गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 22 फरवरी। जिले के फिंगेश्वर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम चैतरा में एक बाल विवाह होने की तैयारी चल रही थी। विगत 13 फरवरी 2023 को जिला बाल संरक्षण इकाई (मबावि) एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम द्वारा घटना स्थल पर पहुंच कर बालिका की आयु संबंधी दस्तावेज पांचवीं की अंकसूची के आधार पर बालिका की आयु सत्यापन किया गया। जिसमें उसकी आयु 17 वर्ष 21 दिन होना पाया गया। बालिका का विवाह 22 फरवरी को तय किया गया था।
जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम के अधिकारियों ने बताया कि विवाह के लिये बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बालिका की आयु 18 वर्ष एवं लडक़े की आयु 21 वर्ष पूर्ण होना अनिवार्य है। निर्धारित आयु से कम आयु में महिला/पुरूष का विवाह करने या करवाने की स्थिति में सम्मिलित व सहयोगी सभी लोग अपराध की श्रेणी में आते है। जिन्हें 2 वर्ष तक का कठोर कारावास एवं 1 लाख रुपये का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम द्वारा अग्रिम कार्रवाई करते हुए बालिका के माता-पिता व परिवार वालों एवं ग्रामीणजनों को समझाइश दिया कि बालिका की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने पश्चात ही विवाह करें। सभी लोग बाल विवाह रोकथाम टीम की समझाइश पर सहमति जताई।
टीम द्वारा उपस्थित ग्रामीणजनों से आग्रह किया कि निर्धारित आयु सीमा के पश्चात ही विवाह करें। जिससे बालक-बालिका के शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण, परिवार नियोजन आदि में बेहतर सुधार में योगदान दिया जा सके। अभियान में जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के निगरानी में प्रेमशंकर यादव (परामर्शदाता) एवं चाईल्ड लाईन 1098 से टीम मेम्बर पोखन ध्रुव एवं फिंगेश्वर पुलिस बल शामिल थे।