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जोमैटो ने विवाद के बाद ‘शुद्ध शाकाहारी फ्लीट’ में किया ये बदलाव
21-Mar-2024 4:28 PM
जोमैटो ने विवाद के बाद ‘शुद्ध शाकाहारी फ्लीट’ में किया ये बदलाव

‘प्योर वेज फ़्लीट’ या ‘शुद्ध शाकाहारी फ्लीट’ के लॉन्च होने के बाद हुई आलोचना के बीच ज़ोमैटो के सीईओ दीपेन्द्र गोयल ने इसमें बदलाव की घोषणा की है।

इससे पहले कंपनी ने कहा था कि 100 फ़ीसदी शाकाहारी खाना पसंद करने वाले अपने ग्राहकों के लिए वो ‘शुद्ध शाकाहारी’ डिलिवरी की सुविधा लॉन्च कर रही है। इसे उन्होंने ‘शुद्ध शाकाहारी मोड’ कहा था।

इसमें डिलिवरी पार्टनर को हरे रंग की पोशाक में होना था। लेकिन सोशल मीडिया पर बढ़ती आलोचना के बीच ज़ोमैटो ने ड्रेस के रंग में बदलाव की योजना वापस ले ली है।

ज़ोमैटो के सह-संस्थापक और सीईओ दीपेन्द्र गोयल ने शुरू में दावा किया था कि शाकाहारी खाने की अलग से डिलिवरी की योजना को लेकर लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। लेकिन 11 घंटे के भीतर ही दीपेन्द्र गोयल को प्लान में बदलाव लाना पड़ा।

वापस लिए बदलाव

दीपेन्द्र गोयल ने अब से कुछ वक़्त पहले अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया, ‘हमने फ़ैसला किया है कि वेजिटेरियन खाने की डिलिवरी करने वाले अपने राइडरों की टोली को हम बरकऱार रखेंगे लेकिन उन्हें दूसरों से अलग करने वाले हरे रंग की ड्रेस का इस्तेमाल नहीं करेंगे। हमारे नियमित राइडर और शाकाहारी डिलिवरी वाले राइडर लाल रंग के ही कपड़े पहनेंगे।’

उन्होंने लिखा, ‘शाकाहारी खाना डिलिवरी करने वाले हमारे राइडर्स को ज़मीनी स्तर पर दूसरों से अलग नहीं किया जा सकेगा, लेकिन व्यक्ति को उसके मोबाइल ऐप में ये दिखेगा कि वेजिटेरियन ऑर्डर की डिलिवरी केवल वेजिटेरियन राइडर कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि कंपनी अपने राइडर्स की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा, ‘इससे ये सुनिश्चित होगा कि लाल रंग के कपड़े पहने हमारे राइडर्स को नॉन-वेज खाने के साथ जोड़ कर नहीं देखा जाएगा, और उन्हें किसी ख़ास दिन आरडब्ल्यूए नहीं रोकेगी।’

‘हमें इस बात का अहसास है कि इस कारण किराए पर रह रहे लोगों के लिए भी जोखिम पैदा हो सकता है।’

अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस से इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (आईएफ़एटी) के अध्यक्ष शेख़ सलाउद्दीन ने कहा, ‘पिछली बार ज़ोमैटो से किसी ने ख़ास धर्म के ही डिलिवरी पार्टनर को भेजने का अनुरोध किया था तब दीपेन्द्र गोयल ने कहा था कि फूड का मज़हब नहीं होता है। अब लग रहा है कि वह अपनी इस सोच से पीछे हट रहे हैं। मैं उनसे सीधा पूछा रहा हूँ कि क्या वह डिलिवरी पार्टनर्स को जाति, समुदाय और धर्म की लाइन पर श्रेणी बना रहे हैं?’

ज़ोमैटो पहले भी अपने विज्ञापन के कारण विवाद में रही है। पिछले साल ज़ोमैटो ने एक विज्ञापन को लेकर माफ़ी मांगी थी।

इस विज्ञापन में लगान फि़ल्म के दलित किरदार ‘कचरा’ को ‘रीसाइक्लड’ रूप में दिखाया गया था। इस विज्ञापन में लगान के दलित किरदार को निर्जीव वस्तु के रूप में दिखाया गया था। ज़ोमैटो को इस विज्ञापन के कारण नेशनल कमिशन फोर शेड्यूल कास्ट से नोटिस मिला था।

क्या था पूरा मामला?

मंगलवार को दीपेंद्र गोयल ने कहा था कि कंपनी ‘शुद्ध शाकाहारी मोड’ लॉन्च कर रहा है, जिसमें वेजिटेरियन खाना ऑर्डर करने वालों को ऐप पर केवल शुद्ध शाकाहारी रेस्त्रां दिखेंगे और उन्हें नॉन-वेज खाना देने वाले रेस्त्रां नहीं दिखेंगे।

‘हमारे शुद्ध शाकाहारी राइडरों की टोली शुद्ध शाकाहारी रेस्त्रां से खाना लेकर ग्राहकों तक पहुंचाएगी। इसके लिए हरे रंग के डिब्बे होंगे।’

‘ऐसे में शुद्ध वेजिटेरियन खाना और नॉन-वेजिटेरियन खाना कभी एक ही बक्से में नहीं पहुंचाया जाएगा।’

इसे लेकर सोशल मीडिया पर जमकर लोगों ने आलोचना की थी। कई लोगों का कहना था कि वेजिटेरियन खाने वालों को शुद्ध कऱार देना ज़ोमैटो के भेदभाव करने की नीति को बताता है।

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

ज़ोमैटो के प्योर वेज मोड लॉन्च करने के बाद और इसकी यूनिफ़ॉर्म को वापस लेने के बाद सोशल मीडिया पर इसकी तारीफ़ और आलोचनाएं की जा रही हैं।

जब शुरुआत में इस मोड को लॉन्च किया गया तो यूनिफ़ॉर्म के साथ-साथ प्योर वेज मोड लाने की आलोचना की गई।

रश्मिलता नामक यूजऱ ने ट्वीट किया कि ‘इस तरह के भेदभाव को रोकिए। हमने इसके नाम पर बहुत कुछ देखा है। मैं शुद्ध मांसाहारी हूं। इस शाकाहारी वर्चस्व वाली बात को बंद कीजिए।’

वहीं श्रेया नामक एक यूजऱ ने लिखा है कि ‘ग्रीन फ़्लीट क्या मदद करेगी मेरे समझ से बाहर है, अगर मेरा ऑर्डर सही से पैक है तो ग्रीन फ़्लीट क्या मदद करेगी? अच्छे पैकिंग मैटेरियल से काम चल जाता है।’

आकाश शाह नाम के यूजऱ ने एक्स पर लिखा कि ‘मैं ऐसे बहुत से लोगों को जानता हूं जो ऑनलाइन ऑर्डर नहीं करते हैं क्योंकि वो शुद्ध शाकाहारी हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि ये उनके लिए फ़ायदेमंद होगा। ज़ोमैटो को बधाई जो वो हमेशा यूज़र्स की सुनता है।’

तीन बार ग्रैमी पुरस्कार जीतने वाले संगीतकार रिकी केज ने ट्वीट करके यूनिफ़ॉर्म को वापस लेने के फ़ैसले की तारीफ़ की है।

उन्होंने लिखा, ‘अलग यूनिफ़ॉर्म को वापस लेने का फ़ैसला अच्छा है लेकिन कृपया वेज फ़्लीट जारी रखें। ये बेहद ज़रूरी सेवा है जिसकी तारीफ़ की जानी चाहिए।’ ज़ोमैटो ने ग्रीन यूनिफ़ॉर्म के फ़ैसले को वापस लिया है लेकिन प्योर वेज मोड चलता रहेगा। इस मोड को लेकर अभी भी बहस जारी है। (bbc.com/hindi)

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