धमतरी

वन विभाग ने अतिक्रमणकारियों के घरों पर चलाया बुलडोजर
05-Jan-2023 4:45 PM
वन विभाग ने अतिक्रमणकारियों के घरों पर चलाया बुलडोजर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी,  5 जनवरी।
नगरी ब्लॉक का 26 परिवारों के झोपड़ी पर चला बुलडोजर 26 परिवार हुए बेघर हुए। वन परिक्षेत्र अरसीकन्हार के घोरागाँव में जंगल में अतिक्रमण  कर झोपड़ी बनाकर निवास कर रहे थे। पूरा मामला उदंती सीतानदी टाइगर रिर्जव के अंतर्गत नगरी ब्लॉक का है  जहाँ कक्ष क्रमांक 386 के बफर एरिया में 26 परिवार द्वारा वन भूमि में  अतिक्रमण कर लकड़ी मिट्टी से झोपड़ी बनाकर 2 साल से  निवास कर रहे थे, जिसे वन विभाग द्वारा जेसीबी मशीन से तोडक़र हटाया गया है। झोपड़ी बनाने के लिए उपयोग की गई लकड़ी को वन विभाग द्वारा जब्ती बनाई गई है। वन भूमि में अतिक्रमण करने वाले लोगों के ऊपर भी कार्रवाई करते हुए साथ में सभी महिला, पुरुष बच्चों को अपने सरकारी गाडिय़ों में बैठाकर न्यायालय लाया गया।

उदंती सीता नदी अभ्यारण क्षेत्र के अरसीकन्हार  रेंज स्थित घोरागांव के 26 परिवारों ने 15 हेक्टेयर वन भूमि के करीब डेढ़ हजार पेड़ काटकर 26 झोपडिय़ा बना ली थी। वन विभाग ने ड्रोन सर्वे किया तो इसका खुलासा हुआ। इसके बाद वन विभाग ने कब्जा धारियों को तीन बार नोटिस दिया जवाब नहीं मिलने पर मंगलवार को वन विभाग के अफसरों ने राजस्व और पुलिस के साथ मिलकर 9 से 6 बजे तक अतिक्रमण हटाया।
 जंगल से काटे गए पेड़ों से ही चौकडिय़ा बनाई थी। वन विभाग से बचने मिट्टी का लेप लगा दिया गया था ऐसा कर जंगल में अतिक्रमण किया था। जानकारी के अनुसार इन सब लोगों के पास गांव में पक्के मकान हैं इन लोगों ने जंगल काट कर कब्जा किया था ताकि आगे एक बस्ती बसाई जा सके।

उदंती सीतानदी अभ्यारण के एसडीओ पी.के. लकड़ा ने बताया कि जिस घोरागांव के जंगल में अतिक्रमण हुआ था वह 3 साल पहले 2019 में घनघोर जंगल था इस एरिया में जंगली जानवरों का बसेरा था, क्योंकि यह एरिया सीता नदी अभ्यारण का बफर जोन है घोरा गांव के ही करीब 26 परिवारों ने जंगल में कब्जा किया था वन विभाग के मुताबिक डेढ़ हजार से अधिक पेड़ काटे गए हैं। इसका खुलासा जंगल से बचे टूट से हुआ 2022 के मार्च-अप्रैल में वन विभाग में ड्रोन सर्वे किया था तो जंगल गायब दिखा कुछ पेड़ ही दिखे। इस स्थिति को देखते हुए वन विभाग द्वारा अतिक्रमण कार्यों को हटाने की कार्रवाई की गई।

सीता नदी उदंती अभ्यारण के डीएफओ वरुण जैन ने कहा कि करीब 15 हेक्टेयर वन भूमि में घोरागांव के 26 परिवारों ने अतिक्रमण किया था सभी के पास खुद का घर है फिर भी उन्होंने पेड़ को काटकर कब्जा किया पेड़ों को काटने और जंगल में अतिक्रमण के मामले पर लगभग 15 हेक्टेयर वन भूमि में पेड़ों की कटाई कर पेड़ों को क्षति पहुँचाया गया है।

अतिक्रमण करने वालों के ऊपर नियमत: कार्रवाई की गई है। दो वर्ष से जंगल की कटाई की ड्रोन और मेप के माध्यम से सर्वे किया गया है। अवैध कब्जा धारियों को नियमत तीन बार नोटिस देने के बाद अतिक्रमण की कार्रवाई की गई।
अतिक्रमणकारियों का कहना है कि यहां हमारे पूर्वज भी 20 साल पहले निवास करते थे किसी कारणवश यहां से वापस चले गए थे ठीक अभी 2 साल पहले से हम लोग वापस निवास कर रहे परिवार बढ़ रहा है, तो हम जंगलवासी कहां जाएंगे। हम तो फिर वापस आकर इस जंगल में अपना निवास स्थान बनाएंगे।
अतिक्रमण कार्रवाई में एसडीओ पी.के. लकड़ा सहित वन विभाग के कर्मचारी के साथ नगरी थाना प्रभारी दिनेश कुर्रे तहसीलदार सहित काफी संख्या में पुलिस बल व राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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