गरियाबंद
![देवउठनी : घर-आंगन में तुलसी-शालिग्राम की पूजा देवउठनी : घर-आंगन में तुलसी-शालिग्राम की पूजा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17008163641.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 24 नवंबर। गुरूवार को नवापारा और राजिम दोनों शहर सहित समूचे अंचल में देवउठनी (छोटी दीपावली) का पर्व बहुत ही धूमधाम, हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
सूर्यास्त के बाद एकादशी का व्रत रखने वाली महिलाएं एवं युवतियां घर-आंगन और मुख्य द्वार में चौक चंदन लगाकर, रंगोली बनाकर दीप प्रज्ज्वलित कर रोशन किया और तुलसी माता की पूजा-अर्चना कर आरती की। देवउठनी पर्व को लेकर सभी वर्ग के लोगों में काफी उत्साह देखा गया।
दीपावली में जिस प्रकार से लोगो ने बढ़-चढक़र इस बार खरीदी किया है कमोवेश देवउठनी में भी ऐसी ही भीड़ सुबह से लेकर शाम तक मार्केट में रही है। लोग अपने सामर्थ्य के मुताबिक ज्वेलरी शॉप पहुंचकर खरीददारी करते रहे अलबत्ता इलेक्ट्रानिक, कपड़ा और दीगर दुकानो में भीड़ न के बराबर रही। क्योंकि लोग दीपावली में बहुत ज्यादा खरीददारी कर चुके थे। देवउठनी में सिर्फ गन्ना की बिक्री बेतहाशा हुई है। पचासो स्थान पर गन्ने का पसरा लगा हुआ था।
देवउठनी को हर शुभ कार्य की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है। देवउठनी एकादशी पर्व को मिनी दीपावली के रूप में मनाए जाने की परम्परा सदियों पुरानी है। विद्वान पंडितों के मुताबिक जितने भी शुभ मुहुर्त वाले कार्य हैं शादी-ब्याह, गृह प्रवेश, लगन, मांगलिक कार्य के लिए सर्वोत्तम होता है। जिसकी शुरूआत आज तुलसी पूजा के साथ हो गई। तुलसी पूजा के समय ग्रामीण क्षेत्रो में आतिशबाजी हुई।
देवउठनी के मौके पर लोगों ने घरों को दीपमालाओं से सजाया। इसके साथ ही तुलसी चौरा को लोगों ने आकर्षक ढंग से सजाया था। घरों में स्थित तुलसी चौरा में गन्ने का मंडप बनाकर मौसमी फल बेर, मूंगफली, सिंघाड़ा, शकरकंद एवं मीठा चढ़ाते हुए तुलसी महारानी का विवाह रचाया गया और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की गई। इस मौके पर आतिशबाजी भी खूब हुई।