सामान्य ज्ञान

गोंड कलाकृतियां
06-Jul-2021 1:08 PM
गोंड कलाकृतियां

मध्यप्रदेश के मण्डला जिले की प्रसिद्ध जनजातियों में से एक  गोंड  द्वारा बनाई गई चित्र कला की विशिष्ट कलाशैली को गोंड चित्रकला के नाम से जाना जाता है। लम्बाई और चौड़ाई केवल इन दो आयामों वाली ये कलाकृतियां खुले हाथ बनाई जाती हैं जो इनका जीवन दर्शन प्रदर्शित करती हैं।  
गोंड कलाकृतियां इस जनजाति के स्वभाव और रहन सहन की खुली किताब हैं। इनसे गोंड प्रजाति के रहन सहन और स्वभाव का अच्छा परिचय मिलता है।  उनके द्वारा बनाए गए चित्रों के आकार शायद ही कभी एक रंग के होते हैं । कभी उनमें धारियां डाली जाती हैं कभी उन्हें छोटी छोटी बिन्दियों से सजाया जाता है और कभी उन्हें किसी अन्य ज्यामितीय नमूने से भरा जाता है। ये कलाकृतियां हस्त निर्मित कागज़ पर पोस्टर रंगों से बनाई जाती हैं। चित्रों की विषयवस्तु प्राकृतिक प्रतिवेश से या उनके दैनिक जीवन की घटनाओं से ली जाती है। फसल, खेत या परिवारिक समारोह लगभग सभी कुछ उनके चित्रफलक पर अपना सौन्दर्य बिखेरता है। कागज़ पर चित्रकला के अतिरिक्त गोंड जनजाति स्वयं को भित्तिचित्रण और तल चित्रण में भी व्यस्त रखती है। 
धार्मिक अनुष्ठानों का एक अंग यह चित्रकला न केवल आसपास के सौंदर्य में वृद्धि करती है , बल्कि  उसकी पवित्रता एवं परंपरा भी बनाए रखती है। पिसे हुए चावल के लेप पीले गेरू और अन्य मटियाले रंगों में बनाई गयी ये कलाकृतियां परिवार की विशेष घटनाओं, ऋतुओं के बदलने, फसल के बोने, वर्षा के प्रारंभ, फसल के कटने या पारिवारिक समारोह जैसे जन्म, विवाह, गर्भावस्था और मृत्यु पर हर समय नए चित्र बनाए जाते हैं विशेष रूप से आंगन, प्रवेश द्वार और घर के अन्य स्थानों पर।
 

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