गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 15 नवंबर। देवउठनी एकादशी की तैयारी को लेकर शहर में गन्ना का बाजार सज गया। शहर सहित इलाकें में सोमवार को देवउठनी एकादशी तुलसी विवाह का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है, कान्हा क्लब के खिलाडिय़ों ने आज खेल की शुरूवात वालीबाल ग्राउंड में नेट के दोनों पोल पर गन्ना बांधा और पूजा कर खेल की शुरूवात की।
नोडल अधिकारी संजीव साहू ने कहा कि कान्हा क्लब सिर्फ एक ग्राउंड ही नहीं बल्कि एक परिवार है। जहां हर धर्म के बच्चे खेलने आते है और क्लब में हर पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। श्री साहू ने आगे कहा खेल ही एक ऐसा जो हमें एक दूसरे से जोड़ कर रखता है। क्लब का हर बच्चा हमारे परिवार का सदस्य की तरह है सभी बच्चों के साथ शाम को पटाखे फूलझड़ी बच्चों को वितरण कर रंगोली के साथ कार्यक्रम किया जाएगा।
क्लब के सीनियर कोच जीडी उपासने ने देवउठनी पर्व की विशेषता बतलाई। दीपावली के ठीक बाद देवउठनी एकादशी को मनाया जाता है। देवउठनी एकादशी का हिंदू धर्म में एक खास महत्व है. इस साल 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी है, जिसे देवोत्थान एकादशी, देव प्रभोदिनी एकादशी, देवउठनी ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन से विवाह, गृहप्रवेश, जातकर्म संस्कार आदि सभी कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।
देवउठनी एकादशी के लिए कहते हैं कि सोए हुए भगवान इसी दिन जानते हैं. इतना ही नहीं भगवान को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखा जाता है। इस एकादशी तिथि के साथ, चतुर्मास अवधि, जिसमें श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक महीने शामिल हैं, समाप्त हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु शयनी एकादशी को सोते हैं और इस दिन जागते हैं। इस प्रकार, इसे देवउठना या प्रबोधिनी कहा जाता है।
कोच सूरज महाड़ीक ने कहा हमरा देश विभिन्नताओं के समूह का एक ऐसा देश है, जहाँ पूरे साल अलग अलग त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। त्योहारों से हमारे जीवन में परिवर्तन और उल्लास का संचार होता है। त्यौहार अथवा पर्व सामाजिक मान्यताओं, परंपराओं व पूर्व संस्कारों पर आधारित होते हैं। कान्हा क्लब परिवार में खेल के साथ त्योहार बच्चों के साथ बड़ी ही धूमधाम मनाया जाता है।
नोडल अधिकारी संजीव साहू कोच, जीडी उपासने, वालीबाल कोच सूरज महाडिक कोच, विजय कश्यप, विकाश रोहरा, हरमेश चावड़ा प्रकाश सरवैय्या , टिंकु ठाकुर, प्रीत सोनी, महेंद्र यादव , रवी यादव , रमन साहू , ललित साहू , जीतूँ सेन, अख़्तर खान , जयमूनी बगरती , कादर खानव, हेमशिखर धुर्व , अरबाज़ खान , चिनु ठाकुर , आशीष सपहा मनोज भगत , गुनचु, प्रहलाद यादव , होरी यादव , लच्छी यादव , संतोष यादव , जगदिश काटके , जगदीश यादव , कृष्णा रोयन , सूरज सिन्हा , अनुराग केला , दीपक सिन्हा , वैभव ठक्कर, सिनु ठाकुर , बाबू भोंसले , भानु कलाशिया , मौजूद रहे।