बेमेतरा

अंधड़ व बारिश से गेहूं की फसल जमीन पर, किसानों ने सरकार से मांगा मुआवजा
19-Mar-2024 2:04 PM
 अंधड़ व बारिश से गेहूं की फसल जमीन पर, किसानों ने सरकार से मांगा मुआवजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 19 मार्च।
जिले में शनिवार से मौसम का तेवर बदला है। शाम होते ही आंधी-तूफान की वजह से रबी फसल की दोनों मुख्य फसलों चना व गेहूं को नुकसान हो रहा है। रबी फसल सीजन के दौरान तीसरी बार किसानों को फसल नुकसान का सामना करना पड़ा है। 40 दिन पहले ओलावृष्टि की वजह से जिले के 24 हजार से अधिक किसानों को नुकसान झेलना पड़ा। राजस्व व कृषि विभाग सर्वे कर अंतिम आंकड़ा तैयार नहीं कर पाया है। अब फिर से फसल क्षति होने की स्थिति बन गई है।

जानकारी हो कि कास्तकारी जिले के किसान रबी फसल सीजन में समय दर समय नुकसान की स्थिति का सामना कर रहे हैं। बीते शनिवार से जिले में शाम होते ही आंधी तूफान के साथ बारिश होने की वजह से खेतों में खड़ी फसल व कट चुकी दोनों फसलों को नुकसान हो रहा है। लहलहाती फसल देखकर आने वाले दो चार दिन में फसल काटकर घर लाने की तैयारी करने लगे थे कि मौसम ने किसानों को एक बार फिर दगा दे दिया है। 

किसान तातूू निर्मलकर ने बताया कि गत 3 दिन से हवाओं के साथ बारिश हो रही है, जिससे खेतों में खड़ी गेहूं की फसल जमीन पर गिर गई है, जो किसान चना व गेहूं की फसल काट चुके हैं, उनका करपा बिखर गया है। इस तरह की स्थिति की वजह से उत्पादन प्रभावित हो रहा है। ग्राम खाती निवासी नेमीचंद ने बताया कि फसल उडऩे के कारण अनेक किसानों को फसल समेटने के लिए भारी दिक्कत उठानी पड़ रही है। किसान बसंत राजपूत ने बताया कि आंधी की वजह से उसके 5 एकड़ रकबा की गेहूं जमीन तक गिर गई है।

मौसम दो दिन और बना रहा तो नुकसान होगा
उपसंचालक कृषि मोरध्वज डड़सेना ने कहा कि बीते 3 दिनो से आंधी तूफान के साथ बारिश हुई है। इसी तरह की स्थिति और कायम रही तो फसल नुकसान होने की अधिक आशंका है।

खम्हरिया के 40 गांव के किसान पहले ही नुकसान झेल चुके  
फरवरी माह के प्रथम पखवाड़े में ओला गिरने व आंधी से थानखम्हरिया तहसील के 40 गांव के किसानो को भारी नुकसान हुआ था। इसके अलावा बेमेतरा के 7 गांव, साजा के 4 गांव, नांदघाट के 10 गांव, भिभौरी व देवकर के 1-1 गांव के लगभग 24 हजार किसानों को भारी नुकसान हुआ था। नुकसान होने के बाद निर्धारित 72 घंटे के दौरान सूचना दर्ज कराने वाले किसानों को नुकसान आंकलन के लिए कृषि, बीमा व राजस्व विभाग की टीम द्वारा रेंडम चयन किया गया था, जिसके अनुसार सैंपल सर्वे किया गया। जिले में सर्वे के लिए 68 गांव की शिकायत करने वाले किसानों में से 6085 शिकायत करने वाले चयन हुआ था। सर्वे के दायरे में नहीं आने वाले किसानों का व्यक्तिगत सर्वे का आदेश जारी हुआ था। करीब एक माह तक हुई सर्वे प्रक्रिया के बाद अब फाइनल डाटा को अपडेट किया जा रहा है।

फसल बीमा नहीं कराने वाले किसानों को अब आरबीसी के आदेश का इंतजार
मिली जानकारी के अनुसार आपदा प्रबंधन के तहत मौसम व विपदा की वजह से नुकसान होनेे पर राजस्व परिपत्र 6-4 के तहत फसल नुकसान के एवज में राहत राशि जारी करने के लिए आदेश जारी नहीं किया गया है, जिसकी वजह से बीमा के दायरे में नहीं आने वाले किसानों के नुकसान की भरपाई का ब्यौरा नहीं जुटाया गया है। बताना होगा कि 12 फरवरी को ओला गिरने से खम्हरिया तहसील के ग्राम चिखली, बम्हनी, कुरूद समेत अनेक गांव में खरबूजा की फसल बर्बाद हुई थी। इस फसल के पीएम फसल बीमा के दायरे में नहीे होने की वजह से आरबीसी के तहत मुआवजा मिलने की उम्मीद पर पानी फिर गया है।

बेमेतरा समेत 18 जिलों में आज भी आंधी-तूफान का अलर्ट 
मौसम विभाग ने बेमेतरा, दुर्ग, रायपुर बालोद समेत जशपुर, सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर, कोरबा, बिलासपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद, रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, कोंडागांव, कांकेर में तेज अंधड़ के साथ बादल गरजने और कुछ स्थानों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 19 और 20 मार्च को भी ऐसी ही स्थिति बनेगी। बारिश से तापमान में कमी के आसार भी हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में शनिवार शाम को मौसम ने अचानक करवट ली। रायपुर और आस-पास के इलाकों में तेज आंधी तूफान भी आया और कई इलाकों हल्की बूंदा-बांदी भी हुई है। मौसम विभाग ने पहले ही पांच दिनों का अलर्ट जारी किया था।

नुकसान का आंकड़ा
बेमेतरा तहसील- 7486 किसान
थानखम्हरिया तहसील- 15521 किसान
नवागढ़ तहसील - 122 किसान
साजा- 24 किसान
बेरला - 3 किसान

 

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