गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 30 सितंबर। वेदांता ग्रुप के अनिल अग्रवाल फाउडेंशन द्वारा एक नई पहल करते हुए छत्तीसगढ़ के दुर्ग, बालोद सहित 6 जिलों मे कुल 234 सरकारी आंगनबाडिय़ों को गोद लेकर उसे परिवर्तित किया गया है।
वेदांता गु्रप के प्रोग्राम प्रबंधक धर्मेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि आंगनबाडिय़ों को वेदांता के द्वारा पश्चिमी देशों के किंडर गार्डस की तरह विकसित किया जा रहा है। यहां पर टेलीविजन, मल्टीमीडिया, खेलकुद के सामान, खूबसूरत सजावटी चित्रकारी, पेयजल और भोजन की उचित व्यवस्था, कीट पतंगो नियंत्रण और आवश्यक कुर्सी टेबल जैसे इफ्रास्ट्रक्चर प्रदान किए जा रहे हंै।
धर्मेन्द्र साहू ने बताया कि इन आंगनबाडिय़ों में बच्चों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने और उन्हे अच्छी शिक्षा देने के लिए नंदघर मोबाईल एप और गूगल शीट जैसे तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। इसके लिए हर जिले में सुविधानुसार संकुल कोऑर्डिनेटर्स की भर्ती की गई है। वर्तमान में राज्य में 40 और रायपुर जिले में 05 संकुल कोऑर्डिनेटर कार्यरत है। राज्य स्तर पर कार्यक्रम के संचालक, वेदांता फाउंडेशन की रिफतशमीम खान ने बताया कि इन नंद घरों पर विशेष ध्यान देते हुए जिला प्रशासन एवं महिला बाल विकास मंत्रालय के निर्देश अनुसार इनमें लगातार सुधार और विकास के काम सुनिश्चित किये जाते है ताकि बच्चों की मानसिक और शारीरिक वृध्दि में कोई रूकावट न हो।
जानकारी के अनुसार वर्तमान में कार्यरत क्लस्टर कोऑर्डिनेटर्स को समय समय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जाता है ताकि नंद घरो में ई.लर्निंग स्टडी मटेरियल एवं व्यवहार कुशलता जैसे गतिविधयों पर कोई रूकावट न आये। छत्तीसगढ़ में इस कार्यक्रम का संचालन एवं संधारण स्वयं सेवी संस्था जनमित्रम को दिया गया है।