विचार / लेख

टाइगर क्यों प्रवास करते हैं
24-Jun-2022 11:50 AM
टाइगर क्यों प्रवास करते हैं

(फोटो साभार - डॉ विजय आनंद )

-प्राण चड्ढा
कहने वालों ने कभी सच ही कहा है एक जंगल में दो टाइगर नहीं रह सकते। आज यह प्रमाणित हो चुका है।

टाइगर एक जंगल से दूसरे जंगल प्रवास करते हैं। जिसके कारण भी है।

टाइगर अपने शिकार, पानी, और प्रजनन लिए एरिया बदलते हैं इसके अलावा सुरक्षागत कारणों से जंगल छोड़ दूसरे जंगल में चले जाते हैं। टाइगर रात में मीलों चल सकता है और बहुत लंबी दूरी तय कर प्रवास कॉल बाद वापस भी आ सकता है। बान्धवगढ़ टाइगर रिजर्व की एक साल में दो टाइगर के अचानकमार टाइगर रिजर्व में मिलने की पुष्टि हुई है।

  किसी एरिया में आम तौर एक प्रभावी टाइगर रहता है, दूसरे को वह खदेड़ देता है। प्रत्येक टाइगर अपने एरिया की हदबन्दी पेड़ों पर नाखून से निशान बनाकर अथवा मूत्र गन्ध का छिडक़ाव कर करता है। लेकिन उसके इस इलाके में एक से अधिक टाइग्रेस रह संगनी बन कर अलग-अलग रह सकती हैं। टाइगर निरन्तर अपने इलाके की गश्त करते रहता है और अपने इलाके में किसी प्रतिद्वंदी को फटकने नहीं देता। पर जब वह उम्रदराज, अशक्त हो जाए तो कोई युवा और शक्तिशाली टाइगर से जान बचाने अपना एरिया छोड़ कर दूसरे एरिया जाना पड़ता है जहाँ उसको जीवन के चौथे पड़ाव पर शिकार मिल सके और अन्य किसी टाइगर का खतरा भी नहीं हो।

वन्य जीवों में इनब्रीडिंग से बचाने के प्राकृतिक तरीका है। शाकाहारी वन्य जीवों में प्रजनन योग्य नर को झुंड से बाहर कर दिया जाता है वो साथ-साथ रहते हैं और बाद मजबूत होने पर किसी दूसरे झुंड के नर को परास्त करके उसके हरम पर काबिज हो जाते हैं। मगर नर टाइगर की बात अलग है वह अकेला रहता है और वक्त आने पर कमजोर हो रहे किसी दूसरे नर का एरिया उसे हरा के अपना बना लेता है। इस तरह इनब्रीडिंग से टाइगर  परिवार बचा चला आ रहा है।

शिकार ही नहीं पानी का संकट और उसकी खुराक श्रंगधारी जीवों की कमी की वजह टाइगर एक से दूसरे जंगल जाना पड़ता है। टाइगर गर्मी में नहाता है और अच्छा तैराक भी होता है, सुंदरवन में टाइगर को लम्बी दूरी तैर के तय करते देखा जाता है।

कभी-कभी मानव की करतूतों से परेशान टाइगर एक जंगल छोड़ दूसरी जगह चला जाता है, जैसे उसके रहवास में पेड़ कटाई, खान-कर्म या फिर मानव की आवाजाही वृद्धि। शिकारी या जाल के खौफ को भी टाइगर समझता है जिस वजह वह पलायन कर जाता है। यह भी जांच या शोध का विषय हो सकता है कि बाँधवगढ़ में उड़ीसा के लिए ‘सुंदरी’ को पकड़े जाने के बाद झुमरी ने किसी भय से अचानकमार टाइगर रिजर्व में पनाह तो नहीं ली।

टाइग्रेस भी शावकों की सुरक्षा के मद्देनजऱ पलायन करतीं है। जहां टाइगर अधिक होते हैं वहाँ पिता को छोड़ अन्य टाइगर के द्वारा उसके शावकों को मारे जाने का खतरा होता है। कहा तो यह भी जाता है कि इस खतरे से बचने के टाइग्रेस, आसपास के इलाके के एक से अधिक टाइगर के सम्पर्क में आती है जिससे उसके शावकों को सभी टाइगर अपना शावक समझे और उनकी हत्या कोई नहीं करें। इस संदर्भ में वह गर्भकाल में प्रवास कर अन्यत्र भी बच्चे देती है जहाँ टाइगर कम हो। जैसे कि अचानकमार का जंगल, यहां चीतल सांभर कम है। लेकिन गाय और भैंसे यहां इफराद जो कम मेहनत में मदर टाइग्रेस की शिकार बन जाते हैं। यहां वह शावकों को कम भागदौड़ कर शिकार करने का हुनर सीखा सकतीं हैं।

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