बेमेतरा

यूडीआईसी प्रोजेक्ट के तहत जारी हुआ 4040 यूनिक कार्ड
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 20 जनवरी। दिव्यांगों की पहचान के लिए यूडीआईसी प्रोजेक्ट के तहत जिले के चारों ब्लाक को 4040 यूनिक आईडी कार्ड जारी किया गया है। जिले में पांच वर्ष तक चलाये गये इस प्रोजेक्ट के तहत शत-प्रतिशत दिव्यांगों को आईडी जारी करने के मामले में पूरे प्रदेश में जिला टॉप पर है। जानकारी हो कि दिव्यांगजनों को एकल प्रमाण पत्र के तौर पर यूनिक आईडी बनाने के लिए बीते 2018 से पूरे प्रदेश में प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। जिले भर के दिव्यांगों से आनलाईन यूनिक आईडी कार्य के लिए फार्म भराया गया। साथ ही शिविर लगाकर लोगों को जागरूक किया गया। जिसके बाद बनाये गये यूनिक आईडी से दिव्यांगों को नई पहचान मिला है। जिसके बाद जिससे दिव्यांगों के लिए बनी योजनाओं में पारदर्शिता आने के साथ आसानी से उनका लाभ भी मिलने लगा है।
एकल दस्तावेज के तौर पर स्वीकार्य
यूडी आईडीधारी दिव्यांगजनों को अनेक दस्तावेज के बजाए एकल दस्तावेज के तौर पर आईडी का उपयोग कर रहे हैं। जिससे अनेक दस्तावेज रखने की समस्या से निजात मिला है। यूनिक कार्ड में धारक के सभी दस्तावेज का विवरण दर्शाया गया है। आने वाले समय की सभी योजनाओं का लाभ युनिक आई डी कार्ड से मिल सकेगा। जिससे पहचान, सत्यापन के लिए एक मात्र एकल दस्तावेज होगा। आईडी लाभार्थी के लिए भौतिक एवं वित्तीय सर्च के लिए ग्रामीण स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कार्ड मान्य किया गया है।
2019 में 3043 थे जो बढक़र 4042 हो चुका
समाज कल्याण विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार जिले में योजना के एक साल तक किए गए सर्वे के बाद दिसंबर 2019 की स्थिति में 3043 दिव्यांग थे जिसमें से 2184 अस्थि बाधित, 227 दृष्टि बाधित, 252 श्रवण बाधित, 294 मानसिक, 58 मूक बधिर, 25 बहुविकलांग, कुष्ठ रोग दिव्यांग, 2 बौनापान, 87 दिव्यांग 40 प्रतिशत से कम, 2956 दिव्यांग 40 फीसदी से अधिक दिव्यांग की संख्या 2956 है। जिले में वर्तमान में सभी वर्ग के दिव्यांग की संख्या 4040 पहुंच चुका है। जिले में दिव्यांग की पहचान के लिए एक बार फिर सर्वे किया जा रहा है। अब दिव्यांग की सूची में कुल 21 प्रकार की दिव्यांगता को शामिल किया गया है जिसमें कम दिखाई देना, पठन पाठन ,भाषा संबंधी दिव्यांगता, पार्किसन्स डिजीज, एसीड अटैक, रक्त विकार, जिसमें सिंकलसेल, हिमोफोलिया, थैलीसिमीया आदि है।
आईडी कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेज
समाज कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिव्यांगों के लिए यूनिक आईडी कार्ड बनाने के लिए आवेदन में 19 बिन्दुओं में जानकारी भरी जाती है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, वोटर आईडी, दिव्यांगता दर्शित पासपोर्ट साईज फोटो, शैक्षिणक योग्यता, मेडिकल सर्टिफिकेट, दस्तावेजों की छायाप्रतिलिपि सहित हस्ताक्षर व अगूंठे का निशान, मोबाईल नम्बर, पूर्ण पता, रोजगार संबंधी जानकारी, विवाह से संबंधित जानकारी, पहचान चिन्ह, दिव्यांग होने का कारण जन्म व दुर्घटना, दुर्घटना होने पर घटना की तारीख, ब्लड ग्रुप, वर्ग की जानकारी दी जानी है।
योजनाओं में आएगी पारदर्शिता
दिव्यांगों की शारीरिक व वित्तीय प्रगति पर नजर रखने में मद्द मिलेगी। साथ ही दिव्यांगों के लिए बनी योजनाओं में पारदर्शिता आने के साथ आसानी से उनका लाभ मिलेगा। दिव्यांगों को विशेष यूनिक आईडी कार्ड यानी यूनिक डिसीबलीटी आईडेंटी कार्ड से खुद की पहचान मिला। सरकार ने इस दिशा में पहल कर दिव्यांगों को उनकी पहचान दिलाने के लिए कार्य किया गया है। दिव्यांगों के संपूर्ण दस्तावेजों की जानकारी समाज कल्याण विभाग में जमा करने के बाद पहचान के लिए यूनिक आईडी कार्ड जारी किया गया है।
शत प्रतिशत दिव्यांगों को आईडी जारी
उपसंचालक समाज कल्याण विभाग बरखा काशू ने बताया कि दिव्यांगों में विशेष पहचान के लिए विभाग में यूनिक आईडी कार्ड समय सीमा पर बनाया गया। जिले में शत-प्रतिशत दिव्यांगों को यूनिक आईडी कार्ड जारी किया गया है। यूनिक आईडी बनाने में जिला पूरे प्रदेश में प्रथम है।