महासमुन्द
![मिट्टी की परंपरागत कला को सहेजन-संवारने का काम भी बखूबी कर रहा गढफ़ुलझर मिट्टी की परंपरागत कला को सहेजन-संवारने का काम भी बखूबी कर रहा गढफ़ुलझर](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1609494995.jpg)
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 जनवरी। जिले के बसना विकासखंड का ग्राम गढफ़ुलझर अपने इतिहास के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के मिट्टी की परंपरागत कला को भी सहेजने और संवारने का काम भी बखूबी कर रहा है। छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड ने यहां सिरेमिक ग्लोजिंग यूनिट लगाई है, जो न केवल परंपरागत कुम्हारों, बल्कि अन्य कलाकारों को भी छत्तीसगढ़ की माटीकला और टेराकोटा कला का प्रशिक्षण देकर स्थानीय लोगों को और हुनरमंद बना रहा है।
गढफ़ुलझर स्थित सिरेमिक ग्लेजिंग यूनिट में बने मिट्टी के बर्तन राजधानी के होटलों में पकवान के साथ सौंधी सुगंध बिखेर रही है। इतना ही नहीं हमारे बर्तनों की डिमांड दूसरे राज्यों में भी है। लोग ऑनलाइन ऑर्डर कर मंगवा रहे हैं। गढफ़ुलझर में बने मिट्टी के बर्तन की डिमांड राजधानी के साथ ही दूसरे जिलों में तो हैं ही अब देश के राज्यों में भी पहचान बन रही है। राजधानी रायपुर के होटलों में इन दिनों मिट्टी के बर्तनों की डिमांड बढ़ गई है। उनकी इस डिमांड में गढफ़ुलझर में बने मिट्टी के बर्तन पूरे कर रहे हैं। इसके कारण जिला मुख्यालय से 115 किमी दूर स्थित गढफ़ुलझर की पहचान आज के समय में अपने किले या गढ़ से नहीं ब्लकि मिट्टी के बर्तनों के कारण हो रही है। यहां विशेषकर माटी के दीये, बर्तन, थाली, कप, गिलास, प्लेट, कटोरी, सुराही, पॉट, बरनी, पानी बॉटल के अलावा ऑर्डर आने पर मिट्टी की मूर्तियॉं,झालर बनते हैं।
यूनिट के ट्रेनर मिनिकेतन राणा ने बताया कि गढफुलझर में तैयार माटी के बर्तन अपने बेहतरीन फिनिशिंग के लिए भी जाना जाता है। सबसे पहले मिट्टी की धुलाई होती है। मतलब उन्हें पानी में फुलाया जाता है। मिट्टी के छानने के बाद उसकी पगिंग की जाती है। पगिंग के बाद मिट्टी को बर्तन बनाने सांचे में डाला जाता है। उसके बाद तैयार बर्तन को सूखने के लिए रखा जाता है। सूखने के बाद बर्तन को भट्टी में पकने के लिए डाला जाता है। कुम्हारों को 1 कुल्हड़ के लिए 35 पैसा, 1 कप के लिए 4.5 रुपए और एक थाल सेट बनाने पर 25 रुपए तक दिया जाता है। ललेनि पाण्डे, टंकसिनी पाण्डे और देवकी पाण्डे के साथ ही दो बहनें सीता निर्मलकर, सुनीता निर्मलकर ने बताया कि वो हर दिन लगभग 150 से 200 रुपए तक कमा लेती है। इस तरह महीने में वो 5 से 6 हजार रुपए तक कमा लेती है।