विचार / लेख

दिल्ली शराब कांड के रहस्य की परतें
07-Oct-2023 4:41 PM
दिल्ली शराब कांड के रहस्य की परतें

 डॉ. आर.के. पालीवाल

दिल्ली सरकार का शराब नीति मामला, जिसे प्रवर्तन निदेशालय और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े नेता आम आदमी पार्टी सरकार का सैकड़ों करोड़ का घोटाला कहते हैं और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल सहित तमाम नेता केन्द्र सरकार और उसकी जांच एजेंसियों का आप को बदनाम करने का षडयंत्र कहते हैं, देश की जनता के लिए रहस्य बनता जा रहा है। पूरी सच्चाई तो सर्वोच्च न्यायालय तक बहुत लंबी चलने वाली कानूनी लड़ाई के बाद सामने आएगी। यह भी संभव है कि बोफोर्स तोप सौदे की तरह पूरा सच कभी सामने ही नहीं आए लेकिन इस मामले के रहस्य के परदे प्याज की परतों की तरह खत्म नहीं हो रहे। ऐसा लगता है कि 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव तक यह मुद्दा भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच निरंतर गहराती खाई को और ज्यादा गहरा और चौड़ा करता रहेगा।

हाल ही में एक तरफ कई महीने से जेल में बंद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और दूसरे नंबर के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत की सुनवाई पर प्रवर्तन निदेशालय को सर्वोच्च न्यायालय की बैंच के कड़े प्रश्नों का सामना करना पड़ रहा है, दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के तीसरे बड़े नेता राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार कर भाजपा और आप के नेताओं के वाकयुद्ध को और गरम कर दिया है। अभी तक मीडिया और अदालती कार्यवाही में जो तथ्य सामने आ रहे हैं उनमें अमित अरोड़ा और दिनेश अरोड़ा नाम के अभियुक्त इस मामले के सरकारी गवाह बनने पर इसके सबसे महत्वपूर्ण किरदार बने हुए हैं।

ऐसा कहा जा रहा है कि शराब नीति बनवाने में हुए आर्थिक लेन-देन के यह चश्मदीद गवाह हैं। उन्हीं की निशानदेही पर पहले सिसौदिया जेल गए और अब संजय सिंह की गिरफ्तारी हुई है। यह सब अरविन्द केजरीवाल के घर की घटना बताई जा रही है। संभव है कि देर सवेर उनके गिरेबान तक भी प्रवर्तन निदेशालय के हाथ पहुंच जाएं! वैसे इस केस की आगे की प्रगति सर्वोच्च न्यायालय के मनीष सिसोदिया की जमानत पर आने वाले निर्णय से भी प्रभावित होगी कि उसका रुख किस तरफ रहता है ।

सोशल मीडिया युग में नेता भी संसद और विधानसभाओं से लेकर सडक़ तक और अपने घरों से हर तरह के भावनात्मक असलहों का प्रयोग कर रहे हैं। संजय सिंह ने भी गिरफ्तारी होते ही घर में मां के पैर छूकर आशीर्वाद लेने के बाद जेल का रुख किया है। उनकी मां उन्हें भगतसिंह की राह पर चलने वाला बहादुर बता रही हैं। संजय सिंह ने बाकायदा एक वीडियो जारी कर कहा है कि वे केन्द्र सरकार से संघर्ष जारी रखेंगे। गिरफ्तारी और जेल जाने से नहीं डरेंगे। यहां तक कि कोर्ट में पेशी के दौरान उन्होने कोर्ट परिसर में कृष्ण बिहारी नूर का शेर पढ़ा ‘सच घटे या बढ़े तो सच न रहे /झूठ की कोई इंतहा ही नहीं। मतलब साफ है कि हम सच के साथ हैं और केन्द्र सरकार और जांच एजेंसियों के झूठ की इंतहा नहीं है। आप के दावों और भाजपा के प्रति दावों में कितना सच है और कितना झूठ यह अदालती कार्यवाही में भी पूरा बाहर आएगा या नहीं कहा नहीं जा सकता लेकिन जो लोग आम आदमी पार्टी को भारतीय जनता पार्टी की बी टीम कह रहे थे उनके दावे फिलहाल पूरी तरह खारिज हो गए हैं।

आप और भाजपा नेताओं में जिस तरह की बयानबाजी हो रही है उससे दोनों दलों में तीखापन शिखर पर पहुंच गया। संजय सिंह कोर्ट परिसर में उपस्थित मीडिया कर्मियों को बयान देते हुए सीधे प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहे हैं कि प्रधानमन्त्री मोदी अडानी के नौकर हैं। यह आरोप-प्रत्यारोप का निम्नतम स्तर है।आप की राजनीति शुरू से आक्रामक रही है और इस आक्रामकता के सबसे तेज तर्रार चेहरे खुद अरविन्द केजरीवाल और संजय सिंह हैं। एक विधानसभा में और दूसरा संसद में मोर्चा संभालता है और सडक़ पर दोनों आक्रामक अंदाज में बयानबाजी करते हैं। आप की चौकड़ी में मनीष सिसोदिया और राघव चड्ढा दो शालीन चेहरे हैं जो आंकड़ों और तर्कों की सहायता से कोड़े भिगो-भिगोकर प्रहार करते हैं। अब इस चौकड़ी के दो किरदार जेल पहुंच चुके हैं। आप के पांचवे अर्थ स्तंभ माने जाने वाले सत्येंद्र जैन आर्थिक अपराध में बहुत पहले से जेल के अंदर बाहर हो रहे हैं।

दिल्ली के शराब कांड को भाजपा की दिल्ली इकाई ने भी अपने पुनरुद्धार का जरिया बनाने की कोशिश शुरु कर दी है। दिल्ली में आप के पैर जमने के बाद भाजपा की हालत बेहद दयनीय हो गई थी। शराब कांड के मुद्दे पर भाजपा की दिल्ली इकाई भी काफी सक्रिय हो गई है। दिल्ली के भाजपा सांसदों और विधायकों ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर पहुंचकर आप के खिलाफ अभियान शुरु किया है। गांधी नशाबंदी को महत्त्वपूर्ण रचनात्मक कार्य मानते थे इसीलिए भाजपा नेताओं को स्वच्छता की तरह शराब कांड में गांधी की याद आई है। अब वे दिल्ली की सडक़ों पर ‘आप ने दिल्ली को शराब में डुबोया अब शराब आपको डूबोएगी’ जैसे नारों की तख्तियां लेकर जन जागरण अभियान चला रहे हैं।

भाजपा की दिल्ली इकाई को लगता है कि शराब कांड उसे दिल्ली में दोबारा पैर जमाने के लिए जमीन उपलब्ध कराएगा। आप भी इतनी जल्दी हार मानने के लिए तैयार नहीं है। जिस तरह भाजपा अपनी जड़ जमाने के लिए आप को भ्रष्ट बताकर गांधी की शरण में आई है उसी तरह आप अपनी जड़ मजबूत करने के लिए केन्द्र सरकार को अत्याचारी बताकर उसका मुकाबला करने के लिए खुद को भगत सिंह पथ पर चलने वाले कहकर जन सहानुभूति पाने का प्रयास कर रही है। यह सिलसिला 2024 तक और उग्र होने की पूरी संभावनाएं हैं।

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