गरियाबंद
![राजिम में हो रहा 9 दिवसीय हरिहरात्मक यज्ञ, 27 नवंबर को होगा समापन राजिम में हो रहा 9 दिवसीय हरिहरात्मक यज्ञ, 27 नवंबर को होगा समापन](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17007296853.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 23 नवंबर। राजिम में श्रीराजीव लोचन मंदिर परिसर के पास 9 दिवसीय हरिहरात्मक यज्ञ 19 नवंबर से शुरु हुआ है। यह यज्ञ बनारस से पहुंचे 51 ब्राह्मण कर रहे हैं। आयोजकों ने कहा कि अपने आप में अनूठे इस यज्ञ की ख्याति हर जगह हो रही। इससे पहले ऐसा आयोजन क्षेत्र में पहले कभी नहीं हुआ। यहां दिन प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है। अक्षय नवमी से श्रीमद भागवत महापुराण का पाठ काशी के विद्वान डॉ. बृजेश मणि त्रिपाठी द्वारा किया जा रहा है।
प्रतिदिन यज्ञ स्थल परिसर में ही सभी आम तथा खास श्रद्धालुओं के लिए अखंड शुद्ध भंडारा का आयोजन चल रहा हैं, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रसादी ग्रहण कर रहे हैं। यज्ञ स्थल की परिक्रमा कर पुरुष वर्ग धोती दुपट्टा या कुर्ता पायजामा पहनकर ही प्रवेश कर सकते हैं। आयोजकों ने बताया कि यह यज्ञ लोगों के कल्याण के लिए किया जा रहा है। ब्रह्मचारी कौशलेंद्र ने बताया कि द्वारकाधीश भगवान की प्रेरणा एवम दिग्दर्शन से श्री सुरभि सेवा समिति, पाटोदी जिला गुरुग्राम हरियाणा के ट्रस्टीगण इस आयोजन की समस्त व्यवस्था को सम्हाल रहे हैं। सन 1962 से इस आयोजन की शुरुआत ओंकारेश्वर से हुई जो आज तक अनवरत चल रही है। देश में कुल 52 तीर्थ और 12 सहायक तीर्थ हैं ऐसे ही तीर्थों में आयोजन होता है। छत्तीसगढ़ का प्रयाग राजिम जहां के लोग भक्तिभाव से भरे हुए हैं। पूर्व दिशा में ऋग्वेद, दक्षिण दिशा में यजुर्वेद, पश्चिम दिशा में सामवेद व उत्तर दिशा में अथर्ववेद का परायण सुबह 4 बजे से प्रारंभ हो जाता है।
18 नवंबर को जलयात्रा, पंचगव्य प्रासन और प्रायश्चित से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। 19 नवंबर को सभी देवताओं का आह्वान, मंडप प्रवेश, पंचांग प्रवेश पश्चात स्थानीय वैदिक ब्राह्मण, तीर्थ पुरोहित, नगरवासी तथा क्षेत्रवासी ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। 20 को अरणी मंथन कर अग्नि प्रज्वलित कर आहुति प्रदान की गई। 27 नवंबर को पूर्णाहुति के साथ समापन होगा।