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टेनिस का सबसे लंबा मैच
30-Jun-2021 11:19 AM
टेनिस का सबसे लंबा मैच

24 जून 2010 को विंबलडन का ही नहीं बल्कि व्यावसायिक टेनिस के इतिहास का सबसे लंबा मैच खत्म हुआ था। यह मैच 11 घंटे और  5 मिनट तक चला था। 
अमेरिका के जॉन इसनर और फ्रांस के निकोला मायू के बीच यह ऐतिहासिक मैच हुआ। टेनिस के इतिहास में ये सबसे ज्यादा देर और सबसे ज्यादा गेम्स वाला मैच साबित हुआ। पुरुषों के सिंगल्स के पहले दौर में अमेरिका के 23 वें वरीयता वाले खिलाड़ी जॉन इसनर ने फ्रांस के निकोला मायू को तीन दिन चले मैच में 11 घंटे  5 नट बाद 6-4, 3-6, 6-7(7-9), 7-6(7-3), 70-68 से हरा दिया। मैच में कुल 183 गेम हुए। 
22 जून 2010 को शाम को ब्रिटेन के समय के अनुसार 6 बजकर 13 मिनट पर यह टेनिस मैच शुरू हुआ। शाम 9 बजकर 7 मिनट पर लाइट कम होने के कारण मैच को निलंबित कर दिया गया। 23 जून को शाम पौने छह बजे सबसे लंबे मैच का रिकॉर्ड टूट गया। शाम को  9 बजकर 10 मिनट पर लाइट कम होने के कारण मैच फिर निलंबित कर दिया गया। इस समय फाइनल सेट 59 गेम पर टाई था। 24 जून को शाम  3 बजकर 43 मिनट पर मैच शुरू हुआ और  4 बजकर 48 मिनट पर इसनर जीत गए। आखिरी सेट 8 घंटे 11 मिनट चला।
दोनों खिलाडिय़ों ने विंबलडन और टेनिस के कई रिकॉर्ड तोड़े। दोनों ने सबसे ज्यादा 100 सर्विस की। इस मैच को  एंडलेस यानी कभी न खत्म होने वाला मैच करार दिया गया। टूर्नामेंट के दूसरे दिन यह मैच शुरू हुआ था। पहले चार सेट तो आराम से निकल गए। पहला सेट इसनर ने 6-4 से जीता। मायू ने दूसरा 6-3 से जीता। तीसरा और चौथा सेट टाई ब्रेकर से तय हुआ। मायू ने तीसरा जीता और इसनर ने चौथा, तो कुल स्कोर 2-2 का हो गया। 23 जून को 59-59 के स्कोर पर पांचवा सेट अगले दिन के लिए निलंबित किया गया।
24 जून को दोनों खिलाड़ी बढिय़ा सर्विस कर रहे थे। 68-69, 15-15 पर मायू ने एक अंक लिया। इसके बाद इसनर ने मायू को नेट पर कोर्ट के बीच में फोरहैंड शॉट मारा। इसने इसनर को पांचवा मैच प्वॉइंट दिलाया और मैच का 14वां ब्रेक प्वाइंट। इसे उन्होंने अपने पाले में किया और तीसरे दिन 65 मिनट के खेल के बाद इसनर ने फाइनल सेट में मायू को 70-68 से हरा दिया।

साझा कोष 
साझा कोष एक ऐसी योजना है, जिसमें बैंक या वित्तीय संस्थाओं द्वारा जनता से स्टॉक या यूनिट्स के निर्गमन द्वारा पैसा एकत्रित किए गए धन का जनता के अधिक हित में विनियोजित किया जाता है। विनियोग से, जो लाभ प्राप्त होता है, उसे सदस्यों में बांट दिया जाता है। इस योजना की शुरुआत सर्वप्रथम अमेरिका में हुई थी। भारत में यह योजना सर्वप्रथम 1964 में यूटीआई द्वारा प्रारंभ की गई है।

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