विचार / लेख
![डायन बताकर जिंदा जलाने की वजहें डायन बताकर जिंदा जलाने की वजहें](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1696503718MG.jpg)
क्रांति कुमार
5 लाख साल पहले आग का आविष्कार करते हुए होमोसेपियंस ने सोचा भी नही होगा आने वाले काल में वो महिलाओं को डायन बताकर आग में जिंदा जलाएंगे। महिलाओं को डायन बताकर जिंदा जलाने की प्रमुख वजहें ये थीं 1) संपत्ति पर कब्जा करना। 2) अवैध संबंध से इंकार करने पर। 3) गैर धर्म से होना। 4) पति का दूसरी शादी करना। 5) बाढ़, अकाल और बीमारी। ? 1) पिता अपनी बेटी को अपनी संपत्ति या गद्दी का उत्तराधिकारी बनाना चाहता।
जादू टोने टोटके का आरोप लगाकर या अन्य षड्यंत्र रच कर महिलाओं को जिंदा जलाया गया है ताकि विशेषाधिकार बेटों के पास बना रहे। ? 2) गांव में जो सबसे सुंदर और गरीब लडक़ी होती अगर उसपर किसी पादरी की नजर पड़ जाती तो उसे ईश्वरीय आदेश बताकर नन बना दिया जाता। इसके बाद शुरू होता ननों का यौन शोषण। अगर कोई नन गर्भवती हो जाती तो उसे कुएं में फेंक दिया गया। कुलीन घरों की लड़कियां नन नही बनती थीं।
साहूकार, सामंत या इलाके का अन्य कुलीन व्यक्ति की बुरी नजर अक्सर करीब घर की महिलाओं या कुंवारी कन्याओं पर पड़ जाती थी। उन महिलाओं को हासिल करने में नाकाम रहने पर कुलीन वर्ग और पादरी ईशनिंदा का आरोप लगाकर उन्हें जिंदा जला देते थे। ऐसी घटना से डर कर कई गरीब महिलाएं अपने शरीर का समर्पण कर देती थीं। 3) रोमन कैथोलिक चर्च ने अपना रूढि़वादी प्रभाव बरकरार रखने के लिए प्रोटेस्टेंट ईसाई महिलाओं को ईशनिंदा या डायन का आरोप के तहत जिंदा जलाया। 4) पतियों ने दूसरी पत्नी रखने के लिए पहली पत्नी से छुटकारा पाने के लिए डायन बताकर पहली पत्नी को जिंदा जला देते थे।
5) गरीबी, बाढ़, अकाल और बीमारी नहीं ठीक होने पर लोग इसका इल्ज़ाम अक्सर अपने पड़ोसियों या गांव की किसी अधेड़ उम्र की महिला पर हर दुख दर्द या आपदा का ठीकरा फोडक़र उसे डायन बताकर कर जिंदा जला देते थे। आग के आविष्कार के बाद हम इंसानों ने अपने अंधकार जीवन में उजाला किया, लेकिन उसी आग से हमने अपने ही लोगों का नरसंहार कर उन्हें हमेशा के लिए अंधकार में धकेल दिया।