सामान्य ज्ञान
आईएनएस त्रिकंड भारतीय नौसेना में शामिल नया पोत है। रूस में निर्मित फोलो ऑन तलवार क्लास के तीन में से आखिरी पोत आईएनएस त्रिकंड को भारतीय नौसेना में 29 जून 2013 को शामिल किया गया है।
आईएनएस त्रिकंड के जलावतरण के साथ ही रूस में निर्मित फोलो ऑन तलवार क्लास के तीन पोतों का अनुबंध पूरा हो गया। इस श्रेणी के अन्य पोतों में आईएनस तेग और आईएनएस तरकश का जलावतरण वर्ष 2012 में किया गया था और वह अब पश्चिमी बेड़े के अभियानों का हिस्सा हैं।
आईएनएस त्रिकंड के तल की स्थापना 11 जून 2008 को की गई थी और जहाज का उद्घाटन 25 मई 2011 को किया गया। अप्रैल और मई 2013 में बाल्टिक सागर में इसके व्यापक ट्रायल किए गए। आईएनएस त्रिकंड में अत्याधुनिक युद्धक प्रणालियों की व्यवस्था है। इनमें सुपर सोनिक ब्रहमोस मिसाइल प्रणाली, सतह से हवा में मार करने वाली श्टिल, उन्नत ए 190 मीडियम रेंज गन, इलेक्ट्रो-ऑपटिकल 30 एमएम क्लोज-इन वेपन सिस्टम, पनडुब्बी रोधी हथियार जैसे टारपीडो और रॉकेट तथा अत्याधुनिक वार वेयर सिस्टम शामिल हैं। पोत को चार गैस टरबाइनों द्वारा संचालित किया जाता है और यह 30 समुद्री मील से अधिक की गति से बढऩे में सक्षम है।
यह जहाज कमोव-31 हेलीकॉप्टर को ले जा सकता है जो शीघ्र हवाई चेतावनी देने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। आईएनएस त्रिकंड की कमान कैप्टन अजय कोछर को सौंपी गई ह, जो गनरी और मिसाइल युद्ध में विशेषज्ञ हैं, जिन्हें वर्ष 1988 में भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्त हुआ था। इस पोत में अधिकारियों सहित करीब 300 नौसेना कर्मियों का दल काम करेगा।
सार्स
सार्स का पूरा नाम है- सीवियर एक्टूय रैस्पिरेटरी सिन्ड्रोम यानी सांस का गंभीर लक्षण। यह बीमारी कोरोना वायरस के कारण होता है। यह वायरस हवा के माध्यम से फैलता है। अगर किसी को यह बीमारी है तो उसके छींकने या खांसने से यह वायरस दूसरे में प्रवेश कर जाता है।
इस बीमार के लक्षण हैं- तेज बुखार, कंपंकपी, मांसपेशियों में दर्द, सिरददर्र्ओ, सूखी, खांसी, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ और कभी- कभी गंभीर अतिसार। इसके वायरस के शरीर में प्रवेश के दो से सात दिनों के भीतर लक्षण उभरने लगते हैं। वैसे तो इसका इलाज अभी मालूम नहीं है लेकिन निमोनिया की दवाएं या वायरल विरोधी दवाओं का उपयोग इसके इलाज में किया जाता है।
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