विचार / लेख

डंडे नहीं, अब बातचीत चले
30-Jan-2021 6:01 PM
डंडे नहीं, अब बातचीत चले

बेबाक विचार : डॉ. वेदप्रताप वैदिक

जो किसान आंदोलन 25 जनवरी तक भारतीय लोकतंत्र की शान बढ़ रहा था, वही अब दुख और शर्म का कारण बन गया है। हमारे राजनीतिक नेताओं के बौद्धिक और नैतिक दिवालिएपन को इस आंदोलन ने उजागर कर दिया है। 26 जनवरी को जो हुआ, सो हुआ लेकिन उसके बाद सरकार को किसान नेताओं से दुबारा संवाद शुरू करना चाहिए था लेकिन उसने किसान नेताओं के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करनी शुरु कर दी। वह यह भूल गई कि कई प्रमुख किसान नेताओं ने सरकारी नेताओं से भी ज्यादा कड़ी भत्र्सना उन उपद्रवियों की  की  है, जिन्होंने लाल किले पर एक सांप्रदायिक झंडा फहराया और पुलिसवालों के साथ मारपीट की।

 सरकार को अपनी बदइंतजामी बिल्कुल नजर नहीं आई। उसके गुप्तचर विभाग और पुलिस को उसने ठीक से मुस्तैद तक नहीं किया, वरना उपद्रवियों की क्या मजाल थी कि वे दिल्ली में घुस आते और लाल किले पर चढ़ जाते ! अब किसान नेताओं के पासपोर्ट जब्त करने में कौनसी तुक है ? पिटाई के डर से हमने पूंजीपतियों और नेताओं को विदेश भागते हुए तो देखा है लेकिन किसानों के बारे में तो ऐसी बात कभी सुनी भी नहीं है।

विरोधी दलों ने भी गजब की मसखरी की है। उन्होंने किसानों के समर्थन में संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार कर दिया है। वे सत्ता में होते तो वे तो शायद भिंडरावाला-कांड कर देते। हमारा दब्बू और मरियल विपक्ष इस वक्त चाहता तो सत्ता पक्ष से भी अच्छी भूमिका निभा सकता था। वह किसानों और सरकार के बीच निष्पक्ष मध्यस्थ बन सकता था। किसानों को धरना से हटाकर घर लौटने को कह सकता था और उन्हें विश्वास दिला सकता था कि वह उनकी लड़ाई अब संसद में लड़ेगा लेकिन वह किसानों के चूल्हे पर अपनी रोटियाँ सेंकने पर आमादा है। इसका नतीजा क्या होगा ? अब किसान आंदोलन हमारे हताश राजनीतिक नेताओं के लिए आशा की किरण बनकर उभरेगा। उन्हें बयान देने और फोटो छपाने के मौके मिलेंगे। वे चाहेंगे कि बड़े पैमाने पर हिंसा हो, लोग मरें और सरकार बदनाम हो जाए। अभी ताजा खबर यह है कि किसानों के धरना-स्थलों पर किसानों और स्थानीय ग्रामीणों के बीच जबर्दस्त झड़पें हुई हैं। स्थानीय ग्रामीण अपने रास्ते और काम-काज रुकने पर क्रुद्ध हैं। उन्हें किसानों के खिलाफ कौन उकसा रहा है ? सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आगे होकर किसान नेताओं से दुबारा बातचीत शुरु करे। (नया इंडिया की अनुमति से)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news