गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 नवंबर। गरियाबंद जिला के सामाजिक कार्यकर्ता रूपसिंग साहू ने झारखण्ड के राज्यपाल रमेश बैस के रायपुर स्थित निवास में सौजन्य मुलाकात कर छत्तीसगढ़ की पहचान धान की बालियों का झालर भेंट कर दीपावली की बधाई दी।
रूपसिंग साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और लक्ष्मी का रूप मानकर दिवाली में इसकी पूजा करने की प्रदेश में परंपरा है। धान काटने के बाद उसे बेचा जाता है और इससे धन की प्राप्ति होती है। फिर दिवाली का पर्व मनाया जाता है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में दिवाली में लक्ष्मी पूजा के साथ धान की बालियां रख पूजा की जाती है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में दहलीज पर चिरई (चिडिय़ा) चुगने टांगने की परंपरा चली आ रही है। जब धान पककर तैयार हो जाता है तो धान काटने के बाद बालियों का झालर बनाकर द्वार पर लगाया जाता है ताकि गौरैया, कबूतर, कोयल व अन्य पक्षी दाना चुग सकें।