नारायणपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 28 नवंबर। नारायणपुर जिला मुख्यालय में बीते 14 नवम्बर से आयोजित अबूझमाड़ हस्तशिल्प महोत्सव बीते दिन खट्टी-मीठी यादों को लिये संपन्न हुआ। समापन अवसर पर छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक चंदन कश्यप शामिल हुए।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के शिल्पकारों को और अधिक हुनरमंद बनाने के लिए समय-समय पर आवश्यक प्रशिक्षण एवं सहयोग किया जाता है, वहीं इनके जीवीकोपार्जन के लिए इन्हें देश के विभिन्न प्रांतों में आयोजित होने वाले महोत्सवों, कार्यक्रमों हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित कर इनकी समुचित व्यवस्था की जाती है।
उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है, जब जिले में ऐसा भव्य आयोजन किया गया है। ऐसे आयोजनों से दूसरे राज्यों से आने वाले कलाकारों की कलाओं को देखने और समझने का अवसर प्राप्त होता है, वहीं इन्हें अबूझमाड़ की कला एवं संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिलता है।
विधायक श्री कश्यप ने कहा कि सरकारी नौकरी के अवसर सीमित है, इसलिए जरूरी है कि युवा अपने आप को अपनी रूचि के अनुसार किसी भी कला से जोडक़र स्वयं का व्यावसाय करें और अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करायें।
उन्होने कहा कि जिले में पहली बार आयोजित कार्यक्रम में कुछ कमियां रही है, जिसमें सुधार कर भविष्य में इस आयोजन को और अधिक भव्य तथा गरिमामयी ढंग से आयोजित किया जायेगा। उन्होंने इस महोत्सव में सहभागिता निभाने वाले जिला प्रशासन, संस्था पंखुड़ी सेवा समिति, दुकानदारों और प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सेदारी निभाने वालों को सफल आयोजन हेतु धन्यवाद एवं बधाई दी।
इस अवसर पर जिपं अध्यक्ष श्यामबती नेताम, जिपं उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी, नपाध्यक्ष सुनीता मांझी, नपा उपाध्यक्ष प्रमोद नेलवाल के अलावा एसडीएम जितेन्द्र कुर्रे, जिला शिक्षा अधिकारी जीआर मंडावी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास संजय चंदेल के अलावा क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में जिले में ऐसा आयोजन हुआ है। जिले के कलाकारों को राज्य निर्माण के बाद सम्मान प्रदान किया गया है। दूसरे प्रदेशों से आये कलाकारों द्वारा अपने राज्य की सबसे अच्छी सामग्री जिलेवासियों के लिए लेकर आये हैं, ताकि जिलेवासियों को भी दूसरे राज्यों की कला को करीब से देखने और समझने का अवसर मिल सके।
वहीं रजनू नेताम ने कहा कि बांस शिल्प से जुड़े शिल्पियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के उद्देश्य से इस बांसशिल्प केन्द्र की स्थापना की थी, जो आज सार्थक नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि बांस शिल्प से जुड़े शिल्पियों की कला न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों तक फैली हुई है। यहां के कलाकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन और पंखुड़ी सेवा समिति को बधाई दी।
कार्यक्रम के अंत में विधायक श्री कश्यप ने इस महोत्सव में अपनी पूर्ण सेवा भावना के साथ काम करने समिति के सदस्यों, आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता के प्रतिभागियों, बांस शिल्प के कलाकारों आदि को प्रशस्ति पत्र एवं शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन नारायण प्रसाद साहू और रीना मंडल ने किया। वहीं आभार प्रदर्शन पंखुड़ी सेवा समिति की अध्यक्ष खुशी ने किया।
ज्ञात हो कि इस महोत्सव में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार सहित प्रदेश के जांजगीर चांपा, रायपुर, कोण्डागांव और नारायणपुर के कलाकारों ने बस्तर आर्ट, बेलमेटल ज्वेलरी, माटीकला, लौह शिल्प, बांस शिल्प, हैण्डलुम एवं हैंडीक्राफ्ट, काटन ड्रेस, ड्राईफ्लावर, चेदरी साड़ी, बेलमेटल, टेराकोटा, डिजाईनर ज्वेलरी, जरदोजी वर्क, चिकन वर्क, वूडन आर्ट, जयपुरी लाख, बैंगल होम डेकोर, साउथ पर्ल, कारपेट, कश्मीरी शॉल, सहारनपुर, फर्नीचर, बम्बू फर्नीचर, सिल्क मटेरियल, कोसा साड़ी फलकारी आदि के स्टॉल लगाये थे।