गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 19 जुलाई। छग के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छोड़े जाने पर भाजपा के पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ने भूपेश सरकार को घेरते हुए कहा है कि सिंहदेव जी द्वारा लिया गया निर्णय और कही गई बातें अनपेक्षित नहीं हैं। ढाई-ढाई साल वाले फार्मूले के चलते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा उन्हें किस कदर मानसिक तौर पर प्रताडि़त किया जा रहा है? यह उनके द्वारा मुख्यमंत्री बघेल को भेजे गए 4 पन्नों के पत्र से स्पष्ट है। मुख्यमंत्री बघेल द्वारा उन्हें बिना हथियार के सिपाही बना दिया गया है। कमोवेश यही स्थिति पूरे मंत्रिमंडल की है। मुख्यमंत्री बघेल द्वारा केवल दिखावे के लिए 12 मंत्री बनाए गए हैं और रिमोट खुद के हाथों में रखा गया है।
श्री साहू ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कारण छत्तीसगढ़ के 8 लाख गरीब और जरूरतमंद लोगों के प्रधानमंत्री आवास नहीं बन पाए। यही नहीं आदिवासी भाई-बहनों के अधिकारों के संरक्षण वाले महत्वपूर्ण ‘‘पेसा कानून’’ के स्वरूप में छेड़छाड़ की गई। यह दोनों आरोप भाजपा नहीं लगा रही है बल्कि खुद सिंहदेव जी ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है। श्री साहू ने कहा कि सिंहदेव जी ने अपने पत्र में प्रदेश में चल रहे अफसरराज, जो कि लोकतंत्र के विपरीत है, को भी उजागर किया है। अफसरशाही के ही चलते छत्तीसगढ़ में अफसर किस प्रकार अपनी झोली भरने में लगे हुए हैं, इसका एक नजारा पिछले दिनों मुख्यमंत्री की बेहद करीबी अफसर सौम्या चौरसिया के ठिकाने पर ईडी द्वारा की गई छापेमारी में प्रमाणित हो चुकी है। अंत में श्री साहू ने कहा कि 5 पीढिय़ों से कांग्रेस की सेवा कर रहे परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य सिंहदेव जी ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आईना दिखाया है। 8 लाख गरीबों को बेघर रखने और आदिवासी भाइयों के पेसा अधिनियम से खिलवाड़ करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगनी चाहिए और अगर उनमें जरा भी नैतिकता बची हुई है तो तत्काल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर प्रायश्चित करना चाहिए।