गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबन्द / राजिम, 30 सितंबर। अन्याय पूर्ण व्यवस्था में शांति व्यवस्था कायम करना बहुत ही कठिन कार्य हैं। न्याय पूर्ण व्यवस्था क्या है यह सरकार को समझना है। गांधी ने कहा था नीचे तबके गरीबो तक पहुंच कर उनके समस्याओं का हल करना, इन्हीं संदेशों को लेकर न्याय और शांति पद यात्रा रैली निकाली गई।
उक्त बातें बुधवार को न्याय और शांति पद यात्रा का समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे एकता परिषद संस्थापक पी वी राजगोपाल ने उपस्थित जन समुदाय को सम्बोधित करते हुए कही।
न्याय एवं शांति पद यात्रा के समापन कार्यक्रम पूर्व एकता परिषद संस्थापक वीपी राजगोपाल के आगमन में फूलों की वर्षा कर ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान महात्मा गांधी के छाया चित्र पर माल्या अर्पण कर उपस्थित जन समुदाय को स्मोबोधित करते हुए श्री राजगोपाल ने कहा कि लोगों को अब जागरूक होने का समय आ चुका है, न्याय और शांति अपने आप आने वाली नहीं, अन्याय पूर्ण व्यवस्था में शांति कायम करना बहुत कठिन ही कठिन है, अन्याय समाज में पीडि़त वंचित, शोषित समाज के लोगों का जीवन जीने का संसाधन इन लोगों के हाथ में नहीं होगा।
‘छतीसगढ़’ से विशेष चर्चा के दौरान एकता परिषद के संस्थापक पीवी राजगोपाल ने कहा कि न्याय और शांति के लिए देश भर में 106 व विदेश में 15 वही छत्तीसगढ़ में 18 केंद्रों पर पद यात्रा चल रही हैं जिससे लोगों को अब अपने अधिकार के लिए जागरूक होने का समय आ गया हैं। अन्याय पूर्ण व्यवस्थाओं में न्याय व शांति कायम करना बहुत कठिन है, हमारे देश व राज्य में न्याय व शांति पूर्ण सरकार चलाने की व्यवस्थाओं को वहां की सरकार को समझना है। न्याय व शांति पुलिस व आर्मी से नहीं आने वाली, गांधी के सन्देश को लेकर अंतिम लोगों तक पहुंच कर उनकी समस्याओं का हल करेंगें, जिनके लिए गांव-गांव पद यात्रा निकाल शान्ति व न्याय व्यवस्था का संदेश लेकर घूम रहे हैं।
जल जंगल जमीन को लेकर 2006-07 में कई संगठनों के संघर्षों व आंदोलन के बाद 2006-07 में वन अधिकार नियम लागू हुआ जिसके बाद भी 2005 से जिन किसानों आदिवासियों द्वारा जोत रहे हैं उससे इज्जत के साथ जमीन देने की बात है।
जल जंगल जमीन के सम्बंध में सरकार पर उन्होंने कहा कि सरकार से बातचीत च रही है। सरकार को न्याय देना स्वभाविक हैं, स्वाभाविक जीने का अधिकार सभी को है, सरकार अगर अंतिम व्यक्ति तक पहचाना चाहती हैं, तो छत्तीसगढ़ में बहुत से सामाजिक संगठन हैं जिससे सरकार सहयोग ले कर अंतिम व्यक्ति तक पहुँचा जा सकता हैं।
शांति और न्याय यात्रा के समापन अवसर पर स्थानीय आदिवासी भुजिया समुदाय का भुंजिया नृत्य का विशेष आयोजन किया गया।
इस समापन के अवसर पर जिला पंचायत सभापित द्वय, लोकेश्वरी नेताम व फरतु कवर, रमेश शर्मा, अरुण कुमार ग्रामपंचयत सरपंच इंद्राणी धु्रव, दया लाल धु्रव, रमेश्वर निषाद, नूरानी जैन, सीता राम सोनवानी, प्रशांत कुमार भरत ठाकुर, ग्वाल सिंह सोरी, लीला बाई, मुकेश्वरी मरकाम, कार्यक्रम का संचालन नेहरू साहू ने किया उक्त विशेष रूप से उपस्तिथ रहे।