नारायणपुर
सोनपुर मार्ग पर सडक़ों के दोनों किनारे कट गए सैकड़ों पेड़, गडलिंग कर सूखा दिए पेड़, जंगल में बचे ठंूठ दे रही गवाही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 5 जुलाई। जल,जंगल और जमीन को लेकर बस्तर का मिज़ाज गरम है। लाल पहरेदारों के बीच अबूझमाड़ में तेजी से जंगलों पर कुल्हाड़ी चल रही है। नक्सलियों की चेतावनी के बाद भी जंगल धीरे-धीरे ठूंठ में बदलते जा रहे हैं। इधर वन विभाग का सरकारी महकमा भी उदासीन बना हुआ है। वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से जंगलों की कटाई करने वाले लोगों के हौसले बुलंद हो गए है।
जिला मुख्यालय से लेकर सोनपुर तक 26 किमी के दायरे में सैकड़ों पेड़ों की बलि दे दी गई है। अबूझमाड़ में जहां कुछ सालों तक पेड़ों की टहनी तोडऩे में लोगों के हाथ कांप जाते थे, वहीं अब बड़े पैमाने पर हरियाली पर जमकर कुल्हाड़ी चल रही है।
मालूम हो कि पिछले कई सालों से नक्सलियों के माड़ डिवीजन कमेटी के द्वारा नक्सली पर्चा जारी कर जंगलों की कटाई पर जनअदालत में सजा देने का फरमान जारी कर रहे है। आकाबेड़ा और नेडनार इलाके में जंगल कट रहे हंै। गडलिंग कर पेड़ों को सूखाया जा रहा है। सूखे पेड़ सडक़ों के दोनों किनारे पर आसानी से देखा जा सकता है। पेड़ों के सूखने के बाद अतिक्रमण करने के लिए पेड़ों को जमीन पर गिरा दिया जाता है। जंगलों में ठूंठ इसकी गवाही दे रहे हंै।
विकास के रास्ते खुले तो जंगल में कब्जे की मच गई होड़
सोनपुर, बासिंग, कुरुषनार, कोहकामेटा, आकाबेडा और ओरछा में पुलिस कैम्प खुलने से विकास के रास्ते खुलने लगे हैं। ग ्रामीण आधुनिकता के दौर में अपने आप को ढालने लगे हैं। खेती-किसानी के प्रति लालसा बढऩे लगी है, वहीं सामूहिक परिवार में रहने की परंपरा अब एकल परिवार में तब्दील हो रहे हैं। जिसकी वजह से जंगलों में कब्जे की होड़ मच गई है। कुछ ग्रामीण वन अधिकार पत्र मिलने की चाह में वनों पर अतिक्रमण कर रहे हंै। बासिंग के पास जंगल को काटकर खेत और घर बनाने लगे हैं। जिस रफ्तार से पेड़ों की कटाई की जा रही है उस अनुपात में पौधरोपण नहीं किया जा रहा है। जंगलों के रकबा घटने से पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ रहा है। बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा बारिश अबूझमाड़ में होती है लेकिन अब यहां पहले के मुकाबले बारिश भी कम हो रही है। ग्रामीण खंड वर्षा होने से चिंतित नजर आ रहे है। वन्यजीवों पर भी जंगल की अवैध कटाई का असर पड़ रहा है। इस इलाके में वन विभाग के मैदानी कर्मचारियों में सक्रिय नजर नहीं आते है। वन सुधार के नाम पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जा रहे है लेकिन धरातल में हकीकत बिल्कुल अलग नजर आ रहा है।
जंगल की करेंगे हिफाजत
अबूझमाड़ के सोनपुर इलाके में जंगलों की अवैध कटाई का मामला सामने आया है। एसडीओ और रेंजरों को दौरा कर वास्तविकता पता लगाने को कहा है। जंगलों की हिफाज़त करने के लिए मैदानी अमले में कसावट लाई जायगी । ग्रामीणों को वनों का महत्व बताकर जागरूक किया जाएगा।
- शशिगानंदन के. डीएफओ नारायणपुरम