बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 21 मार्च। धान बेचने के बाद रबी फसल के लिए जिले के 86 हजार से अधिक किसानों ने 253 करोड़ का कर्ज लिया है। बैंक से रियायत दर पर ब्याज मिलने की वजह से लोन लेकर खेती करने वाले किसान मौसम की बेरूखी से तंग आ चुके हैं। चार दिन से समय-समय पर बारिश व ओला गिरने की वजह से किसानों को फसल से उम्मीद कम नजर आ रही है।
चिंतकों के अनुसार किसान फसल बेचकर ही कर्ज का भुगतान कर पाता है पर इस बार फसल से आय कम होने के आसार हैं। जानकारी हो कि खरीफ फसल में धान बेचकर 490 करोड़ का कर्ज चुकाने वाले किसानों ने रबी फसल सीजन में चना, गेहूं, तिवरा के साथ अनाज, दलहन, तिलहन की खेती करने के लिए 86400 किसानों ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैक की 19 शाखाओं से 120 करोड़ नकद व 80 करोड़ कर्ज वितरण के लक्ष्य से अधिक करीब 253 करोड़ 18 लाख 66 हजार का कर्ज लिया है, जिसमें 217 करोड़ 77 लाख नकद व 35 करोड़ 41 लाख का बीज, खाद शामिल है।
जिले में इस बार रबी फसल सीजन के दौरान जिले में 60656 हेक्टेयर में गेहूं, 65156 हेक्टेयर में चना, 28600 हेक्टेयर में तिवरा समेत 168553 हेक्टयर में किसान खेती कर रहे हैं, जिसमें इस बार अनाज, दलहन, तिलहन, समेत 21 फसल किसानों के द्वारा ली जा रही है। खेती के लिए सहकारी बैंक के अलावा अन्य बैंकों से भी किसानों ने लोन लिया है। किसान नेता रामसहाय वर्मा ने बताया कि रबी फसल सीजन के दौरान सितंबर, फरवरी अब मार्च के दूसरे पखवाड़ा में मौसम ने किसानों को रूला दिया है।
प्रदेश में सबसे अधिक आवेदन बेमेतरा जिला से मिले
आंधी-तूफान, ओला बरसने के बाद जिला प्रशासन द्वारा किसानों को नुकसान के 72 घंटे तक बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर व अन्य माध्यम से सूचना देने के लिए मुनादी कराई गई थी, जिसके बाद 24 घंटे के दौरान प्रदेश के 25327 किसानों ने फोन कर बीमा कंपनी को सूचित किया है, जिसमें आधे से अधिक 13385 किसान बेमेतरा जिले के हैं। कबीरधाम जिले के 11930 किसानों ने नुकसान की सूचना दर्ज कराई है। दोनों जिला को छोडक़र गरियाबंद, जांजगीर चांपा, मोहला मानपुर, सक्ति व सारंगगढ़ जिले के किसानों ने भी सूचना दर्ज कराई है।
साजा में किसान पहुचेंगे तहसील कार्यालय
मौसम की वजह से बर्बाद हो रही फसलों को देखते हुए साजा में किसान संघ के आह्वान पर क्षेत्र के प्रभावित किसान एकजुट होंगे। किसान संघ से जुड़े सूत्रों के अनुसार विगत 3 दिनों से अंचल में लगातार हो रही बारिश, आंधी-तूफान व ओलावृष्टि से किसानों के खेतों में खड़ी फसल गेंहू, चना, टमाटर, केला, पपीता सहित अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है। फसल उत्पादन के लिए किसानों ने खेती के लिए समितियों के माध्यम से भारी भरकम कृषि ऋण लिया है, जिसकी अदायगी फसल आने पर की जाती है परंतु वर्तमान में मौसम की मार से फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसान के लिए यह विकट समस्या है। कर्ज लेने के साथ ही फसल का बीमा कराया गया है। मौसम की मार को देखते हुए जिम्मेदारों को किसानों के खेतो में पहुंच फसल को हुए नुकसान का आंकलन करने और किसानों को जल्द ही उचित बीमा राशि, क्षतिपूर्ति राशि जारी कराने के लिए गुरूवार को किसान एकजुट होकर तहसील कार्यालय में शांतिपूर्ण तरीके से अपना पक्ष रखेंगे।
खेत में लगी गेहूं व चने की फसलें हो चुकी चौपट
नवागढ़ विधानसभा में बेमौसम बारिश से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। तीन दिनों तक हुई जमकर बारिश के बाद बुधवार को हुई ओलावृष्टि ने जमकर तबाही मचाई। नवागढ़ से मजगांव छिरहा तक इससे प्रभावित हुआ है। किसान संतोष साहू ने बताया कि तिवरा व चना की फसल तबाह हो गई है। आधे घंटे तक हुई ओलावृष्टि ने किसानों को तबाह कर दिया है।
गन्ना की खेती लेकिन किसानों की पेराई
इस सीजन में गन्ना किसान अधिक परेशान हैं। मौसम की मार और बिजली की अघोषित कटौती के चलते गुड़ का कारोबार चौपट हो गया है। जिन किसानों ने गन्नों की कटाई कर ली है, वे पराई नहीं कर पा रहे हैं। यूपी से आए मजदूर घर की राह पकड़ रहे हैं। दूसरी ओर इस सीजन में ईंट मकान बनाने में जुटे किसानों पर बारिश भारी पड़ रही है। सब्जी उत्पादक किसानों को गत बारिश में हुई क्षति का आज तक मुआवजा नहीं मिला है, निर्माण रुक गए हैं।
चौतरफा नुकसान से किसान हो गए मायूस
दाढ़ी सहित क्षेत्र में आंधी तूफान के साथ तेज बारिश हुई। इसके साथ ही लगभग 20 मिनट तक ओलावृष्टि हुई। इस प्रकार विगत 3 दिनों से हो रही असमय बारिश से रबी फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है। अब किसानों के चेहरे पर मायूसी स्पष्ट रूप से झलक रही है। कृषक हरिहर चंद्राकर, झम्मन जायसवाल, दिलहरण साहू, सीताराम साहू, लालू देवांगन, संत निषाद सहित किसानों ने बताया कि विगत 3 दिनों से आंधी तूफान के साथ हो रही बारिश से रबी फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है। चना, मसूर, गेहूं, लाख व सरसों पानी से खराब होने लगा है। चना तो बहुत जल्दी ही अंकुरित होकर खराब हो जाएगी। खड़ी फसल भी गिर गई है और खेतों में पानी भरा हुआ है, जिससे फसल सड़ जाएगी।
कृषि विभाग के अधिकारी खेतों में पहुंचे
प्रदेश में सबसे अधिक फसल नुकसान होने के कारण जिले के कृषि विभाग के आला अधिकारियों को खेत में उतरना पड़ रहा है। बुधवार को दुर्ग संभाग के संयुक्त संचालक आरके राठौर ने साजा के ग्राम खपरी व अन्य गांव में जांकर फसल नुकसान की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान उपसंचालक एमडी डडसेना आदि मौजूद रहे।
सरकारी टीम पहुंची खेत
नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम खैरी व कटई में बुधवार को वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी आरके चतुर्वेदी के साथ बीमा कंपनी के प्रतिनिधि ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी अश्वनी मंडले, क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी संजय अनंत, रामकिंकर साहू व किसानों ने खेत में जाकर फसल क्षति का निरीक्षण किया। खेतों में कट कर रखे चने की फसल को अधिक नुकसान हुआ है।