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अल नीनो बढ़ाएगा औसत तापमान
11-Mar-2024 4:03 PM
अल नीनो बढ़ाएगा औसत तापमान

दयानिधि

दुनिया भर के कई हिस्सों में जारी अल नीनो की घटना के कारण जून 2024 तक सतही हवा का तापमान रिकॉर्ड पर पहुंचने की आशंका जताई गई है। अध्ययन के मॉडलिंग से पता चलता है कि मध्यम या शक्तिशाली अल नीनो के कारण समान अवधि के दौरान वैश्विक औसत सतही तापमान के चरम को छूने के 90 फीसदी आसार हैं।

यहां बताते चलें कि दुनिया भर के कई हिस्सों, जिनमें बंगाल की खाड़ी, फिलीपींस और कैरेबियन सागर में अल नीनो की घटना जारी है।

अध्ययन में कहा गया है कि अल नीनो-दक्षिणी दोलन, जो उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र में केंद्रित है, दुनिया भर में जलवायु में बदलाव का एक प्रमुख कारण है। इसका गर्म चरण, अल नीनो और  ठंडा चरण, ला नीना, दोनों मौसम में बदलाव करने के लिए जाने जाते हैं। अल नीनो के दौरान पश्चिमी प्रशांत महासागर से वायुमंडल में जारी गर्मी के कारण वार्षिक वैश्विक औसत सतही तापमान (जीएमएसटी) में तेजी से वृद्धि होती है।

वार्षिक वैश्विक औसत सतही तापमान (जीएमएसटी) में मामूली वृद्धि क्षेत्रीय आधार पर अत्यधिक तापमान की घटनाओं के दौरान सतह के हवा के तापमान में भारी वृद्धि से जुड़ी हुई है। यह अध्ययन साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुआ है।

अध्ययन के मुताबिक, अध्ययनकर्ता कांगवेन झू और उनके सहयोगियों ने जुलाई 2023 से जून 2024 के बीच 1951 से 1980 के औसत सतही हवा के तापमान में क्षेत्रीय भिन्नता पर 2023-24 में अल नीनो के प्रभावों का मॉडल तैयार किया। उन्होंने इस अवधि का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया कि अल नीनो की चरम पर होने का समय यानी नवंबर और जनवरी के बीच की घटना को हमेशा शामिल किया।

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि मध्यम अल नीनो परिदृश्य के तहत, बंगाल की खाड़ी और फिलीपींस में इस अवधि के दौरान रिकॉर्ड-तोड़ औसत सतही हवा के तापमान होने का पूर्वानुमान लगाया गया।

एक शक्तिशाली अल नीनो के तहत, कैरेबियन सागर, दक्षिण चीन सागर और अमेजन और अलास्का के क्षेत्रों में भी औसत सतही हवा के तापमान के रिकॉर्ड-तोड़ होने का पूर्वानुमान लगाया गया था।

अध्ययनकर्ताओं ने इसी अवधि में वार्षिक वैश्विक औसत सतही तापमान (जीएमएसटी) पर अल नीनो के प्रभावों का भी मॉडल तैयार किया और पाया कि मध्यम या शक्तिशाली अल नीनो के तहत, 90 फीसदी तक के आसार थे कि जीएमएसटी ऐतिहासिक रिकॉर्ड तोड़ देगा।

मध्यम परिदृश्य में, अध्ययनकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि 2023-24 जीएमएसटी 1951-1980 के बेंचमार्क औसत से 1.03-1.10 डिग्री सेल्सियस ऊपर है, जबकि मजबूत परिदृश्य के तहत, उन्होंने अनुमान लगाया कि जीएमएसटी उस औसत से 1.06-1.20 डिग्री सेल्सियस ऊपर है।

अध्ययनकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि रिकॉर्ड तोडऩे वाला औसत तापमान हो सकता है अतिरिक्त गर्मी के परिणामों से निपटने के लिए उन इलाकों  की मौजूदा क्षमता को चुनौती देगा।

उन्होंने इस बात पर भी गौर किया कि सतही हवा का तापमान बहुत अधिक होने से चरम मौसम की घटनाओं में भारी वृद्धि होने की आशंका है। इन घटनाओं में  जंगल की आग, उष्णकटिबंधीय चक्रवात और लू या हीटवेव की घटनाएं शामिल हैं। ये घटनाएं समुद्री और तटीय क्षेत्रों में जहां समुद्र में बढ़ती गर्मी के कारण यह जलवायु परिस्थितियों को जन्म दता है और इस तरह यह लंबे समय तक बना रह सकता है।
(डाऊन टू अर्थ)

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