महासमुन्द
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 जनवरी। अछोला के 57 खाताधारी कृषक समोदा बैराज से पानी लेकर लगभग 67 हेक्टेयर खेतों में पानी सिंचित कर रहे हंै। जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली है एवं वहां के किसान आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहे हैं। वर्तमान में कृषक अपने खेतों में सब्जी भाजी जैसे करेला, भिन्डी, बरबट्टी, टमाटर,खीरा लगाकर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इसी प्रकार अन्य कृषक अपने खेतों में गेहूं, चना, मसूर का बोवाई कार्य किया गया है। इसी तरह अन्य कृषक भी तैयारी कर रहे हंै। इस योजना के शुरू होने के बाद किसानों को विद्युत के लिए किसी भी प्रकार का बिजली बिल नहीं देना पड़ता है। जिससे सरकार के बिजली बचत करने में भी मदद मिल रही है एवं किसानों को अनावश्यक खर्चों से भी मुक्ति मिली है। पंप स्थापित करने से किसानों को लगभग प्रतिदिन 150 से 160 यूनिट अर्थात् माह में 4500 से 4800 यूनिट तक की बिजली की बचत होती है। जिसकी अनुमानित बचत प्रतिमाह लगभग 25 हजार तक हो रही है। इसके अलावा लगभग 2421 किलो कोयला की बचत एवं कोयले के जलने से उत्सर्जित होने वाले कॉर्बन डाईऑक्साईड, धुएंं से मुक्ति मिली हैं।
जिला मुख्यालय महासमुन्द से लगभग 20 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में स्थित ग्राम अछोला स्थित समोदा बैराज में सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध रहता है परन्तु स्थल, विद्युत बाधित होने एवं डीजल पंपों में आवश्यकता से अधिक व्यय होने के कारण ग्राम अछोला के किसान समोदा बैराज के जल का समुचित उपयोग सिचंाई के लिए नहीं कर पाते थे। ऐसे में सिंचाई के लिए बारिश की उम्मीद में आसमान की ओर ताक रहे ग्राम अछोला के किसानों को अब संजीवनी मिल गई है।
अब यहां के किसानों को सिर्फ मानसूनी बारिश पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। यहां पॉवर फायनेस कॉरर्पोरेशन लिमिटेड भारत सरकार का उपक्रम के सहयोग एवं छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण क्रेडा के वित्तीय सहयोग से 10 एचपी क्षमता के 04 नग सोलर सामुदायिक सिंचाई पंप सोलर पंप का स्थापना कार्य किया गया है। जिसमें लगभग 11 हजार 500 मीटर पाईप लाईन बिछाकर समोदा बैराज का पानी कृषकों के खेतों में पहुंचाया जा रहा है।