गरियाबंद
![मांगों को ले आदिवासी समाज ने की आर्थिक नाकेबंदी मांगों को ले आदिवासी समाज ने की आर्थिक नाकेबंदी](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/163033231743.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबन्द, 30 अगस्त। सर्व आदिवासी समाज द्वारा राज्य स्तरीय 9 सूत्रीय मांगों एवं स्थानीय मुद्दों को लेकर एक दिवसीय आर्थिक नाका बन्दी करते हुए मुख्य मार्ग पर मालवाहक वाहनों को रोक कर राज्य पाल व रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा।
सर्व आदिवासी समाज राज्यव्यापी एक दिवसीय 9 सूत्रीय मांगों एवं स्थानीय मुद्दों अविलम्ब पूर्ण करने को लेकर गरियाबन्द जिला के सर्व आदिवासी समाज अपने आदिवासी परिसर के सामने मुख्य मार्ग को जाम कर धरना देते हुए मालवाहक वहानो को रोका कर सर्व आदिवासी समाज द्वारा राज्य स्तरीय जिला व ब्लॉकों में धरना दे राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपेंगे। समाचार लिखे जाने तक धरना जारी रहा। धरना प्रदर्शन में सर्व आदिवासी समाज के प्रमुख नेता व जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
जिला सुकमा के ग्राम सिलगेर में निर्दोष ग्रामीणों के ऊपर अधाधुंध गोलीबारी से मृतकों के परिजनों को 50 लाख घायलों को 5 लाख मृतक परिवार के एक सदस्य को योग्यता अनुसार शासकीय नौकरी दिया जाए बस्तर में नक्सली समस्या के स्थाई समाधान हेतु प्राथमिक स्तर पर पहल करें।
पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में जब तक माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन समाप्त नहीं हो जाता तब तक किसी भी हालत में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रिक्त पदों को नहीं भरे जाने उसे सुरक्षित रखे जाने और जितने सामान्य वर्ग के अधिकारी कर्मचारी अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पदों पर नियम विरुद्ध पदोन्नति हुए उसे तत्काल पदावनत किया जाकर पदोन्नति नियम 2003 एवं आण अधिनियम 1994 की धारा 06 नियम 1998 एवं समय निर्देशों का उल्लंघन का नियम विरुद्ध पदोन्नति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं धारा 06 आरक्षण अधिनियम 1994 के तहत दंडात्मक कार्यवाही करने बाबत
शासकीय नौकरी में बैकलॉक एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जावे। पांचवी अनुसूची क्षेत्र में तिथि एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी शत् प्रतिशत आरक्षण लागू की जावे। अन्य प्रमुख मांगे हैं।