बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 23 नवंबर। समाधान महाविद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुआ। जिसका मुख्य विषय शिक्षा में श्रेष्ठता को समझना और प्रमाणित करना रहा। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. साधन भट्टाचार्य ने अपने उद्बोधन में बताया कि पहले ज्ञान ग्रहण कीजिए फिर ज्ञान देने का कार्य कीजिए।
उन्होंने आगे बताया कि लोगों ने लंबे समय अपने जीवन में जो कार्य किया उनका अनुभव ही शिक्षा है। इन अनुभव को बच्चों को बता पाना ही शिक्षा है। शिक्षक की जानकारी और अनुभव बच्चों से अधिक होती है, लेकिन वर्तमान में बच्चों की गति स्पीड शिक्षक से ज्यादा होती है। एक अच्छा विद्यार्थी बनने के लिए जिज्ञासा का होना आवश्यक है, अच्छा अध्ययन करने वाले विद्यार्थी में मुख्य तीन चीज देखने को मिलती है पहला स्मरण शक्ति, दूसरा अभ्यास और तीसरा मेमोरी में इंटरकनेक्शन।
अपने वक्तव्य में बताया कि जिस प्रकार से समय का मैनेजमेंट बच्चों को सिखाया जाता है ठीक उसी प्रकार टीचिंग को भी सिखाया जा सकता है। शिक्षा में कोई भी नियम सिद्धांत बनाया जाता है तो समाज के सामान्य नागरिकों को ध्यान में रखकर ही बनाया जाता है। यदि व्यक्ति के पास कोई ज्ञान है तो वह उसे ज्ञान को कहीं ना कहीं ट्रांसफर करेगा ही चीजों को याद करना और बार-बार याद करना तथा उनका आपसे में इंटरकनेक्शन करने के लिए कार्य से गुणवत्ता बढ़ेगी। तभी शिक्षा में श्रेष्ठता आएगा। पुराने अनुभव में शिक्षक, विद्यार्थियों से आगे रहेगा नई चीजों में विद्यार्थी, शिक्षक से आगे रहेगा। प्रत्येक शिक्षक को अपने विद्यार्थियों के गुणों का सम्मान करना चाहिए और शिक्षक के लिए सभी विद्यार्थी समान होना चाहिए यदि आप अपने कार्यों में श्रेष्ठ स्थान आते हैं तो आपको परिवार के सदस्य और आपके बच्चे आप पर गर्व महसूस करते हैं।
अपने उद्बोधन में समाधान महाविद्यालय को नैक में ए ग्रेड पर प्रसन्नता व्यक्त किया। समाधान महाविद्यालय के अध्यापक एवं विद्यार्थी महाविद्यालय से जुड़े यह सौभाग्य की बात कही। कार्यक्रम के अंत में समाधान महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ.अवधेश पटेल ने महाविद्यालय में अपना बहुमूल्य समय देने व शिक्षा में श्रेष्ठता के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए डॉ. साधन भट्टाचार्य के प्रति महाविद्यालय परिवार के तरफ से आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।