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महासमुन्द, 2 जनवरी। जिला मुख्यालय स्थित सहकारी बैंक में एटीएम के लिए कक्ष तैयार है। कहा जा रहा है कि इस साल 2021 में किसानों को एटीएम का लाभ मिलने की संभावना है। क्योंकि सभी व्यवस्था हो चुकी है, केवल एटीएम मशीन फिटिंग ही शेष है।
जिला मुख्यालय स्थित बैंक में किसानों की लगने वाली भीड़ को कम करने और अन्य बैंकों की उपभोक्ताओंं की तरह ही उन्हें भी एटीएम का लाभ पहुुंचाने के लिए बैंक प्रबंधन द्वारा एटीएम सेंटर की स्थापना की गई है। धान की बिक्री के बाद किसानों को रुपए निकालने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है। इसलिए प्रबंधन के द्वारा एटीएम का निर्माण कराया गया है, लेकिन पिछले साल किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया। जिला नोडल अधिकारी डीएल नायक का कहना है कि रायपुर से एटीएम मशीन आने का है। जैसे ही मशीन आएगी, फिट की जाएगी। मालूम हो कि जिले में धान खरीदी शुरू होने के बाद किसानों की भीड़ बैंक में बढऩे लगी है। जिला सहकारी बैंक के साथ शहर के अन्य बैंकों में भी किसान रकम निकालने पहुंच रहे हैं। हालांकि अन्य बैंकों में एटीएम की सुविधा होने से वहां के किसानों को इतनी परेशानी नहीं हो रही है। जितनी जिला सहकारी बैंक के किसानों को हो रही है। क्योंकि यहां भुगतान के लिए किसानों को काफी इंतजार करना पड़ता है।
महासमुन्द, 2 जनवरी। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एसडीएम सरायपाली कुणाल दुदावत को कलेक्टर कक्ष में विदाई दी गई। श्री दुदावत का स्थानांतरण मुख्य कार्यपालन जिला पंचायत जिला कोरिया हुआ है। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने समारोह आयोजित कर विदाई दी।
कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने एसडीएम को पुष्प गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किया। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस के रोकथाम एवं नियंत्रण में इनके कार्य को भुलाया नहीे जा सकता। कई बार दिन-रात काम करने पड़े। विदाई समारोह में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. रवि मित्तल, अपर कलेक्टर जोगेंद्र कुमार नायक, एसडीएम महासमुन्द सुनील कुमार चंद्रवंशी, पिथौरा राकेश गोलछा, डिप्टी कलेक्टर बी.एस. मरकाम, तहसीलदार मूलचंद चोपड़ा एवं आबकारी अधिकारी दिनकर वासनिक उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 2 जनवरी। महासमुन्द जिले के पिथौरा तहसील के अंतर्गत नायब तहसीलदार सतीश रामटेके के नेतृत्व में राजस्व विभाग, खाद्य विभाग एवं मंडी प्रशासन की संयुक्त टीम के द्वारा परसवानी धान खरीदी केंद्र की जांच की।
जांच के दौरान मानसिंह बरिहा पिता दसरू बरिहा ग्राम सिंगारपुर को सेवकराम पटेल के पंजीयन मे 301 कट्टा वजन 120.40 क्विंटल धान बेचते हुए पाए जाने पर धान की जप्ती की कार्यवाही की गई जिसमें नायब तहसीलदार सतीश रामटेके, खाद्य निरीक्षक सुशीला गबेल और मंडी उप निरीक्षक संतराम निषाद, नरेंद्र साहू और सुधीर श्रीवास्तव के साथ पटवारी मोहन प्रधान शामिल रजिले में अवैध रूप से धान खपाने की कार्यवाही लगातार जारी है। अभी तक पिथौरा तहसील के भीतर अवैध रूप से धान खपाने अथवा संग्रहण के 21 प्रकरण मंडी प्रशासन ने बनाये हैं। इन प्रकरणों में 1144 कट्टा धान वजन 457.60 क्विंटल धान जप्त किया गया है।
महासमुन्द, 2 जनवरी। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी 5 जनवरी को महासमुन्द आएंगी। एक दिवसीय इस दौरा कार्यक्रम की तैयारी भाजपा ने शुरू कर दी है। इस सम्बंध में शनिवार को भाजपा कार्यालय में एक बैठक भी आयोजित की गई है। बैठक में उनके कार्यक्रम के सम्ंबंध में चर्चा कर रूपरेखा तैयार की जाएगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा प्रभारी मंगलवार को महासमुन्द पहुंचेंगी। अभी तक जो कार्यक्रम तय है उसके अनुसार यहां वे जिला पदाधिकारियों से एक-एक कर वन-टू-वन चर्चा करेंगी। साथ ही जिले के मंडल अध्यक्ष और महामंत्रियों की एक बैठक भी भाजपा कार्यालय में आयोजित की गई है, जिसे वे संबोधित करेंगी। इसके बाद वे तुमगांव-सिरपुर मंडल क्षेत्र में जाकर दौरा भी करेंगी। भाजपा प्रदेश प्रभारी के महासमुन्द दौरे को लेकर जिला भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। शनिवार को भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष समेत अन्य नेता तैयारियों को लेकर चर्चा करेंगे। डानकारी के अनुसार भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक से पहले प्रदेश प्रभारी जिला पदाधिकारियों से वन-टू-वन चर्चा करेंगी।
इस दौरान पदाधिकारियों से उनके काम के बारे में पूछा जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश से मिले कार्यक्रमों को किस तरह से पूरा किया गया, प्रदेश सरकार के खिलाफ किस तरह आवाज उठाए गए, स्थानीय मुद्दों पर क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित किए गए ।
जैसे सवाल भी जिला पदाधिकारियों से पूछे जाएंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 2 जनवरी। पंचायत सचिव शासकीयकरण की मांग को लेकर धरना कल शुक्रवार को सातवें दिन भी जारी रहा। सातवें दिन सचिवों के धरना का समर्थन करने रोजगार सहायक भी पहुंचे। इसके बाद दोनों ने मिलकर नये साल के पहले दिन सरकार को सदबुद्धि देने के लिए यज्ञ कर पूर्णाहुति दी।
मांग को लेकर आयोजित यज्ञ में महासमुुन्द ब्लॉक के विभिन्न पंचायत से सचिव बड़ी संख्या में शामिल हुए और भगवान से सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की।
तहसीलदार निवास के पास स्थित धरना स्थल में सुबह सचिव हवन पूजन के लिए तैयारी के साथ पहुंचे और दोपहर 1 बजे हवन शुरू किया। संघ के सचिव नारायण साहू और चंद्रमणी साहू ने बताया कि आंदोलन में बैठे उनकों छह दिन बीत चुका है। लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से अभी तक उनकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसलिए उन्हें आज सद्बुुद्धि यज्ञ करना पड़ रहा है।
सचिव द्वारा आयोजित सद्बुद्धि यज्ञ में अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे रोजगार सहायक भी शामिल हुए। आंदोलनरत सचिवों ने बताया कि यज्ञ का आयोजन केवल महासमुुन्द ब्लॉक में नहीं बल्कि जिले के सभी ब्लॉकों में किया जा रहा है। जिलेस्तर पर नए साल के पहले दिन यज्ञ करने का निर्णय लिया गया था। जिसके तहत आज वे यज्ञ के लिए यहां पर जुटे हैं। नका कहना है कि एक सूत्रीय मांग है शासकीयकरण है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 2 जनवरी। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने सामान्य पुस्तक परिपत्र के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कैलेण्डर वर्ष.2021 के लिए महासमुन्द जिले के समस्त शासकीय कार्यालयों तथा संस्थाओं के लिए स्थानीय अवकाश घोषित किया गया हैं। इनमें शुक्रवार 10 सितम्बर 2021 को गणेश चतुथ, गुरूवार 14 अक्टूबर 2021 को दशहरा, शनिवार 6 नवम्बर 2021 भाई दूज को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। उपरोक्त स्थानीय अवकाश बैंक, कोषालय, उपकोषालय के लिए लागू नहीं होगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 2 जनवरी। नये साल का दूसरा दिन है और आज भी दिन की शुरुआत मंदिर और घरों में पूजा अर्चना के साथ हुई। सुबह से महिलाएं. युवतियां नहाकर नगर की आराध्या देवी मां महामाया मंदिर में पूजा करने के लिए गईं। देर शाम तक शहर के साथ ही जिले के सभी प्रमुख मंदिरों में पूजा-पाठ का नजारा दिखा।
जिले के सिरपुर और दलदली में कल दिन भर घूमने के लिए पहुंचे। हालांकि कोरोना के कारण इस साल भीड़ काफी कम रही। लोग परिवार के साथ जिले के दार्शनिक स्थलों में सैर सपाटे के लिए पहुंचे और पूरा दिन परिवार के साथ घर के बाहर बिताया। साल के पहले दिन नगर की कुलदेवी मां महामाया मंदिर, बरोंडा चौक दुर्गा मंदिर, शीतला मंदिर, गायत्री मंदिर, रामेश्वरी दुर्गा मंदिर, खरोरा सांई मंदिर सहित अन्य मंदिरों में लोगों ने पूजा-अर्चना कर आर्शीवाद लिया और परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। जिले के पुरातत्व व ऐतिहासिक नगरी सिरपुर में बड़ी संख्या में पर्यटक नए वर्ष मनाने के लिए पहुंचे।
सिरपुर स्थित सुरंग, टीला, लक्ष्मण मंदिर, बौद्ध विहार सहित अन्य जगहों पर पर्यटकों की भीड़ देखी गई। वहीं जिले के खल्लारी, घुंचापाली, चंडी मंदिर में लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंचे। इसके अलावा कोडार जलाशय और केशवा जलाशय में भी लोगों ने परिवार के साथ दिनभर मौज मस्ती की और साल के पहले दिन को यादगार बनाया।जबकि हर साल नए साल शहरवासियों की भीड़ से गुलजार रहने वाला शहर का सबसे बड़ा उद्यान संजय कानन कल वीरान नजर आया। दोपहर 12 बजे तक यहां कुछ लोग ही नजर आए और वे भी व्यवस्था नहीं होने की वजह से मायूस होकर लौट गए।
योग करने की समझाईश
महासमुन्द, 2 जनवरी। सीएमएचओ डा. एनके मंडपे और डा. छत्रपाल चंद्राकर नोडल अधिकारी के निर्देशन पर जिला जेल महासमुन्द में स्पर्श क्लीनिक ने गुरूवार को मानसिक स्वास्थ्य जांच व परामर्श शिविर का आयोजन किया।
रामगोपाल खूंटे मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता, टिकेश्वरी गिरी मनो वैज्ञानिक, जागृति साहू स्टाफ नर्स ने शिविर में कैदियों को बारी-बारी से बुलाकर मानसिक तनाव से सम्बंधित सवाल पूछा और उन्हें कोविड. 19 के बारे में अवगत कराया गया। साथ ही साफ. सफाई, मास्क का उपयोग, दूरी बना कर रहने व समय-समय पर हाथ धोते रहने की सलाह दी गई। बता दें कि जिला जेल में इस वक्त कुल 427 बंदी हैं। बंदियों में गंभीर मानसिक तनाव से ग्रसित एवं सामान्य तनाव से ग्रस्त मिले। इस दौरान 12 कैदियों को गंभीर मानसिक तनाव से ग्रस्त होने का पता चला।
कैदियों से समय पर नींद नही आने, मन का उदास होना, अत्यधिक चिंता करना, बेचैनी, घबराहट, गुस्सा करने व हाथ पैर कांपने, आत्म हत्या के प्रयास करने या मारपीट करने, अत्यधिक नशा करने, बार बार एक ही कार्य को करने, हाथ में झटके आने जैस लक्षण दिखे। बंदियों को समय पर सो कर उठने, नियमित व्यायाम के साथ योग साधना और प्राणायाम करने, समय पर भोजन करने, मनोरंजन का उपयोग करने, अत्यधिक तनाव नहीं करने, आपस में समन्वय बना के रहने की समझाईश दी गई।
मरने वालों की तादात बढक़र 121 हुई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 2 जनवरी। अब महासमुन्द जिले में कोरोना संक्रमण में कमी आई है लेकिन कल 1 जनवरी को एक ही दिन में 16 लोगों की मौतें हुई है। कल ही कुल 25 नए पाजीटिव भी मिले।
आज तक कुल मरीजों की संख्या 8415 है। कल 43 मरीज डिस्चार्ज भी हुए हैं। अब इस जिले में कोरोना मौतों की तादात 121 हो चुकी है। हालांकि चार महीने बाद ऐसा हो रहा है कि एक्टिव केस की संख्या काफी कम हो गई है। बीते 31 दिसम्बर को कोरोना एक्टिव केसों की संख्या 364 पर आ गई थीं। ऐसा पहली बार है जब महासमुन्द में 117 दिन बाद पहले वाली स्थिति में एक्टिव केसों की संख्या पहुंच गई है। इससे पहले 3 सितम्बर को एक्टिव केसों की संख्या 397 थी।
हालांकि इसके बाद कोरोना संक्रमण का ग्राफ जिले में लगातार बढ़ रहा था। इससे जिले में पिक के दौरान 30 सितम्बर को सबसे ज्यादा 776 एक्टिव मरीजों की संख्या थी। अच्छी बात यह रही कि जिले में एक्टिव मरीजों का आंकड़ा कभी एक हजार के पास नहीं पहुंचा। हालांकि नवम्बर के महीने के पहले-दूसरे सप्ताह में एक्टिव मरीजों की संख्या में कमी आ रही थी। इस दौरान एक्टिव केसों की संख्या 550 तक पहुंच गई थी। दिसम्बर महीने में ठंड बढऩे के साथ ही कोरोना संक्रमितों मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होने के कारण एक्टिव मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी जारी थी।
बीते माह दिसम्बर में 28 संक्रमितों की मौत हुई है। यह संख्या नवबम्र से अधिक है। नवम्बर में 23 कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ा था। दिसम्बर में नवम्बर की अपेक्षा मौतों में 22 फीसदी का इजाफा है। ज्यादा मौतें अक्टूबर में हुई थी। अक्टूर में 33 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई थी। वहीं सितम्बर महीने में 31 ने दम तोड़ा था। इस वक्त जिले में कुल एक्टिव मरीज 364 में से 317 मरीजों का इलाज होम आइसोलेशऩ में हो रहा है। यह एक्टिव केसों का 87 फीसदी है। वहीं सिर्फ 47 मरीज (13 फीसदी) ही अपना इलाज जिले के कोविड अस्पताल या कोविड सेंटर में करा रहा है। जिले में एक मात्र कोविड अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 40 बेड हैं। यहां सिर्फ 12 मरीजों का इलाज हो रहा है। शेष 39 बेड खाली पड़े हुए हैं।
एक्टिव केसों की संख्या में कमी आने पर सीएमएचओ एनके मंडपे ने कहा कि इसका सबसे पहला मुख्य कारण वातावरण में गर्मी का बढऩा है। अब विंटर खत्म हो रहा है और गर्मी का मौसम आ रहा। वायरस ठंड के मौसम या ठंडी जगहों पर ज्यादा सरवाइव करते हैं। हालांकि इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है लेकिन ये एक मुख्य कारण हो सकता है। जिले में दिसम्बर महीने में कुल 1965 कोरोना संक्रमित मरीजे मिले। वहीं नवम्बर महीने में सिर्फ 1670 कोरोना मरीजों की पहचान हुई थी।
जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित अक्टूबर महीने में मिले थे। अक्टूबर में कुल 2105 कोरोना संक्रमित की पहचान की गई। वहीं सितम्बर महीने में 2086 संक्रमितों की पहचान की गई थी। सितम्बर-महीने में सबसे ज्यादा मरीजों के मिलने का कारण पीक को माना जाता है। इन महीनों में ही जिले के साथ ही पूरे देश में कोरोना पॉजिटिव की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई थी। इन दो महीनों में ही सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमितों की भी मौत हुई थी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 जनवरी। जिला मुख्यालय से 107 किलोमीटर और बसान ब्लॉक मुख्यालय से 7 किमी दूर पर बसा है जगदीशपुर गांव। यहां के एक दंपति की वजह से पूरे बसना ब्लॉक में पहचाना जाता है और उस दंपति का नाम हैं जगदीश कनेर और बिलासिनी कनेर।
वर्ष 2004 से ये दंपति ऐसे बच्चों का सहारा बने हुए हैं जो निराश्रित हैं। इनमें से अधिकतर बच्चे लोकल ही होते हैं। आज ये दंपति अपने चार बच्चों के साथ साथ 53 और बच्चों के पालक हैं। बच्चों की मदद के दौरान जगदीश को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा था। कभी-कभी तो स्थिति ऐसी बन जाती थी कि खुद के खाने के लिए घर में चूल्हा नहीं जलता था। बच्चों के खाने रहने और जरुरत के सामान का खर्च निकालने के लिए जगदीश को छात्रावास शुरू करने के एक साल बाद खुद का पुश्तैनी घर बेचना पड़ा था। इसके बावजूद भी जगदीश ने हार नहीं मानी और जरुरतमंद बच्चों की मदद जारी रखा। साल 2021 में इनका लक्ष्य है कि और भी बच्चों की मदद कर सकें।
दोनों को इस रास्ते में चलने के दौरान कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा। आर्थिक परेशानी से लेकर कई तरह की मुसीबतें आई लेकिन बिलासिनी पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती रही। परेशानी के दिनों में भी उन्होंने पति का साथ छोडक़र अलग रास्ता नहीं चुना। इसलिए तो जगदीश अपनी सफलता का श्रेय पत्नी को ही देते हैं।
कोरोना काल में मदद कम मिलने से बच्चों ने इसका अच्छा अवसर के रूप में इस्तेमाल किया। खाली पड़ी जमीनों में से कुछ पर बच्चों ने खुद से सब्जी उगाना शुरू किया। बच्चे अभी फूलगोभी, बैंगन, पत्ता गोभी, विभिन्न प्रकार की भाजियां उपजा रहे हैं। इससे उन्हें काफी हद तक सब्जी खरीदने से छुटकारा मिला। वहीं आर्थिक पडऩे वाले बोझ में कमी भी आई।
बच्चों की परवरिश में आने वाला सभी खर्च जनसहयोग के माध्यम से होता है। छात्रावास में कोई न कोई आते रहता है। इससे जगदीश को आर्थिक मदद मिल जाती है। इसके अलावा गांव के ही लोग आर्थिक मदद करते हैं साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से कुछ मदद मिल जाती है। जगदीश ने छात्रावास की शुरुआत अपने पुश्तैनी घर से की थी। घर बिकने के बाद किराए पर अपने सभी बच्चों के साथ रहने लगे थे। जगदीश के इस भाव को देखकर गांव के ही लक्ष्मण साहू ने अपना एक एकड़ जमीन बच्चों के छात्रावास के लिए दान कर दिया। इसके बाद दान की जमीन पर ही बालक छात्रावास चल रहा है। वहीं बालिका छात्रावास गांव के के गाडिया के मकान में चल रहा है। महिला ने जगदीश को छात्रावास चलाने के लिए नि:शुल्क में अपना घर का एक भाग दे रखा है।
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 जनवरी। अछोला के 57 खाताधारी कृषक समोदा बैराज से पानी लेकर लगभग 67 हेक्टेयर खेतों में पानी सिंचित कर रहे हंै। जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली है एवं वहां के किसान आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहे हैं। वर्तमान में कृषक अपने खेतों में सब्जी भाजी जैसे करेला, भिन्डी, बरबट्टी, टमाटर,खीरा लगाकर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इसी प्रकार अन्य कृषक अपने खेतों में गेहूं, चना, मसूर का बोवाई कार्य किया गया है। इसी तरह अन्य कृषक भी तैयारी कर रहे हंै। इस योजना के शुरू होने के बाद किसानों को विद्युत के लिए किसी भी प्रकार का बिजली बिल नहीं देना पड़ता है। जिससे सरकार के बिजली बचत करने में भी मदद मिल रही है एवं किसानों को अनावश्यक खर्चों से भी मुक्ति मिली है। पंप स्थापित करने से किसानों को लगभग प्रतिदिन 150 से 160 यूनिट अर्थात् माह में 4500 से 4800 यूनिट तक की बिजली की बचत होती है। जिसकी अनुमानित बचत प्रतिमाह लगभग 25 हजार तक हो रही है। इसके अलावा लगभग 2421 किलो कोयला की बचत एवं कोयले के जलने से उत्सर्जित होने वाले कॉर्बन डाईऑक्साईड, धुएंं से मुक्ति मिली हैं।
जिला मुख्यालय महासमुन्द से लगभग 20 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में स्थित ग्राम अछोला स्थित समोदा बैराज में सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध रहता है परन्तु स्थल, विद्युत बाधित होने एवं डीजल पंपों में आवश्यकता से अधिक व्यय होने के कारण ग्राम अछोला के किसान समोदा बैराज के जल का समुचित उपयोग सिचंाई के लिए नहीं कर पाते थे। ऐसे में सिंचाई के लिए बारिश की उम्मीद में आसमान की ओर ताक रहे ग्राम अछोला के किसानों को अब संजीवनी मिल गई है।
अब यहां के किसानों को सिर्फ मानसूनी बारिश पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। यहां पॉवर फायनेस कॉरर्पोरेशन लिमिटेड भारत सरकार का उपक्रम के सहयोग एवं छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण क्रेडा के वित्तीय सहयोग से 10 एचपी क्षमता के 04 नग सोलर सामुदायिक सिंचाई पंप सोलर पंप का स्थापना कार्य किया गया है। जिसमें लगभग 11 हजार 500 मीटर पाईप लाईन बिछाकर समोदा बैराज का पानी कृषकों के खेतों में पहुंचाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 जनवरी। जिले के बसना विकासखंड का ग्राम गढफ़ुलझर अपने इतिहास के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के मिट्टी की परंपरागत कला को भी सहेजने और संवारने का काम भी बखूबी कर रहा है। छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड ने यहां सिरेमिक ग्लोजिंग यूनिट लगाई है, जो न केवल परंपरागत कुम्हारों, बल्कि अन्य कलाकारों को भी छत्तीसगढ़ की माटीकला और टेराकोटा कला का प्रशिक्षण देकर स्थानीय लोगों को और हुनरमंद बना रहा है।
गढफ़ुलझर स्थित सिरेमिक ग्लेजिंग यूनिट में बने मिट्टी के बर्तन राजधानी के होटलों में पकवान के साथ सौंधी सुगंध बिखेर रही है। इतना ही नहीं हमारे बर्तनों की डिमांड दूसरे राज्यों में भी है। लोग ऑनलाइन ऑर्डर कर मंगवा रहे हैं। गढफ़ुलझर में बने मिट्टी के बर्तन की डिमांड राजधानी के साथ ही दूसरे जिलों में तो हैं ही अब देश के राज्यों में भी पहचान बन रही है। राजधानी रायपुर के होटलों में इन दिनों मिट्टी के बर्तनों की डिमांड बढ़ गई है। उनकी इस डिमांड में गढफ़ुलझर में बने मिट्टी के बर्तन पूरे कर रहे हैं। इसके कारण जिला मुख्यालय से 115 किमी दूर स्थित गढफ़ुलझर की पहचान आज के समय में अपने किले या गढ़ से नहीं ब्लकि मिट्टी के बर्तनों के कारण हो रही है। यहां विशेषकर माटी के दीये, बर्तन, थाली, कप, गिलास, प्लेट, कटोरी, सुराही, पॉट, बरनी, पानी बॉटल के अलावा ऑर्डर आने पर मिट्टी की मूर्तियॉं,झालर बनते हैं।
यूनिट के ट्रेनर मिनिकेतन राणा ने बताया कि गढफुलझर में तैयार माटी के बर्तन अपने बेहतरीन फिनिशिंग के लिए भी जाना जाता है। सबसे पहले मिट्टी की धुलाई होती है। मतलब उन्हें पानी में फुलाया जाता है। मिट्टी के छानने के बाद उसकी पगिंग की जाती है। पगिंग के बाद मिट्टी को बर्तन बनाने सांचे में डाला जाता है। उसके बाद तैयार बर्तन को सूखने के लिए रखा जाता है। सूखने के बाद बर्तन को भट्टी में पकने के लिए डाला जाता है। कुम्हारों को 1 कुल्हड़ के लिए 35 पैसा, 1 कप के लिए 4.5 रुपए और एक थाल सेट बनाने पर 25 रुपए तक दिया जाता है। ललेनि पाण्डे, टंकसिनी पाण्डे और देवकी पाण्डे के साथ ही दो बहनें सीता निर्मलकर, सुनीता निर्मलकर ने बताया कि वो हर दिन लगभग 150 से 200 रुपए तक कमा लेती है। इस तरह महीने में वो 5 से 6 हजार रुपए तक कमा लेती है।
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 जनवरी। साल के आखरी दिन 2020 की विदाई व 2021 के स्वागत में रात को शहर में जश्न का माहौल रहा। रात 12 बजते ही लोग सडक़ों पर निगलकर पटाखे छोडऩे लगे और हैप्पी न्यू ईयर के शोर से नए साल का स्वागत किया। रात में ही लोगों ने मोबाइल व सोशल मीडिया के माध्यम से अपने-अपने सगे सम्बंधी, दोस्तों व गुरुजनों को नए साल की बधाईयां दी।
इस बार कोविड 19 के चलते सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो पाया। प्रशासन ने इसकी इजाजत किसी को नहीं दी थी। जिसके कारण इस बार 12 बजते ही लोग अपने-अपने घरों के बाहर खड़े होकर पटाखे छोड़े और नए साल का स्वागत किया। इस बार डीजे की धून नहीं सुनाई दी। इसके अलावा सुरक्षा व हुड़दंगियों पर पुलिस तैनात थी। नया वर्ष मंगलमय हो इसके लिए शुक्रवार को होने वाले नए वर्ष पर भक्ति और मस्ती का माहौल एक साथ होगा। नए वर्ष के मंगलमय होने के साथ आज सुबह में लोग मंदिरों में पूजा अर्चना कर रहे हैं और नए वर्ष के उल्लास में सडक़ों पर एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं।
शाम को ही शहर में केक व पटाखे की दुकानों में पहुंचकर लोगों ने नए साल के जश्न की तैयारियां कर ली थी। नए वर्ष को देखते दुकानदारों ने भी जगह-जगह चौक चौराहों पर केक व पटाखे की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए हुए थे। वहीं ग्रिटिंग कार्ड व गिफ्ट की दुकानें भी सजी हुई थी। कोरोना संक्रमण की वजह से जिले में नए साल के जश्र का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। बता दें कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रशासन ने आयोजन के लिए दो दिन पूर्व ही गाइडलाइन जारी की है।
इसमें बच्चों और बुर्जुगों के कार्यक्रम में प्रवेश प्रतिबंधित करने के साथ ही आयोजन में 2 सौ से अधिक लोगों को शामिल नहीं करने और मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार्यक्रम मनाने के निर्देश दिए थे। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। आज सुबह भी प्रशासन व पुलिस लोगों पर नजर बनाई हुई है।
शाम होते ही शहर सहित जिले भर में पुलिस की चौकसी देखने को मिली। एएसपी मेघा टेम्भूरकर ने बताया कि एसडीओपी और थाना प्रभारियों को आयोजन पर नजर रखने निर्देश दिए गए थे। हालांकि जिले में बड़े आयोजन की खबर नहीं थी। शाम को जिलेभर में पेट्रोलिंग पार्टी और चौक.चौराहों पर पुलिस के जवान तैनात थे। असामाजिक गतिविधि और नशेडिय़ों पर विशेष नजर बनाई हुई थी। आज भी नए वर्ष के स्वागत पर जगह-जगह जश्न मनाया जा रहा है।
जिला मुख्यालय स्थित महामाया, रामेश्वरी, शीतला, बरोंडा चौक स्थित दुर्गा मंदिर और बजरंगबली मंदिर, भीमखोज खल्लारी, बागबाहरा घुंचापाली चंडी मंदिर, पिथौरा कामाख्या मंदिर, सिंघोड़ा स्थिति समलेश्वरी मंदिर सहित ग्रामीण अंचलों के मंदिरों में नव वर्ष की मंगलमय शुरुआत के लिए लोग पूजा अर्चना व मत्था टेकनें लोग पहुंच रहे हैं। सिरपुर, शिशुपाल पर्वत, बम्हनी, दलदली, कनेकेरा, जिला मुख्यालय के संजय कानन, बीटीआई सहित ब्लॉक मुख्यालयों के उद्यानों में नव वर्ष के स्वागत का जश्न मनाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 जनवरी। जिलेवासियों को इस साल आयुर्वेद हॉस्पिटल की सौगात मिलेगी। एलौपैथिक हॉस्पिटल की तरह आयुर्वेद हॉस्पिटल का निर्माण जल्द होगा। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम खैरा में हॉस्पिटल का निर्माण कराया जाएगा। जिसकी तैयारियां चल रही हैं। यहां लकवा, एग्जिमा जैसे रोग से ग्रसित मरीजों को नि:शुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी।
जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. एस लाल पटेल ने बताया कि शहर से लगे ग्राम पंचायत खैरा में 10 बिस्तर पॉली क्लीनिक का निर्माण करने राष्ट्रीय आयुष मिशन भारत सरकार की ओर से राशि आंबटित की गई है। निर्माण के लिए जमीन आंबटित करने जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा गया है। जिला प्रशासन की ओर से जमीन आंबटित करने प्रकिया भी प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने बताया कि भवन का निर्माण के लिए राशि आ चुकी है। जिसमें भू-तल में अस्पताल और प्रथम तल पर जिला आयुर्वेद विभाग का कार्यालय संचालित होगा।जिला आयुर्वेद अधिकारी ने बताया कि इस बिल्डिंग के निर्माण के बाद लोगों को एक ही छत के नीचे यूनानी, आयुर्वेद व होम्योपैथिक पद्यति से इलाज का लाभ मिलेगा। इस परिसर में औषधि पौधों के लिए गार्डन भी बनाया जाएगा। इस हास्पिटल के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपए का आबंटन हो चुका है, लेकिन जगह नहीं मिलने के कारण कार्य रुका हुआ था। हॉस्पिटल के निर्माण के लिए यह राशि वर्ष 2014 में आ गई है,लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से निर्माण नहीं हो पाया।
इस साल 2020 में जिला आयुर्वेद अधिकारी के द्वारा कलेक्टर से जमीन मांग कर निर्माण के लिए प्रस्ताव रखा। जिस पर कलेक्टर ने तत्काल स्वीकृति देते हुए जमीन आवंटन का प्रक्रिया शुरू कर दी। खैरा में दो एकड़ का जमीन का आवंटन होना है। जमीन हास्पिटल के नाम करने की अंतिम प्रक्रिया में है। इस साल यानी 2021 में हॉस्पिटल बनकर तैयार हो जाएगा।
वर्तमान में आयुष पॉली क्लीनिक का संचालन बीटीआई रोड स्थित पुराना मलेरिया ऑफिस स्थित छोटे से भवन में हो रहा हैं।
उन्होनें बताया कि यहां पर अभी मरीजों को केवल जांच और दवा की ही सुविधा मिल रही है। अस्पताल के निर्माण होनेे से मरीजों को पूरी तरह उपचार की भी सुविधा मिलेगी। यहां पंचकर्म की सुविधा मरीजों को मिल पाएगी।
पशुपालकों-किसानों ने बेचा पौने 3 करोड़ का गोबर
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 जनवरी। गोधन न्याय योजना जिले के पशुपालकों के लिए आर्थिक रूप से वरदान साबित हो रही है। इस योजना से किसानों को अतिरिक्त आमदनी हो रही है। वर्मी कम्पोस्ट के जरिए जैविक खेती की ओर किसान बढ़ रहे हैं। गोधन न्याय योजना के माध्यम से तैयार होने वाली वर्मी कम्पोस्ट खाद की बिक्री सहकारी समतियों के माध्यम से हो रही है। किसानों के साथ-साथ वन विभाग, कृषि, उद्यानिकी, नगरीय प्रशासन को पौधरोपण एवं उद्यानिकी खेती के समय जैविक खाद भी मिलने लगा है। स्वसहायता समूह की महिलाओं को भी रोजगार मिलने लगा है।
गोधन न्याय योजना से शुरूआत से लेकर अब तक महासमुन्द जिले में 4108 गोबर विक्रेता हैं। इनमें 3440 सक्रिय पशुपालक गोबर विक्रेता हैं। इन गोबर विक्रेताओं को निर्धारित दर पर अब तक 2 करोड़ 66 लाख 98 हजार रुपये का कुल एक करोड़ 33 लाख 49 हजार किलो गोबर की खरीदी की गई है। उक्त हितग्राहियों को अब तक छह किश्तों के माध्यम से अब तक 2 करोड 5 लाख 94 हजार रुपए से अधिक का भुगतान सीधे बैंक खातों के जरिए मिल चुका है। शेष राशि का भुगतान चार किश्तों में और किया जा रहा है। जिले की महिला स्वसहायता समूह ने 93 क्विंटल 25 किलो वर्मी कम्पोस्ट खाद अब तक बेचा है। जिसके एवज में उन्हें 89 हजार 840 रुपए की कमाई हुई। महासमुन्द जिले के 86 गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है। सबसे कम महासमुन्द ब्लॉक के कौंआझर गौठान में और गौठानों की अपेक्षा सबसे कम केवल 15 हजार 675 किलो गोबर ही पशुपालकों द्वारा बेचा गया है।
अब तक सबसे अधिक गोबर की खरीदी महासमुन्द ब्लाक के बम्हनी गौठान में हुई है। यहां 74 सक्रिय पशुपालकों से 8 लाख 70 हजार 853 किलो गोबर की खरीदी की गई है। सबसे कम इसी विकासखण्ड के कौंआझर गौठान में अब तक केवल 15 हजार 675 किलो गोबर की खरीदी हुई है। यहां बताना लाजमी होगा कि अबसे अधिक इसी विकासखण्ड के बम्हनी के ईश्वर यादव ने एक लाख लगभग 91 हजार रुपए का 95 हजार 500 किलो गोबर बेचा है। पशुपालक ईश्वर यादव ने फोन पर बताया कि लगभग इनके पास 55.57 गाय.भैंस हैं। वहीं बसना ब्लॉक के सकरी गौठान में बिहारी पशुपालक किसान ने 60 हजार किलो से अधिक गोबर बेचकर एक लाख 20 हजार से अधिक की राशि कमाई। पशुपालकों ने बताया कि उन्हें किश्तों का भुगतान समय-समय पर हो रहा है।
दो महीनों पहले यहां अवैध शराब की चर्चा होती थी, अब शराबबंदी के लिए चर्चाएं हैं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 जनवरी। महासमुन्द जिला मुख्यालय से करीब 68 किमी दूर बसे बुंदेली गांव में अब शराब के कारण घर-परिवार के झगड़े बंद हैं। दो महीने पहले यहां सब कुछ अलग था। शराब के नशे में आए दिन लड़ाई-झगड़े और मारपीट की शिकायतें हर रोज सुनने को मिलती थी।
घर के पुरुष महिलाओं को पीटते या फिर पति पत्नी और बच्चों के झगड़े अधिकांश घरों में होते थे। अब यहां बुंदेली थानेदार विकास शर्मा के सहयोग से महिलाओं ने एक समूह तैयार किया है। मां महिला समिति नाम की इस समूह की महिलाएं रात को शराबबंदी के नारों के साथ हाथ में लाठी और टार्च लिए गांव का भ्रमण करती हैं और अवैध शराब बनाने वालों को पकडक़र पुलिस के हवाले कर देती हैं। दो महीनों पहले यहां अवैध शराब की चर्चा होती थी, अब शराबबंदी के लिए चर्चाएं रही है। शिक्षिका अपनी सेवाएं देते हुए साल 2015 में रिटायर हुई सुनिधि चंद्राकर बताती हैं कि मैंने अपनी आंखों से तीन पीढिय़ों को शराब के कारण बर्बाद होते देखा है। कई ऐसे घर हैं,जहां दादा, पिता और बच्चा तीनों एक साथ शराब पीते थे।
गांव में अवैध शराब बेचे जाने वालों के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने वाली महिला समिति अब शराबबंदी के साथ स्वरोजगार की दिशा में भी आगे बढ़ रही है। महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए चौकी प्रभारी विकास शर्मा भी आगे हैं। विकास शर्मा ने स्वयं के खर्च से महिला समिति के लिए मिनी आटाचक्की मशीन, पैकेजिंग मशीन और वेट मशीन खरीदकर दिया है। समिति की महिलाओं को मशरूम पाउडर बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया है। पंचायत की ओर से समिति को एक भवन दिया गया है, जहां ये मशरूम पाउडर तैयार कर उसकी पैकेजिंग करेंगी। गांव के ही मशरूम उत्पादक लेखराम रात्रे से महिला समूह मशरूम की खरीदी करेगी और उसका पाउडर तैयार करेगी।
मां महिला समिति की अध्यक्ष सुनिति चंद्राकर, सचिव लता ठाकुर सहित सदस्य बिंदा चौहान, पुन्नी डडसेना, झुनिया दीवान. कमला दीवान (ये चारों पंच भी हैं) ने बताया कि गांव के अधिकांश घरों में अवैध शराब बनता था। गांव में कुल 1800 मकान हैं और आबादी 6 हजार की है। लेकिन इसमें से 600 घरों में अवैध तरीके से शराब बनाए जाते थे।
हालात ये थे कि शराब बनाने के इस काम में महिलाएं, बच्चे और घर के बुजुर्ग भी शामिल थे। अवैध शराब का कारोबार करने वालों की सूचना गांव के कुछ युवा समिति की महिलाओं को देते हैं। उपसरपंच पूरनदास मानिकपुरी ने बताया कि गांव के युवा परस यादव, लाला बघेल, छोटे लाल प्रभाकर, दुर्गेश दास और संदीप राव समेत कुछ युवाओं की एक टीम भी बनाई गई है।
पटरीपार 90 प्रतिशत काम पूरा जबकि अंबेडकर चौक की ओर 50 प्रतिशत ही काम पूरा
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 जनवरी। महासमुन्द शहर के बीच से होकर गुजरने वाली एनएच.353 पर तुमगांव मार्ग में बनने वाली आवरब्रिज में शाम तक तुमगांव व अंबेडकर चौक की ओर बने पिलर को जोडऩे के लिए लोहे का गर्डर चढ़ाया जाएगा। दो जनवरी को गर्डर का वेट टेस्टिंग रेलवे के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। वेट टेस्टिंग के बाद जैसे ही रेलवे हरी झंडी देगी ब्लॉक लेकर गर्डर लांच यानी चढ़ाया जाएगा।
पटरीपार 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है जबकि अंबेडकर चौक की ओर 50 प्रतिशत ही काम पूरा हो पाया है। इस साल 2021 में अक्टूबर-नवम्बर तक इसके पूरा होने की उम्मीद है। पूरे 37 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन तुमगांव ओवरब्रिज की राह महासमुन्द की जनता पिछले दो वर्षों से कर रही है। इस साल 2021 में इसके पूरे होने की आशा सभी को है।
ज्ञात हो कि साल 2017-18 में इस ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ था। पटरीपार में बड़ी तेजी से ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ था। इससे लोगों को लगा था कि 2019 में ही इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। लेकिन प्रशासनिक पेंच के कारण काम एकाएक धीमा हो गया। अभी भी निर्माण कार्य के लिए जमीन नहीं मिलने के कारण काम प्रभावित हो रहा है। हाल ही में अंबेडकर चौक की ओर रिटर्निंग वॉल के स्लोब को उतारने का पेंच फंसा था, कहा जा रहा है कि अब यह मामला जल्द ही सुलझने वाला है। इसके बाद निर्माण कार्य में तेजी आएगी। सेतु निगम के इंजीनियरों ने स्लोब उतारने के लिए नया ड्राइंग डिजाइन तैयार कर उसे अप्रूव कराने के लिए लोक निर्माण एवं एनएच विभाग को भेज दिया है। जैसे ही नक्शा अप्रूव होकर आएगा, निर्माण की जद में आ रहे घर व दुकानों का अधिग्रहण कर लिया जाएगा। उसके बाद निर्माण कार्य शुरू होगा।
सेतु निगम के अधिकारी एलडी महाजन ने बताया कि ओवरब्रिज का स्लोब उतारने के लिए नई ड्राइंग डिजाइन तैयार कर ली गई है। डिजाइन अप्रूव होते ही निर्माण कार्य कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि सैफी पेट्रोल पंप के पास रिटर्निंग वॉल का स्लोब उतरेगा। इसके बाद पंप व आईडीबीआई बैंक के बीच 46 मीटर का चौक बनाया जाएगा ताकि रायपुर की ओर से आने वाली गाडिय़ां भी आसानी से मुडक़र ब्रिज पर चढ़ जाए। नए साल में लोगों को ओवरब्रिज मिल जाएगा। अब चौक निर्माण के लिए फिर से 12 दुकान व घर अधिग्रहण करना होगा।
नए ड्राइंग डिजाइन के अनुसार ओवरब्रिज के रिटर्निंग वॉक का स्लोब सैफी पेट्रोल पंप के बाद उतरेगा। जिसकी लंबाई 116.900 मीटर व चौड़ाई 14.800 मीटर है। उसके बाद आईडीबीआई बैंक तक एक बड़ा सा चौक का निर्माण किया जाएगा। जिसकी चौड़ाई 46 मीटर है। इस चौक का निर्माण रायपुर रोड की ओर से आने वाले गाडिय़ों को ओवरब्रिज पर आसानी से चढ़ाने के लिए किया जा रहा है, ताकि उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े। रिटर्निंग वॉल का स्लोप व चौक निर्माण कराने के लिए 12 दुकान व घर का अधिग्रहण करना होगा। नक्शा अप्रूव होने के बाद अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। चौड़ीकरण के बाद डिवाइडर का निर्माण एनएच के ठेकेदार द्वारा कर दिया गया है। शहर से रायपुर रोड जाने का मार्ग 7 से 8 मीटर रहेगा लेकिन दूसरे हिस्से में सर्विस रोड पांच मीटर का बनाया जा रहा है, ताकि जो लोग ओवरब्रिज का इस्तेमाल नहीं करेंगे, वे सर्विस रोड का इस्तेमाल करेंगे।
शिक्षा शोध केन्द्र तेंदुवाही में जीवन विद्या शिविर का आयोजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 31 दिसम्बर। जिले के पटेवा क्षेत्र स्थित शिक्षा शोध केन्द्र तेंदुवाही में अमीरी-गरीबी और अपने-पराये के भेद मिटाने को लेकर संचालित जीवन विद्या शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में मजदूर से लेकर व्यापारी वर्ग के 30 गांवों के 60 परिवार शामिल हुए। इस दौरान डबल रोटी बेचने वालों के बच्चों ने सबके लिए खाना बनाया। शिविर में 100 से अधिक प्रतिभागी बच्चों को ज्ञानदान मिला। मानवीय शिक्षा शोध केन्द्र तेंदुवाही के संचालक शिक्षक गेंदलाल कोकडिय़ा ने बताया कि शिविर में एक छत के नीचे डबल रोटी बेचकर परिवार चलाने वाले से लेकर हावेस्ट्रर चलाने वाले और एक मजदूर से लेकर बडे दुकानदार व व्यापारी वर्ग के बच्चे भी शामिल हुए।
शिविर में किसी परिवार ने लौकी, किसी ने सेमी, किसी ने मूली, किसी ने गाजर, किसी ने अपने घर में बनाई पकवान व मिठाईयां, किसी ने दूध-मही तो किसी ने कद्दू लाया। शिविर में व्यवहाराभ्यास, कर्माभ्यास, चिंतनाभ्यास पर विशेष रूप से जोर दिया गया। सभी बच्चों को कार्यकुशल व समृद्ध होने के लिये समृद्धि का अर्थ समेत, सब्जी-भाजी स्वयं से काटने, बनाने, रखिया से बड़ी बनाने, दाल बनाने आदि का भी महत्व बताया गया। कर्माभ्यास के तहत हर बच्चे ने आश्रम व घर की साफ.-सफाई, झाडू.पोंछा, बर्तन की सफाई स्वयं से करना, आदि व्यवहाराभ्यास के बारेे में सिखाया गया तथा सम्बोधन, सहयोग, आज्ञापालन, सेवा आदि के बारे में बताया गया। वहीं मन को स्वस्थ रखने के नियमों की जानकारी भी दी गई।
शिविर में आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा की जानकारी जीवन विद्या शिविर के तहत देते हुए कोकडिया ने बताया कि बच्चे जंकफूड व रिफाइंड तेल से ज्यादा अस्वस्थ हो रहे हैं। इलाके कारण उत्पादन गतिविधि व परिश्रम से जी चुराना मुख्य है। जबकि मानव का शरीर परिश्रम के लिये बना हुआ है। सुबह उठना व गर्म पानी पीना, पानी पीने के नियम, खाने के नियम के बारे में भी चर्चा हुई। आश्रम में आये सभी बच्चों का आश्रम संचालिका राखी कोकडिया व रागेश्वर कोकडिया ने आत्मीय स्वागत कर प्रत्येक बच्चों को गिफ्ट के तहत ऑवला कैंडी का पैकेट देकर विदा किया।
कोरोना काल में स्कूल, कॉलेज बंद पड़े हैं। ऐसे में जीवन विद्या शिविर के आयोजन को भरपूर जनसमर्थन मिला। पालकों ने बढ़-चढकर हिस्सा लिया। मुख्य रूप से पाली खल्लारी गांव के समाजसेवक व गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता रामचरण ने 10 बच्चों समेत अनेक पालकों को भी शिविर में भेजा। इसी तरह सोनी लाल चिरको, शिवकुमार व सरस्वती चिरको ने अपने बच्चे समेत दो बच्चों को शिविर का लाभ दिलाई। ग्राम अमोरा से अन्नू व रितू ने भोजन व्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाई। इसी तरह पिरदा गांव के कबीर सम्प्रदाय से राधा जी व गायत्री परिवार से गुलाब बाई व एक अन्य महिला ने सहभागिता दी। उत्तरप्रदेश व रायपुर एम्स से आए नमिता सोनी का परिवार, बच्चों के अलावा कछारडीह, रायतुम, रायगढ़ से बाबूलाल नायक, सुरेन्द्र गुप्ता इजारेदार, बरमकेला, मुकेश रायगढ़, चंद्रकला, प्रदीप पुरोहित, ममता पुरोहित, राजकुमारी आदि ने सहयोग दिया।
महासमुन्द, 31 दिसम्बर। बुधवार को बहुजन समाज पार्टी के 50 कार्यकर्ताओं ने आम आदमी पार्टी के नीतिगत विचारों से सहमत होकर पार्टी में प्रवेश किया। ये सभी काफी दिनों से आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय यादव के संपर्क में थे। ज्ञात हो कि नगर पालिका महासमुन्द में आम आदमी पार्टी की एक पार्षद विजयी हुई हैं और पार्टी के पदाधिकारी आम लोगों की बुनियादी सुविधाओं की ओर ध्यान दे रहे हंै। आगामी समय में आम आदमी पार्टी विधानसभा सहित जिले में बिजली, पानी, सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य के अधिकारियों को लेकर मतदाताओं को जागरूक करने का काम कर रहे हंै और पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों से जिले के पदाधिकारियों को लगातार मार्गदर्शन मिल रहा है। कल आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले लोगों में मधु यादव, जिला भागवत प्रसाद साहू, लुकेश्वर सेन, भीखम साहू, जागेश्वर ध्रुव, जागेश्वर यादव, भुनेश्वर प्रसाद साहू, सुुरेंद्र कुमार साहू, खेम लाल जलक्षत्री, श्रवण कुमार ध्रुव सहित अन्य शामिल हंै। इस दौरान आप के प्रदेश सचिव उत्तम जायसवाल, भूपेंद्र चंद्राकर, अभिषेक जैन, संजय यादव उपस्थित थे।
महासमुन्द, 31 दिसम्बर। ग्राम पंचायत के सचिवों के बाद अब अपनी मांगों को लेकर पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बुधवार से चले गए हैं। रोजगार सहायक अपनी तीन मांगों को मनवाने के लिए मोर्चा खोला है। ये दोनों ही जिला मुख्यालय स्थिति तहसीलदार निवास के सामने हड़ताल पर बैठे है।
रोजगार सहायक व सचिव अपने.अपने ब्लॉक मुख्यालयों में धरने पर हैं। सचिवों की मांगों पर अभी तक विचार सरकार ने नहीं किया हैए जिसके कारण वे हड़ताल पर डटे हुए हैं। वहीं पटवारियों ने आश्वासन के बाद अपना हड़ताल वापस ले लिया है। बुधवार को महासमुंद ब्लॉक के विभिन्न ग्राम पंचायतों से रोजगार सहायक आंदोलन में शामिल हुए और कहा कि सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की अपील कर रहे हैं। आंदोलनरत रोजगार सहायकों ने बताया कि वे पिछले 13.14 वर्षों से मनरेगा के तहत पंचायतों मेंं कार्य कर शासन की योजनाओं का क्रियान्वन अल्प मानदेय पर करते आ रहे हैं। ग्रेड पे निर्धारण कर नियमितीकरण प्रदान किया जाएए जिन पंचायतों को नगर निगम नगर पंचायत में शामिल किया जा रहा है वहां के रोजगार सहायकों को संबंधित निकाय में शामिल किया जाए या अन्य रिक्त ग्राम पंचायतों में सेवा पर रखा जाए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 31 दिसम्बर। महासमुन्द विकासखण्ड के ग्राम कोना की जय कोनापाठ स्वसहायता समूह की महिलाएं कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग आत्मा द्वारा हरित क्रांति विस्तार योजना के तहत् प्रशिक्षण लेकर वर्मी कम्पोस्ट खाद, गोबर के कण्डे एवं जैविक कीटनाशक बना रहीं हैं।
जय कोनापाठ महिला स्व.सहायता समूह की अध्यक्ष सुमित्रा धु्रव एवं सचिव कांति ध्रुव ने बताया कि गांव की 13 महिला सदस्यों के साथ मिलकर हमने एक स्वसहायता समूह का गठन किया। उन्होंने बताया कि पहले वे लोग समूह में नहीं जुड़े थे तब कृषि, मजदूरी एवं अन्य दैनिक कार्य किया करते थे। कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 में उन्हें सफलता पूर्वक प्रशिक्षण दिलाकर वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के लिए आवश्यक सामग्रियां जैसे वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन में लगने वाले कृषि सामग्री, वर्मी बेड, पैकिंग मटेरियल, तराजू, सिलाई मशीन, हजारा, रस्सी, ड्रम, कीटनाशक के लिए पैकिंग सामग्री सहित अन्य मटेरियल उपलब्ध कराया गया।
इसके उपरांत समूह की महिलाएं नियमित रूप से वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन कर स्थानीय कृषकों तथा वन विभाग को विक्रय कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रही हैं। जिससे उनके आय में वृद्धि तथा जीवन स्तर में काफी सुधार आया है। इसके अलावा वे लोग आगामी समय में मशरूम उत्पादन एवं जैविक उत्पाद बनाने की विधि का भी प्रशिक्षण लेना चाहते हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 31 दिसम्बर। जिले में बिना लाइसेंस के 1 लाख 90 हजार 280 लोग गाडिय़ां चला रहे हैं। इन्हें मालूम है कि बिना लाइसेंस की गाड़ी चलाना कानूनन जुर्म है। इसके बावजूद लोग यातायात के नियमों की धज्जिया उड़ा रहे हैं।
यह जानकारी आरटीओ विभाग से मिली है जो गाडिय़ों और लाइसेंसधारियों की संख्या बता रही है। हालांकि जिला आरटीओ विभाग में वाहन के रजिस्ट्रेशन से लेकर ड्राइविंग लाइसेंस तक ऑनलाइन तरीके से बन रहा है। घर बैठे दस्तावेजों की प्रक्रिया आसानी से हो जाती है। इसके बाद भी लायसेंसधारियों की संख्या काफी कम है। ऐसा भी नहीं है कि लायसेंस नहीं होने पर वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता। दुर्घटना व अन्य किसी तरह की घटना होने के बाद दिककतें आती है।
इस सम्बंध में आरटीओ अधिकारी मोहन साहू ने बताया कि मार्च के बाद से लाइसेंस बनाने का काम बंद हो गया था। कोरोना की वजह से सारा काम प्रभावित हो गया है। अनलॉक के बाद लोग लाइसेंस बनवाने आ रहे हैं। वहीं शिविर लगाकर लाइसेंस बनाने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। बगैर लायसेंस गाड़ी चलाने वालों पर कोरोना के चलते कार्रवाई भी नहीं हो रही है, जिसके कारण भी लोग भी रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
आरटीओ के पास जो डेटा है उसमें जिले में कुल 2 लाख 65 हजार 280 गाडिय़ां पंजीकृत है। इसमें दो पहिया, चार पहिया सहित विभिन्न प्रकार की गाडिय़ा शामिल हैं। इसके एवज में केवल 70 हजार वाहन चालक ही लाइसेंसधारी है। इसमें दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया, मीडियम, हैवी, ट्रैक्टर एवं पेड एम्पलाई लाइसेंसधारी शामिल हैं।
मालूम हो कि कुछ साल पहले आरटीओ व यातायात की सुंयक्त प्रयास से ड्राइविंग लायसेंस बनाने का अभियान चलता था। उसके बाद आरटीओ दफ्तर में आकर जरूरी प्रक्रिया पूरी की जाती थी। उस समय कैंपों के माध्यम से भी हजारों लोगों का लायसेंस आसानी से बन जाता था। अभियान नहीं चलने से नई लाइसेंस की संख्या घटी। यातायात विभाग से प्राप्त आकड़ों पर नजर डालें तो साल 2018 में बिना ड्राइविंग लायसेंस के 219 नाबालिगों पर प्रकरण बनाए गए हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 31 दिसम्बर। जिले के बसना जनपद पंचायत के अंतर्गत जनपद पंचायत परिसर में स्थित फुलझर कलेवा में ज्योति महिला स्वसहायता समूह, अरेकेल की दिव्यांग महिलाओं ने बिहान योजनांतर्गत विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने के साथ-साथ समोसा, कचौड़ी, बड़ा, चीला, मिर्ची भजिया, डोसा, इडली, मुंगौड़ी, गुलगुला, भजिया, चाय सहित अन्य प्रकार के छत्तीसगढ़ी व्यंजन बना रही हैं। महिलाओं ने फुलझर कलेवा की दीवालों पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति, लोकनृत्य आदि को विभिन्न रंगों के साथ उकेरा है। यहां लोग छत्तीसगढ़ी व्यंजन के साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति को भी निहारते हैं और तारीफ करते हैं।
ज्योति महिला स्वसहायता समूह में 5 सदस्य हैं। इनके अध्यक्ष कुमारी देवांगन, सचिव श्याम बाई सिदार, सदस्य सुमन साव, उकिया भोई एवं चन्द्रमा यादव शामिल हैं। समूह की अध्यक्ष कुमारी देवांगन ने बताया कि जनपद पंचायत के अधिकारियों ने उन्हें बिहान योजना के बारें में जानकारी दी।
इससे प्रेरित होकर अपने सहयोगियों के साथ सपनों को साकार करने का मन बनाया। पिछले माह 11 नवम्बर को यहां फुलझर कलेवा का शुभारम्भ हुआ था। इसका संचालन समूह की महिलाएं हर रोज सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक करती हैं। फुलझर कलेवा के संचालन होने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और सफलता की राह खुल गई है। उन्होंने बताया कि यहां जनपद पंचायत, मनरेगा, पोस्ट ऑफिस, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा दूर-दराज के ग्रामीण भी चाय नाश्ता किया करते हैं।
जिले की सौ समितियों में बफर लिमिट से अधिक धान जाम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 31 दिसम्बर। धान संग्रहण केंद्रों के लिए समितियों से धान का उठाव शुरु हो गया है। इससे उपार्जन केंद्रों को काफी राहत मिलेगी क्योंकि जिले में 100 समितियां ऐसी हैं जहां बफर लिमिट से अधिक धान जाम है। यहां खरीदी कभी भी प्रभावित हो सकती है।
जिला विपणन खाद्य विभाग ने इसलिए संग्रहण केंद्रों के उठाव के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। उपार्जन केंद्रों में अधिक जाम धान होने के बाद अधिकारियों ने संग्रहण केंद्रों के उठाव के लिए प्रक्रिया शुरू कराई है।
उपार्जन केंद्रों से 3 हजार क्विंटल धान का समितियों से उठाव संग्रहण केंद्र के लिए कर लिया गया है। वहीं मिलर्स भी मिलिंग के लिए उठाव कर रहे हैं। मिलर्स ने भी उपार्जन केंद्रों से 10 लाख क्विंटल का धान उठाव कर लिया है।
अरवा मिलर्स के बाद अब उसना मिलर्स धान उठाएंगे। पंजीयन की प्रक्रिया अंतिम चरण पर है। जैसे ही पंजीयन व अन्य प्रक्रिया पूरी होती हैए उसना मिलर्स तेजी से मिलिंग के लिए धान उठाएंगे। खाद्य अधिकारी नीतिश त्रिवेदी का कहना है कि संग्रहण केंद्रों में धान अधिक जाम हो रहा था। वहीं मिलिंग के लिए उसना राइस मिलर्स भी पंजीयन करा रहे हैं। वे भी मिलर्स जल्द धान का उठाव करेंगे। जिसके बाद उपार्जन केंद्रों में धान कम हो जाएगा।
महासमुन्द, 31 दिसम्बर। जिले में शराब दुकानों में अवैध शराब बेचने की लगातार आ रही शिकायत के बाद आम आदमी पार्टी अब 1 जनवरी से सभी दुकानों की निगरानी करने का फैसला लिया है।
आप कार्यकर्ता इस दौरान शराब दुकानों का विडियोग्राफी कर सभी डिटेल नोट करेंगे। वहीं 25 जनवरी को दुकानों के डाटा से अपने नोच डाटा का मिलान करेगी। मिलान गलत होने पर 31 जनवरी को महासमुन्द से पद यात्रा निकालकर इसकी शिकायत राज्यपाल और सीबीआई व केन्द्रीय सतर्कता आयोग से करेगी। पार्टी के जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र चन्द्राकर ने कहा है कि हमने 4 नवम्बर को अवैध शराब की बिक्री सरकारी मदिरा दुकानों से होने की शिकायत की थी। इस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बिना स्कैनिंग के शराब की बिक्री की जा रही है। दो महीने शिकायत होने के बावजूद भी जांच के नाम पे संरक्षण दिया जा रहा है।
श्री चंद्राकर ने बताया कि इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि यह सीएम हाउस के निर्देशन में हो रहा है कोई कुछ नहीं कर सकता। अवैध मदिरा का धंधा जिले में चल रहा है, जिस पर अब आम आदमी पार्टी ने प्रशासन के इस रवैये पर आगे की रणनीति तय करते हुए इसकी सूचना शासन-प्रशासन को दे रही है। इसलिए अब हम 1 जनवरी से जिला के सभी शराब दुकानों की निगरानी रखेंगे। जो भी गाड़ी से शराब की पूर्ति की जाएगी, उसकी सम्पूर्ण डिटेल नोट करेंगे व फोटो खींचकर वीडियो बनाएंगे। आगामी 25 जनवरी को ये शराब आवक का डाटा मिलान जिला आबकारी विभाग के सरकारी आवक डाटा से किया जायेगा।