रायपुर
शिक्षा के बाजारीकरण एवं साम्प्रदायिकरण का किया विरोध
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 दिसंबर। एस एफ आई की स्थापना की 52 वी वर्षगांठ के अवसर पर रायपुर इकाई के कार्यकर्ताओं ने आज शाम 5.30 बजे अंबेडकर चौराहे पर , जनगीत और ओजस्वी नारों के साथ सभा की और स्थापना दिवस मनाया।
एस एफ आई छत्तीसगढ़ संयोजन समिति के सदस्य सम्यक जैन ने बताया कि सायं 5.30 बजे एस एफ आई के स्थापना दिवस पर आयोजित सभा आयोजित की गई।
महापात्र ने कहा कि आज के समय में जब शिक्षा को पूरी तरह से सांप्रदायिक जामा पहनाने की कोशिश हो रही है, जब शिक्षा को सिर्फ धन्नासेठों की संतानों के लिए सुरक्षित करने की लगातार कोशिश जारी है, एस एफ आई जैसे संगठन की देश को जरूरत है, खुशी की बात है कि सिर्फ एस एफ आई पूरे दमखम के साथ केंद्र सरकार की फासीवादी शिक्षनीति के खिलाफ लगातार लड़ रही है। अजय कन्नोज़े ने एवं विवेक सान्याल ने हा कि रायपुर में एस एफ आई पुन: संगठित हुई है। उन्होंने छात्रों को स्थापना दिवस की बधाई देते हुए भगतसिंह के सपनो का भारत बनाने की लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने का आव्हान किया। साथी राजेश अवस्थी ने अपने उद्बोधन में नई शिक्षा नीति के जरिए शिक्षा के भगवाकरण करने की केंद्र सरकार की कोशिशों की निंदा करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति देश के आम मजदूर किसानों और गरीबों को स्कूल कालेज से बाहर करने की साजिश है, साथ ही विज्ञान परक और तर्कपूर्ण शिक्षा के बजाय युवाओं के दिमाग में जहर भरने वाली पाठ्यचर्या लागू करने की कोशिश है ,
सभा को जसमीत बग्गा, वारिस हुसैन, मानसी ठक्कर, गुनगुन मिश्र, सान्या, सौम्या प्रसाद, संकेत नाग ने भी संबोधित किया , जन नाट्य मंच के साथी शेखर नाग के साथ कार्यकर्ताओं ने जनगीत गाया इसके अलावा मानसी, वारिस और सम्यक ने भी जनगीत प्रस्तुत किया
सभा में वारिस हुसैन, धनराज सिंह, ज्योति नागरवाल, देवगुरु पांडे, खुशी साहू, सान्या डेनियल, पीताम्बर, जसमीत बग्गा, मानसी ठक्कर, अनर्व अवस्थी, संकेत नाग, सौम्य प्रसाद, आराध्य मिश्रा, गुनगुन मिश्रा, प्रवीण दीक्षित, सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे । इस मौके पर संगठन का ध्वज भी फहराया गया ।