सामान्य ज्ञान
कैफीन एक कड़वी, सफेद क्रिस्टलाभ एक्सेंथाइन एलकेलॉइड (क्षाराभ) है, जो कि एक मनोस्फूर्तिदायक या साइकोएक्टिव (मस्तिष्क को प्रभावित करनेवाली) उत्तेजक औषधि है। एक जर्मन रसायनशास्त्री फ्रेडरिक फर्डीनेंड रंज ने 1819 में कैफीन की खोज की थी। उन्होंने कैफीन शब्द का इजाद किया, जो कॉफी का एक रासायनिक यौगिक है, (जिसके लिए जर्मन शब्द काफी है), जो अंग्रेजी में कैफीन बन गया (और जर्मन में कोफीन में बदल गया।
कुछ पौधों की फलियों, पत्तियों और फलों में अलग-अलग मात्रा में कैफीन पाई जाती है, जहां यह एक प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में काम करती है जो पौधों को खाने वाले कुछ कीटों को पंगु बनाकर मार डालती है। कॉफ़ी के पौधे की फलियों और चाय की झाड़ी की पत्तियों से निकाले गये अर्क का ही बहुत आम तौर पर मनुष्यों द्वारा उपभोग किया जाता है। इसके अलावा, कोला नट से व्युत्पन्न विभिन्न खाद्य तथा पेय उत्पादों में भी कैफीन हुआ करती है। अन्य स्रोतों में येर्बा मेट, गुआराना बेरी और यौपों होली भी शामिल हैं।
कॉफी, चाय, मृदु पेय और ऊर्जा पेय जैसे अति लोकप्रिय पेय पदार्थों में कैफीन पायी जाती है। कैफीन विश्व का सबसे अधिक उपभोग्य मनोस्फूर्तिदायक पदार्थ है, लेकिन अन्य मनोस्फूर्तिदायक पदार्थों के विपरीत यह लगभग सभी क्षेत्रों में वैध और अनियंत्रित है। उत्तर अमेरिका में, 90 प्रतिशत वयस्क प्रतिदिन कैफीन का उपभोग करते हैं। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने कैफीन को आम तौर पर सुरक्षित माने जाने वाले एक बहु-उद्देशीय खाद्य पदार्थ के रूप में सूचीबद्ध किया है।
अनेक वनस्पति प्रजातियों में कैफीन पायी जाती है। कॉफी की फलियों के अंकुरों के आसपास की जमीन में भी कैफीन का उच्च स्तर पाया जाता है. इसलिए, माना जाता है कि कैफीन एक प्राकृतिक कीटनाशक के साथ-साथ कॉफी के अंकुर के आसपास अन्य किसी पौधे के अंकुरण के प्रावरोधक का भी काम करती है, इस तरह इसे बचे रहने का बेहतर अवसर मिलता है।