गरियाबंद
![प्रदेश सरकार खाद के पर्याप्त मात्रा में वितरण में विफल-संदीप प्रदेश सरकार खाद के पर्याप्त मात्रा में वितरण में विफल-संदीप](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1630159420andip_Sharma.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 अगस्त। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य संदीप शर्मा ने खाद के पर्याप्त मात्रा व सही समय पर वितरण में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को विफल करार दिया हैं। उन्होंने कहा कि अपने आपको किसान बताने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राज में छत्तीसगढ़ के भोलेभाले किसान खाद की बाँट जोहते जोहते खून के आँसू रोने मजबूर हैं। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा ने जांजगीर चांपा जिले के खिसोरा सहकारी समिति और कांकेर जिले के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति सरोना, गरियाबंद जिले के ग्राम नांगाबुड़ा का उदाहरण देते हुए कहा कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में किसानों को खाद के लिए तरसना पड़ रहा हैं यह शर्मनाक हैं।
जबकि मुख्यमंत्री कहते हैं कि वे किसान हितैषी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा हैं कि छत्तीसगढ़ में खाद की कालाबाजारी किसके इशारों में चल रही हैं जिसका उदहारण जांजगीर चांपा जैसे अनेक जिलों से रोज सामने आ रहा हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी आपकी सरकार पर्याप्त खाद का दावा करती हैं फिर क्यों किसानों तक खाद पहुंचने में डेढ़ दो माह का विलंब हो रहा हैं आपके दावों की पोल इतनी जल्दी क्यों खुल जाती हैं। जांजगीर चांपा के खिसोर में लगभग 1500 बोरी खाद की आवश्यकता के बीच आपकी सरकार महज एक ट्रक खाद पहुंचाती हैं वह भी 2 माह तक किसानों को तरसाने के बाद यह कैसा न्याय हैं? कांकेर जिले के सरोना में लगभग 2000 किसान खाद की बाँट जोहते हैं और किसान हितैषी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार विलंब से महज 500 बोरी खाद पहुंचाती हैं, यह कैसी किसान हितैषी सरकार हैं बघेल जी।
श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि किसान हितैषी होने का ढोल पीटने से किसानों का हित नहीं होता आपका ढोल फट चुका हैं। किसानों के हित में 15 वर्षों तक जब निर्णय होते थे तब किसानों को खाद के लिए तरसना नहीं पड़ता था आज कांग्रेस और कांग्रेस की सरकार किसानों के नाम पर केवल राजनीति करना चाहती हैं।
केंद्र सरकार पर झूठे आरोप मढऩे और कालाबाजारी को बढ़ावा देने वाले किसान हितैषी होने का केवल ढोंग कर रहे हैं और छत्तीसगढ़ के किसानो को खाद के लिए तरसा रहे हैं यह बात छत्तीसगढ़ के कोने कोने से आ रही किसानों की पीड़ा की आवाज से प्रमाणित होती हैं।