गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 8 अगस्त। छत्तीसगढ़ के पहले त्यौहार हरेली पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान ग्राम देवताओ की पूजा अर्चना की गयी। किसानो ने अपने कृषि यंत्रो की पूजा की। लोगो ने विभिन्न प्रकार के छत्तीसगढिय़ा पकवानो का आनंद लिया। वही बच्चो ने भी गेड़ी का भरपूर मजा लिया। हरेली पर्व में घर-आँगन में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की छटा झलकती हुई दिखाई देती है।
उल्लेखनीय है कि हरेली पर्व किसानो का प्रमुख त्यौहार है इस पर्व में कृषि औजारो जैसे नागर, गैती, रापा, केजव्हील जैसे कृषि यंत्रो की पूजा की जाती है और भगवान से अच्छी फसल की कामना की जाती है। हरियाली के प्रतिक इस पर्व के दिन पूजा-अर्चना मनोरंजन के लिए विभिन्न खेलो का आयोजन किया जाता है।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने कहा कि हरेली तिहार राज्य की पहला तिहार है। हरेली का त्योहार हमें यही संदेश देता है कि हम सब मिलकर अधिक से अधिक वृक्ष लगाएँ तथा प्रकृति को संतुलित रखें। गांव-गांव में हरेली का पर्व बड़े उत्साह और उमंग से मनाया जाता है।
किसान भाई नागर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि काम में आने वाले सभी औजारों की पूजा करते हैं। पारंपरिक तरीके से लोग गेड़ी चढक़र हरेली की खुशियां मनाते हैं। इस दिन कुलदेवता और ग्राम देवता की भी पूजा की जाती है। घर में बारिश के दिनों का संक्रमण न फैले, इसलिए दरवाजे पर नीम की पत्तियां लगाते हैं।