मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 24 फरवरी। अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ आनंद प्रकाश दीक्षित की अदालत ने नाबालिग को भगाने व रेप के जुर्म में आरोपी के दोषसिद्ध पाए जाने पर उसे 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक जीएस राय ने बताया कि दिसंबर 2021 की रात लगभग 9 बजे अभियुक्त ने ग्राम नौगई छिड्डीपारा से पीडि़ता को बहला फुसलाकर उसका व्यपहरण किया तथा विवाह का प्रलोभन देकर उसके साथ कई बार रेप किया।
पीडि़ता की मां की शिकायत के आधार पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं और पॉक्सो एक्ट के तहत कोटाडोल पुलिस द्वारा केस दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
न्यायाधीश ने कोटाडोल थानांतर्गत ग्राम नेउर निवासी अभियुक्त 20 वर्षीय शिव कुमार सिंह के दोषसिद्ध पाए जाने पर धारा 363 के अपराध में 2 वर्ष सश्रम कारावास, धारा 366 के अपराध में 5 वर्ष सश्रम कारावास, धारा 376 तथा धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अपराध में क्रमश: 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास व प्रत्येक धाराओं में अर्थदंड की सजा से दंडित किया।