बेमेतरा

बेमेतरा में स्वाइन फ्लू से पहली मौत
28-Aug-2022 2:14 PM
बेमेतरा में स्वाइन फ्लू से पहली मौत

  इलाज के दौरान भिलाई के निजी अस्पताल में हुई मौत  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 28 अगस्त।
देवकर नगर के निकटवर्ती ग्राम सहसपुर में स्वाइन फ्लू से होने वाली मौत का जिले में यह पहला मामला सामने आया है। 
मृतक के परिजन ने बताया कि मृतक की तबीयत 5 अगस्त को अचानक खराब हो गई थी। मृतक को सीने में दर्द वह सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसे देखते हुए परिजनों ने रायपुर के एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां पर मृतक का ब्लड टेस्ट, कोरोना टेस्ट व अन्य कई टेस्ट हुए जिस पर स्वाइन फ्लू जैसा हल्का लक्षण दिखाई दे रहा था। लक्षण को देखते हुए डॉक्टरों ने बुजुर्ग को एम्स से मेकाहारा रिफर किया, जहां पर इलाज नहीं होने के चलते परिजन बुजुर्ग को कुछ दिन पूर्व घर ले आए थे, जहां उनकी तबीयत सामान्य थी, तभी अचानक गुरुवार रात को तबीयत बिगड़ी तो आनन-फानन में भिलाई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां शुक्रवार की शाम बुजुर्ग का देहांत हो गया। 
मृतक के परिजन ने बताया कि अत्यधिक धूम्रपान करने की वजह से उनके फेफड़े में पानी चला गया था जिसकी वजह से उनको सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और सीने में दर्द हो रहा था।


परिजनों ने किया इंकार 
मृतक के परिजन (बेटे) ने अपने पिता को स्वाइन फ्लू होने से इंकार किया। परिजन ने बताया कि मृतक अत्यधिक धूम्रपान किया करता था जिसके चलते हैं उनको सांस लेने में तकलीफ व सीने में दर्द होना आम बात थी पर एम्स के डॉक्टर ने जो जांच की उस पर उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि मृतक को स्वाइन फ्लू है और न ही हमें इस बात की जानकारी दी गई। जब भिलाई के निजी अस्पताल में देहांत हुआ, तब हमें इस बात की जानकारी दी गई। स्वाइन फ्लू होने से संबंधित किसी भी तरीके का कोई वैध दस्तावेज हमें नहीं दिया गया है।

क्या है स्वाइन फ्लू ?

डॉक्टरों ने बताया, स्वाइन फ्लू या एच1 एन1 इंफ्लूएंजा भी सामान्य इंफ्लूएंजा यानी सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों वाला ही होता है। अंतर यह है कि सामान्य सर्दी-जुकाम अधिकतम तीन दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन स्वाइन फ्लू में यह कई दिनों तक चलता है। इससे श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दिल, किडनी, फेफड़े, रक्तचाप, कैंसर आदि की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह फ्लू घातक हो सकता है।

संक्रमण से बचाव के लिए यह करना जरूरी 

स्वाइन फ्लू संक्रमण से बचाव का सबसे बेहतर उपाय शारीरिक दूरी ही है। भीड़-भाड़ से परहेज करें। सार्वजनिक जगहों पर फेस मास्क लगाएं। हाथों को साबुन पानी अथवा सेनिटाइजर से धोते रहें। सर्दी-जुकाम की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क कर संक्रमण की संभावना को टाला जा सकता है।


उपेन्द्र हंसा, सरपंच प्रतिनिधि ,ग्राम पंचायत-सहसपुर का कहना है कि एम्स में भर्ती के दौरान मरीज की सेहत में सुधार हो गया था। पर अचानक तबीयत बिगडऩे से आनन-फानन में भिलाई के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मरीज की मृत्यु हो गई ,जिनका अंतिम संस्कार शनिवार को कोविड प्रोटोकॉल के तहत गांव में किया गया।


धनराज मरकाम, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व- साजा का कहना है कि मृतक के परिजन को शव सुपुर्द करने के लिए मेरे द्वारा निजी हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया गया था एवं कोविड प्रोटोकॉल के तहत दाह संस्कार करने के निर्देश दिए गए थे। जानकारी मिली कि शनिवार को कोविड प्रोटोकॉल के मापदंडों के तहत पीपीटी किट पहन कर दाह संस्कार किया गया है।


खेमराज सोनवानी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी-बेमेतरा का कहना है कि मरीज को स्वाइन फ्लू की पुष्टि एम्स के द्वारा किया गया है। परिजनों पर स्वाइन फ्लू से संबंधित कोई संक्रमण न आए करके चिकित्सा विभाग की टीम ने परिवार जनों को दवाइयां दे दी हैं और उन्हें हिदायत भी दी गई है लक्षण दिखने पर तत्काल शासकीय चिकित्सालय में जाकर इलाज करावे या मितानिन से संपर्क करें।

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