गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 1 अक्टूबर। बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए उचित पोषण आहार की बेहद जरूरी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रो में एक से 30 सितंबर तक पोषण का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के अंतिम दिवस ग्राम पंचायत पसौद के आंगनबाड़ी केंद्र में पोषण तिहार मनाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनपद सभापति अर्चना डॉ दिलीप साहू, अध्यक्षता ग्राम सरपंच श्रीमती मीना-सन्तोष साहू ने की। इस अवसर पर जनपद सभापति श्रीमती साहू ने कहा कि कुपोषण दूर भगाने का मूलमंत्र है शिक्षा है। व्यक्ति शिक्षित होगा तब अपने (खानपान) आहार पर ध्यान देगा। महिलाएं गर्भावस्था में संतुलित आहार लें साथ ही हर माह डॉक्टर से चेकअॅप करवाए। सभापति द्वारा 5 बच्चों को कुपोषण से पोषित करने का जिम्मा लिया गया।
अंत में वरिष्ठ नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि आप लोग भी कुपोषित एक-एक बच्चों को पोषित करने गोद लें, जिससे स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकें। सरपंच श्रीमती मीना-संतोष साहू ने कहा कि पोषण माह के आयोजन का मुख्य उद्देश्य एनीमिया या शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए आयरन सेवन एवं खाद्य विविधता संबंधी उपायो के प्रति जागरूकता लाना है। उन्होंने कहा कि भोजन हमारे शरीर को ऊर्जा, प्रोटीन, आवश्यक वसा, विटामिन और खनिजों के साथ जीने, बढऩे और ठीक से काम करने के लिए प्रदान करता है। इसलिए अच्छे स्वास्थ्य और सेहत के लिए संतुलित आहार जरूरी है।
सरपंच ने गर्भवती महिलाओं से कहा कि जन्म के बाद छह माह तक सिर्फ और सिर्फ मां का ही दूध पिलाना चाहिए। मां के दूध में मौजूद पानी, प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट मिनरल्स, वसा, कैलोरी शिशु को ना सिर्फ बीमारियों से बचाते हैं। बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते तथा पाचन क्रिया भी मजबूत करते हैं।
छह माह के बाद बच्चे के सतत विकास के लिए ऊपरी आहार की जरूरत पड़ती है। लेकिन इस दौरान यह ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है कि उसे कैसा आहार दें। कार्यक्रम में महिला पंच श्रीमती हिलेश्वरी साहू, मानकी यादव, विद्या निषाद बिरसिंग यादव, बाला राम निषाद, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती दमेश धु्रव, पुष्पा साहू, राधा धु्रव ,सहायक पुनिया साहू, कमला धु्रव सहित गांव की महिलाएं उपस्थित थी।