विचार / लेख

सेहत के मोर्चे पर परेशान सियासत का तीरंदाज
14-Jul-2020 7:57 PM
सेहत के मोर्चे पर परेशान सियासत का तीरंदाज

प्रकाश दुबे

संविधान की शपथ के कारण केन्द्रीय गृह मंत्री पर देश की विधि- व्यवस्था का दायित्व है। उन पौधों के विकास का ध्यान रख्नना है, जिन्हें  पार्टी अध्यक्ष के नाते रोपा था। पूर्वोत्तर  में अमित शाह का मिनी अवतार जि़म्मेदारी संभाल लेता है। असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमांत विश्व शर्मा समूचे पूर्वोत्तर में पार्टी की सरकारों को बनाने और संभालने में जुटे रहते हैं। हिमांत ने मणिपुर में जुगाड़ से सरकार बनवाई। दल बदल के कारण सरकार अल्मपत में आई। फौरन पहुंचकर दल बदलुओं से पुनर्दलबदल कराया। सरकार बचाई। मेघालय में एक पार्टी विधायक की बदौलत केन्द्र समर्थित सरकार चल रही है।

इतनी दौड़ भाग में असम के स्वास्थ्य मंत्रालय पर पकड़ कम हुई। असम के करीब आधा दर्जन जिलों से राजधानी दिसपुर में आवागमन पर रोक लगी है। स्वास्थ्य मंत्री शर्मा का विधानसभा क्षेत्र जालुकबारी कामरूप जिले में आता है। मंत्री हिमांत को  कुछ जिलों में कोरोना के सामुदायिक संक्रमण के खतरे की आशंका है। राजनीतिक दल बदल पर काबू पाना आसान है। विषाणु के देह- बदल का पता ही नहीं लगता।  

कोरोना हाजिऱ है
संसद के अधिवेशन की तिथि और तरीके पर निर्णय नहीं हो सका है। संसद से संबंधित स्थायी समितियों की बैठकों पर भी कोरोना का कोप मंडराता है।  गृह मंत्रालय से संबंधित स्थायी समिति की बैठक नहीं हो सकी।  विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित बैठक में कोरम का सवाल उठा। 30 सदस्यों में दो तिहाई से अधिक गैर हाजिऱ रहे। विज्ञान और प्रोद्योगिकी स्थायी समिति के अध्यक्ष जयराम रमेश ने राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर कोरम के अभाव का हल सुझाया। रमेश् चाहते हँं कि सदस्यों का स्वयं आना मुश्किल है तब आभासी बैठकों को मान्यता दी जाए। लोग आन लाइन बैठक में अपने विचार बतायें। वरना गणपूर्ति यानी कोरम के अभाव में काम नहीं होगा। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू राज्य सभा के पदेन सभापति हैं। नायडू ने तात्कालिक हल सुझाया। बैठकों में कोरम के अभाव के बावजूद विचार विनिमय पर रोक नहीं है। समिति की रपट पेश करने या कोई अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय करते समय कोरम की आवश्यकता पर विचार करें। मजेदार बात यह है कि जिस बैठक में कोरम नहीं था उसमें कोरोना का मुकाबला करने की रणनीति पर विचार होना था। 

आज नकद कल उधार
चतुर व्यापारी उधार देने से पहले दस बार सोचते हैं। पुराने  बकाये का भुगतान होने तक लेन देन बंद। मुश्किल तब आती है, जब आप माल को बेहतरीन बताकर बेचने की जुगत भिड़ा रहे हों और जाना पहचाना, पुराना ग्राहक पोल खोल दे। नाम लेकर ही सारा किस्सा सुनाए देते हैं। एयर इंडिया को बेचने के लिए केन्द्र सरकार बेताब है।  बोली लगाने वाले दिलचस्पी नहीं दिखाते। इस बीच भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने एयर इंडिया का चीरहरण कर दिया।  कुछ हवाई अड्?डों ने एयर इंडिया के हवाई जहाज उतरने पर शर्त लगाई। शर्त बताते हुए हमें शर्मिंदगी हो रही है। हवाई अड्?डे पर विमान तभी उतार सकोगे जब नकद रकम साथ लेकर आओ। भुगतान करो। तब हवाई जहाज उतरने देंगे। एक उड़ान भरते हो तो उसकी रकम। एक से ज्यादा तब दिन भर का भुगतान। उड़ानें स्थगित होने के कारण हैरान एयर इंडिया ने दो जुलाई को दो करोड़ रु जमा किए हैं। हवाई अड्?डों का रखरखाव करने वाला प्राधिकरण अड़ा है।  जिन हवाई अड्?डों पर एयर इंडिया के ज़हाज उतरने से रोक लग सकती है, उनमें अहमदाबाद हवाई अड्?डा शामिल है। नागरिक उड्?डयन मंत्री हरदीप पुरी के माथे एक नया सिरदर्द। भई गति सांप-छंछूदर केरी। 

अतिथि, मत आओ
देवभूमि हिमाचल प्रदेश में रहने या जाने का किसका मन नहीं करेगा? जीते जी देवलोक में। कोरोना के कहर के कारण हिमाचल राज्य में संक्रमित बढ़ रहे हैं।  देवभूमि में घुसपैठ के लिए सैलानी दानवीय छल बल का आसरा लेने से बाज़ नहीं आते। आसपास के राज्यों के लोग हिमाचल में प्रवेश के लिए फर्जी ई पास दिखाते पकड़े गए। किसी ने शादी का झूठा निमंत्रण दिखाया।  संक्रमण मुक्ति का झूठा कोरोना निगेटिव प्रमाण पत्र दिखाने से नहीं चूके। वह भी देश भर में मशहूर दिल्ली के सरकारी अस्पताल का। सैलानियों पर कड़ी नजऱ रखी जा रही है।  फर्जी  दस्तावेज़ों और और झूठे कारण  बताने वाले सैकड़ों लोगों को पुलिस सीमा से लौटा रही है। अब तक मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ देव भूमि में सदेह आमंत्रित करने वाले विज्ञापन बंद हैं। होटल वाले कहते हैं-अतिथि मत आओ। सैलानी निजी घरों का जुगाड़ कर घुस जाते हैं।  फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद से मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर हैरान हैं।
(लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)

 

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