रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 दिसंबर । आरक्षण विधेयक संशोधन विधेयक को राजभवन में अटके 30 दिन पूरे हो गये हैं।
कांग्रेस संगठन - सभी 71 विधायक राज्यपाल से विधेयक मंजूर करने की मांग को लेकर 3 जनवरी को रायपुर में जनअधिकार रैली निकालेगी। जिसमें प्रदेश भर से 1 लाख से अधिक युवा आरक्षण विधेयक पर भाजपा के असली चरित्र को जनता के सामने लायेंगे। सांइस कालेज मैदान सामाजिक न्याय की मांग का सूत्र धार बनेगा। इसमें शामिल होने पीसीसी चीफ मरकाम ने सर्व समाज के अध्यक्षों को पत्र लिखा है।और शनिवार को मरकाम, राजीव भवन में इन समाज प्रमुखों से मुलाकात कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा आरक्षण विधेयक पर राजभवन की आड़ में राजनीति कर रही है। भाजपा और संघ के राष्ट्रीय नेता तथा राज्य के नेता एक राय होकर सर्व समाज के आरक्षण को राजभवन में रोकवा कर रखे हुये है। आरक्षण बढ़ाने संबंधी विधेयक जब कर्नाटक विधानसभा में पारित होता है तब वहां पर राज्यपाल हस्ताक्षर करते है जब वैसा ही आरक्षण विधेयक छत्तीसग? विधानसभा और झारखंड विधानसभा में पारित किया जाता है तो राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं करती है। कर्नाटक में भाजपा सरकार ने विधेयक बनाया श्रेय आपकी पार्टी (भाजपा) को मिलेगा तो वहां ठीक छत्तीसगढ़, झारखंड में कांग्रेस की सरकार है वहां विरोध कर रहे। मरकाम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि भाजपा आरक्षण विधेयक पर अपना मत स्पष्ट करें वह आरक्षण संशोधन विधेयक के किस पहलू से असहमत और क्यों राजभवन में आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होने दे रही है? भाजपा को आदिवासी समाज को दिये गये 32 प्रतिशत आरक्षण पर आपत्ति है अथवा वह अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये किये गये 27 प्रतिशत आरक्षण से असहमत है? भाजपा को इस बात का विरोध है कि नये आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति के लिये किये गये 13 प्रतिशत आरक्षण के लिये विरोध कर रही है या गरीब सवर्णों के 4 प्रतिशत आरक्षण के विरोध में भाजपा है। भाजपा की नीयत आरक्षण पर शुरु से संदिग्ध है।