बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 5 जुलाई। राज्य शासन कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों में मौसम आधारित फसल बीमा कराने हेतु खरीफ मौसम में 15 जुलाई तक का समय तय किया गया है। उद्यानिकी फसलों की खेती कर रहे किसानों को विपरीत मौसम जैसे-कम तापमान, अधिक तापमान, बीमारी अनुकूल मौसम, कीट व्याधियों का प्रकोप लगातार अवर्षा की स्थिति निर्मित होना, ओला वृष्टि आदि से होने वाले नुकसान से बचाने के लिये पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू की गई है।
खरीफ फसल 2022 में जिले के अंतर्गत बीमा कराने वाले कृषकों को अधिसूचित फसल के अनुसार निर्धारित कुल बीमित राशि का अधिकतम 5 प्रतिशत अथवा वास्तविक प्रीमियम जो भी कम हो राशि कृषक अंश के रूप में ऋणी एवं अऋणी दोनों प्रकार के कृषकों को जमा करने होंगे। अऋणी कृषक फसल लगाने का स्व घोषित प्रमाण पत्र, नक्शा खसरा, आधार कार्ड, अपने बैंक पासबुक छायाप्रति जिसमें आईएफएससी कोड इत्यादि का उल्लेख हो, जमा कर बीमा करा सकते है। योजना के अंतर्गत ऋणी कृषकों के लिये विकल्प चयन के आधार पर क्रियान्वित होगी।
ऋणी कृषक जो योजना में शामिल नहीं होना चाहते हैं उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी चयन प्रपत्रानुसार हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा आवेदन की अंतिम तिथी के 7 दिवस पूर्व तक संबंधित वित्तीय संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। निर्धारित समय सीमा में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर संबंधित बैंक द्वारा संबंधित मौसम के लिये स्वीकृति व नवीनीकृत की गई अल्पकालीन कृषि ऋण को अनिवार्य रूप से बीमाकृत किया जावेगा। इस मामले में किसी भी प्रकार की त्रुटि संबंधित बैंक किसानों के स्वीकार दावों के भुगतान के लिये उत्तरदायी होगा।
बीमा के दायरे में आयेंगी ये फसलें - टमाटर, केला, बैगन, मिर्च, अदरक, पपीता और अमरूद की फसलें खरीफ मौसम हेतु फसल बीमा के लिये अधिग्रहित की गई है।