राजनांदगांव
![माता-पिता हैं ईश्वर, वृद्धाश्रम नहीं वृद्ध गौआश्रम खोलना चाहिए माता-पिता हैं ईश्वर, वृद्धाश्रम नहीं वृद्ध गौआश्रम खोलना चाहिए](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1609928922jn__4.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 6 जनवरी। वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ व अनुष्ठान में प्रतिदिन भागवत श्रोताओं व धर्मप्रेमियों की भीड़ उमड़ रही है। श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ के 5वें दिन सोमवार को भागवताचार्य पं. विनोद बिहारी गोस्वामी ने गौमाता की महिमा का बखान करते कहा कि सनातन धर्म की श्रेष्ठता व भारतीय संस्कृति का गौरव है कि हम गाय को गौमाता का दर्जा देते हैं। आज-कल लोग वृद्ध व अशक्त गाय की सेवा नहीं करते हैं और उसे खुला छोड़ देते हैं, इसलिए गौमाता के लिए वृद्ध गौ आश्रम खोला जाना चाहिए।
कथावाचक ने कहा कि वर्तमान में लोग अपने वृद्ध माता-पिता की सेवा नहीं करते हैं और उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं। ऐसा कभी नहीं होना चाहिए। माता-पिता ईश्वर के समान है, स्वयं भगवान ने माता-पिता को ईश्वर का दर्जा दिया है। यदि व्यक्ति अपने माता-पिता का निश्छल भाव से सेवा करता है तो ईश्वर उन्हें स्वयं तार देते हैं, इसलिए वृद्धाश्रम बंद होना चाहिए और उसके स्थान पर वृद्ध गौ आश्रम खोला जाना चाहिए।
भागवताचार्य श्री गोस्वामी ने कहा कि हमें पुतना रूपी अविद्या व अहंकार से बचना चाहिए। गोधन, गोबर, गौमुत्र व गौरज के महत्व का बखान करते गोस्वामी ने कहा कि प्रभु कृष्ण ने जब पुतना का उद्धार किया तो माता यशोदा ने भगवान श्रीकृष्ण का गोरज, गोबर व गौमूत्र से शुद्ध किया था, इसलिए हमें गौमाता व गोधन के महत्व को समझते इसे अंगीकार करना चाहिए।
गोधन योजना के लिए राज्य सरकार की सराहना
भागवताचार्य पं. विनोद बिहारी गोस्वामी ने व्यासपीठ से छग सरकार की गोधन न्याय योजना की प्रशंसा करते कहा कि इस योजना से गौमाता व गोधन को यथोचित सम्मान मिला है। श्री गोस्वामी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व छग सरकार सही मायने में सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि छग राज्य ही समूचे भारत वर्ष व विश्व में इकलौता राज्य है, जो गौमाता व गोधन का सम्मान करते गोधन योजना लाई है। इस योजना के माध्यम से गौपालक की गौसेवा में रूचि बढ़ेगी और वे आर्थिक दृष्टि से समृद्ध भी होंगे।