सामान्य ज्ञान
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 14 दिसंबर, 1983 को पहली मारुति-800 कार की चाबियां हरपाल सिंह को सौंप कर भारत में ऑटोमोबाइल क्रांति की शुरुआत की थी।
मारुति उद्योग लिमिटेड की स्थापना संसद के एक अधिनियम के ज़रिए फऱवरी, 1981 में हुई थी। उस समय यह सरकारी कंपनी थी और इसमें जापान की सुज़ुकी मोटर कॉरपोरेशन की 26 फ़ीसदी की भागीदारी थी। दोनों के बीच अक्टूबर, 1982 में समझौता हुआ और रिकॉर्ड 13 महीनों में कंपनी की गुडगांव स्थित इकाई से पहली कार तैयार होकर सडक़ पर आ गई थी। जब मारुति ने कार बनाना शुरु किया, उस वक्त भारत में केवल दो कंपनियां ही कार बनाया करती थीं और देश में एक साल में 40 हज़ार कारें बिका करती थीं। आज मारुति का एक मॉडल इससे कहीं अधिक बिकता है।
अब स्थिति ये है कि दुनिया की कुछेक कंपनियां ही हैं जो भारत में अपनी कार का निर्माण नहीं करती हैं, लेकिन ऑटोमोबाइल क्रांति की नींव मारुति-800 के निर्माण से मानी जाती है।