपरा ही एक कारण नहीं था, बल्कि यहां मशहूर शिक्षकों का भी जमावड़ा था। यहां के शिक्षकों में मशहूर समाजशास्त्री माक्स वेबर, मशहूर रसायनविज्ञानी रॉबर्ट बुन्सेन, दर्शनशास्त्री कार्ल यास्पर्स शामिल रहे हैं। अब यहां मॉलिक्यूलर और सेल बायोलॉजी में शोध किए जा रहे हैं, ताकि बीमारियों का प्रभावी इलाज मिल सके। इसके अलावा विश्व भर के धार्मिक और सामाजिक विवादों पर भी यहां पढ़ाई होती है। इतना ही नहीं मनोविज्ञान के भी राज यहां के शोधार्थी ढूंढने में लगे हैं। इस विश्वविद्यालय की खासियत यह भी है कि यहां विषय और देश की सीमा से परे शोधार्थी एक साथ मिल कर शोध में जुटे रहते हैं। इस आधार पर 2012 में इसे फिर से एलीट यूनिवर्सिटी का खिताब दिया गया।