नारायणपुर
एसडीओपी के समक्ष कथन दर्ज कराने नहीं गए सरपंच, मांगें पूरी नहीं होने पर देंगे सामूहिक इस्तीफा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 8 नवंबर। रायनार के युवा सरपंच राकेश कोर्राम के खुदकुशी मामले में नया मोड़ आ गया है। नारायणपुर के सरपंच इस्तीफा देने की बात कह रहे हैं। पूरा मामला राकेश कोर्राम के परिजनों को इंसाफ दिलाने से जुड़ा हुआ है। सरपंच संघ के द्वारा पुलिस विभाग के द्वारा की जा रही जांच से दूरी बनाकर विशेष टीम गठित कर जांच की मांग की जा रही है।
सोमवार को मामले की जांच के लिए एसडीओपी छोटेडोंगर के द्वारा छह सरपंचों को नोटिस जारी कर कथन दर्ज कराने के लिए छोटेडोंगर बुलाया गया था। सरपंच संघ के द्वारा पुलिसिया जांच से दूरी बनाए जाने के बाद संबंधित सरपंच कथन दर्ज कराने के लिए छोटेडोंगर नहीं गए हैं।
सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष बिसेल नाग का आरोप है कि आदिवासी समुदाय के युवा सरपंच की मौत को लेकर शासन प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है। जनप्रतिनिधियों की मांग को दरकिनार कर महज खानापूर्ति की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के नाम पर रूपसाय करंगा सरपंच रेमावण्ड, बिसायबाई कुमेटी सरपंच बम्हनी,पिलसाय सलाम सरपंच उडीदगांव,रामचंद्र उइके सरपंच बाकुलवाही, सुदनूराम दुग्गा सरपंच ब्रहबेड़ा एवं लछन कोर्राम सरपंच झारावाही के सरपंचों का कथन लेने के लिए थाने बुलाया जा रहा है जिन्हें घटना के संदर्भ में संपूर्ण जानकारी नहीं है। दूर दराज के सरपंचों का चेहरा देखकर पुलिस कथन दर्ज कराने के लिए उन्हें नोटिस जारी कर बुला रही है। इसलिये सरपंच संघ बहिष्कार कर रहा है।
उन्होंने बताया कि मंगलवार को एसपी और कलेक्टर से मुलाकात कर न्यायायिक जांच की मांग करेंगे। उन्होंने बताया कि हमारी मांग पूरी नहीं होने पर जिले भर के सरपंच अपने पद से इस्तीफा देंगे।
सीएम को पहले लिख चुके हंै चिट्ठी
सरपंच के द्वारा खुदकुशी करने की घटना के बाद सरपंच संघ,सचिव संघ और रोजगार सहायक संघ के द्वारा गोंडवाना समाज भवन पर बैठक कर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिट्ठी लिखकर घटना की न्यायिक जांच की मांग की गई है। जनप्रतिनिधियों और मैदानी कर्मचारियों के द्वारा लिखे गए पत्र में अतिसंवेदनशील ग्राम पंचायत रायनार के सरपंच राकेश कोर्सम द्वारा संदेहास्पद परिस्थितियों में 16 अक्टूबर को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया गया। चूंकि रायनार अतिसंवेदनशील क्षेत्र है और घटना के दिन राकेश कोर्सम को धनोरा थाना प्रभारी गणेश यादव के द्वारा बुलाया गया था उसके बाद थाना से घर आने के बाद रोकेश कोर्राम बहुत तनाव में थे जिससे रात्रि में सरपंच राकेश द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया।
जिसके बाद 21 अक्टूबर को जिला सरपंच संघ,जिला सचिव सघ, जिला ग्राम रोजगार सहायक एवं जनपद सदस्य संघ ने संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया जिसमें राकेश कोर्सम की मां , पत्नी एवं बच्चों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली गई। स्व राकेश कोरोम की पत्नी ने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी धनोरा गणेश यादव द्वारा लगातार मेरे पति को प्रताडि़त किया जा रहा था इसके चलते मेरे पति मानसिक तनाव में थे घटना के दिन मेरे पति सुबह 9 बजे थाना प्रभारी से मिलने गये थे तथा वापसी शाम 4 बजे घर आकर सो गये। रात्रि में खाना भी नहीं खाया। मेरे पति से थाना प्रभारी गणेश यादव द्वारा 05 लाख रुपये की मांग की जा रही थी, नहीं देने पर मरते तक जेल भेजने की धमकी दी गई थी । जिसके बाद उन्होंने आत्महत्या जैसे कदम उठाया जिसका पूरा दोष थाना प्रभारी गणेश यादव पर है।
परिजनों के आरोप के बाद संघ ने रखी चार सूत्रीय मांग
स्व . राकेश कोर्सम सरपंच रायनार की आत्महत्या की निष्पक्ष जांच हो। दोषी थाना प्रभारी के शासकीय एवं निजी मोबाईल के काल डिटेल को सार्वजनिक किया जाये। थाना प्रभारी धनोरा गणेश यादव द्वारा मांगे जाने वाले 05 लाख रु . किस लिये मांगा जा रहा था इसकी निष्पक्ष जांच हो । पीडि़त परिवार को 50 लाख रु . का मुआवजा एवं एक सदस्य को नौकरी दी जावे ।