रायगढ़
हर रोज फसल नुकसान कर जाते हैं हाथीदल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 25 मई। रायगढ़ जिले के जंगलों में एक बार फिर से जंगली हाथियों की बड़ी संख्या की मौजूदगी से हाथी प्रभावित क्षेत्र के गांवों में दहशत का माहौल निर्मित हो गया है। हाथियों के दल द्वारा प्रतिदिन किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार इन दिनों रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में ही 143 हाथी अलग-अलग दलों में विचरण कर रहे हैं। इनमें छाल के बंगुरसुता बीट में सवाधिक 30 हाथी, धरमजयगढ़ के क्रोन्धा बीट में 27 हाथी, धरमजयगढ़ के ओंगना बीट में 26 हाथी, छाल के पुरूंगा बीट में 25 हाथी, कापू के अलोला बीट में 7 हाथी के अलावा अलग-अलग बीट में हाथियों की मौजूदगी है।
13 किसानों की फसलों को नुकसान
रायगढ़ जिले के जंगलों में विचरण करने वाले हाथियों के दल ने बीती रात 13 किसानों की धान की फसलों को नुकसान पहुंचाया है, जिसमें आमापाली, क्रोन्धा में 06 किसानों की फसल, मंडारीमुडा में पौधा नुकसान, बंगुरसुता, पोडी, बरबसपुर में 4 किसानों की धान की फसल को नुकसान, पुरूंगा, गेरवानी में 2 किसानों की धान की फसल को नुकसान के अलावा गेरवानी में ही एक अन्य किसान की धान की फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है।
प्रतिदिन दी जा रही समझाईश
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र के ही अलग-अलग बीट और रेंज में 143 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। ऐसे में वन विभाग के द्वारा गांव के ग्रामीणों को तेंदुपत्ता तोडऩे या किसी भी कार्य के प्रयोजन से जंगलों की तरफ नहीं जाने की प्रतिदिन समझाईश दी जा रही है। ताकि हाथियों के हमले से क्षेत्र में किसी प्रकार की जनहानि की घटना घटित न हो।
गांव-गांव में मुनादी
वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा हाथी और मानव के बीच जारी द्वंद्व को रोकने लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। हाथी प्रभावित गांव में रोजाना मुनादी कराकर गांव के ग्रामीणों को जंगलों में हाथियों की बड़ी संख्या विचरण करने की जानकारी दी जाती है। साथ ही साथ रिहायशी इलाकों में हाथी के आमद पर तत्काल विभाग को इसकी जानकारी देने की बात कही जाती है।