बेमेतरा
जमीन के दस्तावेजों के साथ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड रायपुर में दिया आवेदन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 8 मई। विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बोरिया में स्टील प्लांट की स्थापना के लिए 10 जनवरी को जनसुनवाई हुई थी। जनसुनवाई में 38 खसरा नंबर और 19.16 हेक्टेयर रकबा को शामिल किया गया था। जिसमें से 6 खसरा नंबर और 2.77 हेक्टेयर जमीन को जनसुनवाई में शामिल किए जाने पर दुर्ग निवासी लुनिया परिवार ने आपत्ति दर्ज कराई है। जमीन के स्वामित्व से सम्बंधित दस्तावेज आपत्ति के साथ प्रस्तुत किया है। जिसमे आपत्ति के निराकरण होने तक बेमेतरा कलेक्टर और पर्यावरण संरक्षण बोर्ड रायपुर से उद्योग स्थापना को लेकर एनओसी समेत अन्य अनुज्ञप्ति जारी करने नही करने का आग्रह किया है। बेमेतरा कलेक्टर को आपत्तिकर्ता आलोक लुनिया द्वारा सौपे गए आवेदन के अनुसार नीर गंगा इस्पात प्राइवेट लिमिटेड ग्राम बोरिया के द्वारा जन सुनवाई के लिए शासन को झूठी और भ्रामक जानकारी दी गई है।
संबंधित कंपनी के पास भूमि के स्वामित्व नहीं है और भूमि के स्वामित्व के हस्तांतरण के संबंध में बिक्री के लिए कोई समझौता या सहमति नहीं हुई है। ऐसी स्थिति में जनसुनवाई में लुनिया परिवार की सहमति बगैर उनके स्वामित्व के 6 खसरा नंबर, रकबा 2.77 हेक्टेयर को शामिल किया जाना घोर आपत्तिजनक है।
जमीन की खरीदी से लेकर अन्य अनुज्ञप्ति के लिए राज्य सरकार दे रही सब्सिडी
जानकारी के अनुसार बेमेतरा जिला में उद्योग स्थापना को लेकर राज्य सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर उद्योगपतियों को सब्सिडी दी जा रही है। जिसमें जमीन की खरीदी से लेकर अन्य अनुज्ञप्ति के लिए राज्य सरकार सब्सिडी दे रही है। बेमेतरा जिला में स्टील प्लांट समेत अन्य उद्योगों की स्थापना के लिए 11 उद्योगपतियों की ओर से आवेदन किया गया है।जिनमें से चार उद्योग स्थापना को लेकर बेमेतरा विधानसभा के ग्राम सरदा, बोरिया, नेवनारा और मुड़पार में जनसुनवाई हुई है।
उद्योग स्थापना को लेकर किसानों और जनप्रतिनिधियों ने दर्ज कराई थी आपत्ति
बेरला ब्लाक के ग्राम बोरिया में प्लांट स्थापना के लिए बुलाई गई जनसुनवाई बेमेतरा एसडीएम दुर्गेश वर्मा की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान भिलाई पर्यावरण मंडल क्षेत्रीय अधिकारी मौजूद थे। यहां प्लांट की स्थापना को लेकर ग्राम बोरिया समेत आसपास के दर्जनभर गांव के किसान व जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। जिसमें प्लांट से खेती किसानी बर्बाद होने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था। वहीं दावे के विपरीत उद्योग में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिए जाने की बात कही थी।
लुनिया परिवार ने 6 खसरा नंबर और 2.77 हेक्टेयर रकबा पर दर्ज कराई आपत्ति नीर गंगा इस्पात प्राइवेट लिमिटेड की ओर से उद्योग की स्थापना के लिए 38 खसरा नंबर 19.16 हेक्टेयर जमीन को जनसुनवाई में शामिल किया गया । इसमें से दुर्ग निवासी लुनिया परिवार ने खसरा नंबर 1351, 1546, 1547, 1352, 1543, 1545 कुल रकबा 2.77 हेक्टेयर को जन सुनवाई में शामिल किए जाने पर पर्यावरण संरक्षण बोर्ड रायपुर व बेमेतरा कलेक्टर के समक्ष मालिकाना हक के साक्ष्यों के साथ आपत्ति दर्ज कराई। जिसमें मालिकाना हक से संबंधित रेवेन्यू विभाग के दस्तावेज ऋण पुस्तिका आदि सौपे गए हैं।
क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई विजय पोर्ते का कहना है कि दुर्ग निवासी लुनिया परिवार की ओर से रेवेन्यू दस्तावेजो के साथ आपत्ति दर्ज कराई गई है। निराकरण के लिए प्रकरण को पर्यावरण मंडल मुख्यालय रायपुर और बेमेतरा कलेक्टर को भेजा गया है। जमीन संबंधी प्रकरण का निपटारा राजस्व विभाग की ओर से किया जाना है। वही राजस्व मंडल की रिपोर्ट के आधार पर एनओसी राज्य कार्यालय से जारी होगा।
कलेक्टर भोस्कर विलास सनदीपान का कहना है कि जनसुनवाई पर्यावरण मंडल की ओर से बुलाई जाती है।शासन के आदेश पर प्रशासनिक व्यवस्था बनाने और सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिला प्रशासन सहयोग प्रदान करता है। दूसरे के स्वामित्व की जमीन को जनसुनवाई में शामिल किए जाने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई। इस सम्बंध में रिपोर्ट पर्यावरण संरक्षण बोर्ड रायपुर को भेजी जाएगी। मामले में कार्रवाई पर्यावरण संरक्षण बोर्ड की ओर से की जानी है।
एनआईपीएल डायरेक्टर सुभाष अग्रवाल का कहना है कि जमीन का मालिकाना हक लुनिया परिवार दुर्ग के पास है।उनकी मौखिक सहमति पर उनके स्वामित्व की जमीन को जनसुनवाई में शामिल किया गया था। अब वे मुकर रहे हैं।