रायगढ़
![17 साल पहले छोड़ा था घर, पुलिस ने खोजा तो खुशी में झूम उठा परिवार 17 साल पहले छोड़ा था घर, पुलिस ने खोजा तो खुशी में झूम उठा परिवार](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/165105134301.jpg)
नाम बदलकर देवभोग में किराए के मकान में रहता था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारगढ़ /गरियाबंद, 27 अप्रैल। घर से लापता युवक, जिसकी घरवाले उम्मीद ही छोड़ चुके थे, जब 17 साल बाद सामने आया तो घरवालों की खुशी का ठिकाना ना रहा। ऐसा ही एक मामला गरियाबंद जिले में सामने आया है। जहां रायगढ़ जिले के कोसीर गांव में रहने वाला एक युवक आज 17 साल बाद घरवालों से मिला।
मामला देवभोग थाना का है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी बसंत बघेल की सक्रियता के कारण यह संभव हो पाया है। युवक के परिजन देवभोग थाना पहुंचे और अपने बिछड़े सदस्य से मिलकर भावुक हो गए। एक दूसरे के गले मिले, मिठाई खिलाई और देवभोग पुलिस का परिजनों ने आभार व्यक्त किया।
युवक का नाम बिरजू उर्फ दाऊ सोनी (47) है। दाऊ के मुताबिक अमीर बनने का सपना लेकर उसने 2005 में घर छोड़ दिया था। कुछ दिन रायपुर में रहकर उसने पेंटिंग का काम सीखा ओर फिर उसके बाद से वह किराए का मकान लेकर देवभोग में रहकर पेंटिंग का काम कर रहा था। अचानक एक दिन देवभोग पुलिस ने उसे बुलाया और उसका स्थायी पता पूछा। देवभोग पुलिस ने उसके परिजनों से संपर्क किया और आज उसके परिजन एवं मित्र उसे लेने यहाँ पहुंचे है।
दाऊ ने बताया कि उनके घर की हालत ठीक नहीं थी। मेहनत मजदूरी करके किसी तरह उनका घर चल रहा था। वह मेट्रिक पास होने के बाद भी कुछ नहीं कर पा रहा था। गांव के लोग भी ताने दे रहे थे। इसलिए एक दिन उसने घर छोड़ दिया। दाऊ ने बताया कि वह बड़ा आदमी बनकर घर जाना चाहता था। ताकि गांव में मान सम्मान मिले और उसके घरवाले अच्छा जीवन जी सके। मगर उसके सपने पूरे नहीं हो सके।
आश्चर्य चकित हुए परिजन
आज जब उसके दोनों भाई और दोस्त उसे लेने देवभोग पहुंचे तो माहौल ही बदल गया। देवभोग पुलिस ने उन्हें आपस में मिलाया। मझले भाई उदय सोनी को यकीन ही नहीं था कि उनका भाई इतने वर्षों बाद उन्हें कभी दोबारा मिल पायेगा। हालांकि उनके बाल सखा राधा किशन जांगड़े को यकीन था कि उनका दोस्त गलत कदम नहीं उठा सकता और एक दिन वह जरूर गांव वापिस लौटेगा। बड़े भाई अजित सोनी देवभोग पुलिस का आभार व्यक्त करते थकते नजर नही आये। उन्होंने कहा कि देवभोग पुलिस की बदौलत ही ही आज वे अपने भाई से मिल पाने में सफल हुए है।
फफक पड़े परिजन और दोस्त
बिरजू उर्फ दाऊ को लेने पहुंचे बड़े भाई अजित सोनी व मंझले उदय ने कहा कि हम तो मान चुके थे कि अब दाऊ दुनिया में नहीं होगा। बिरजू को देखते ही गले लग कर सभी फफक-फफक कर रो पड़े। खुशी के आंसू दोनों ओर से बहते रहे। परिजनों ने देवभोग पुलिस का आभार जताया, उन्हें फूल भेंट कर सम्मानित किया। परिजनों जिला एसपी जेआर ठाकुर के प्रति भी आभार जताया।
थाना प्रभारी बसंत बघेल ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत जब किरायेदारों की वैरिफिकेशन की तो दाऊ का मामला खुलकर सामने आया। पहले तो दाऊ ने सच्चाई नहीं बताई मगर जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सबकुछ खुलकर बता दिया। उसके बाद कोसीर पुलिस से संपर्क कर दाऊ के परिजनों से बात की गई। आज उसके परिजन उसे लेने देवभोग पहुंचे है। बिरजू उर्फ दाऊ सोनी का अमीर बनने का सपना तो भले ही पूरा ना हो पाया हो मगर बिछड़े परिवार से मिलने के बाद वह भी बेहद खुश है और अब परिवार वालों के साथ गांव में रहकर ही मेहनत मजदूरी की बात कह रहा है।