सामान्य ज्ञान
अक्टूबर 1964 में हिंदुस्तान एयरकॉफ्ट लिमिटेड और ऐयरोनाटिक्स इंडिया लिमिटेड का विलय कर हिंदुस्तान ऐयरोनोटिक्स लिमिटेड, एचएएल की स्थापना की गई। कंपनी के छह राज्यों में सोलह डिवीजन हैं। एचएएल के यह सभी डिवीजन आईएसओ 9001-2000 प्रमाण-पत्र प्राप्त हैं और उनमें से 12 डिवीजन आईएसओ 14001-1996, पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली प्रमाण-पत्र प्राप्त कर चुके हैं।
एचएएल परस्पर समझौतों पर हस्ताक्षर करने वाली कंपनी है और इसे श्रेणी एक की मिनी रत्न कंपनी घोषित किया गया है। इस कंपनी ने डिजायन, विनिर्माण, लड़ाकू विमानों की देख-रेख, ट्रेनर, हेलीकाप्टर, यातायात एयरक्रॉफ्ट, इंजन तथा उड़ान संबंधी साजो सामान में व्यापक कौशल अर्जित किया है। एचएएल ने दस प्रकार के एयरक्रॉफ्ट और उन्नत हल्के हेलीकॉफ्टर(एएलएच), स्वदेशी ध्रुव तथा लाइसेंस उत्पादन के तहत तेरह प्रकार, जिसमें एयरो इंजन्स के आठ प्रकार शामिल हैं। एयरक्रॉफ्ट प्रणाली साजो-सामान के हजार से भी अधिक यंत्र (उड़ान संबंधी यांत्रिक और इलेक्ट्रिकल) तैयार किए हैं।
एचएएल की अधिकांश आपूर्ति तथा सेवाएं भारतीय वायुसेना, नौसेना, थलसेना, तटरक्षक तथा सीमा सुरक्षा बल के लिए होती है। कंपनी का लक्ष्य स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान के निर्यात, सैनिक तथा नागरिक एयरक्रॉफ्ट के रख-रखाव, हवाई जहाज तथा इंजन के कलपूर्जे और अपनी प्रौद्योगिकी सेवाओं के जरिये अपने उपभोक्ताओं के दायरे में विस्तार करना है।