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भारत का पहला इंफ्रास्ट्रक्चर बांड
01-Jul-2021 11:55 AM
 भारत का पहला इंफ्रास्ट्रक्चर बांड

इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) म्यूचुएल फंड की एक बिलियन डॉलर मूल्य की आईडीएफ योजना के अंतगर्त भारत का पहला इंफ्रास्ट्रक्चर बांड शुरू किया है।    
केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने 18 जून 2013 को भारत के पहले इंफ्रास्ट्रक्चर बांड का उद्घाटटन किया। इस बांड का उद्देश्य इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना है।
इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) की स्थापना जनवरी 2006 में पूर्ण रूप से भारत सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी के रूप में की गई थी, हालांकि इसका प्रचालन अप्रैल 2006 में आरम्भ हुआ।  इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में वित्तीय प्रवाह को प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2005-06 के आम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर आधारित परियोजनाओं के लिए वित्तीय प्रवाह को एक विशिष्ट उद्देश्यगत वाहक (स्श्चद्गष्द्बड्डद्य क्कह्वह्म्श्चशह्यद्ग ङ्कद्गद्धद्बष्द्यद्ग-एसपीवी) के माध्यम से किए जाने का प्रस्ताव किया गया था। यह प्रस्ताव किया गया कि एसपीवी दीर्घकालिक परिपक्वता के लिए ऋण के रूप में सीधे तौर पर परियोजना को वित्त मुहैया कराएगा। यह वित्तीय सहायता बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थाओं की ओर से जारी प्रवाह का संपूरक होगा।

हाइड्रो इलैक्ट्रिक
पानी की सहायता से उत्पन्न विद्युत, जल विद्युत यानी हाइड्रो इलैक्ट्रिक कहलाती है। तेज पानी के बहाव के कारण जेनरेटर में लगे आर्मेचर घूमने लगते हैं और बिजली उत्पादन शुरू हो जाता है। इस प्रकार  जल की स्थिरीज और गतिज ऊर्जा द्वारा जल टरबाइन के माध्यम से जो बिजली उत्पन्न होती है, उसे जल विद्युत कहते हैं।
 

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