सामान्य ज्ञान

राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन
07-Jul-2021 12:13 PM
राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन

राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन (( National Mission for Manuscripts, NAMAMI  // नमामि) की स्थापना भारत सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय ने सन 2003 के फरवरी माह में की। इस परियोजना की अवधि पांच वर्ष रखी गयी है।
इसका उद्देश्य भारत की विशाल पाण्डुलिपि सम्पदा को खोजना एवं उसको संरक्षित करना है। ऐसा अनुमान है कि भारत में लगभग 50 लाख पांडुलिपियां हैं जो सम्भवत: विश्व में सबसे बड़ी पांडुलिपियों की संख्या है। सब मिलाकर ये पांडुलिपियां ही भारत के इतिहास, एवं चिन्तन की स्मृति हैं। ये पाण्डुलिपियां विभिन्न भाषाओं, लिपियों एवं विषयों की हैं। ये भारत के अंदर और भारत के बाहर, सरकारी संस्थाओं या निजी हाथों में हैं। नमामि इन सबका पता लगाने, इनको सुरक्षित रखने, इनका दस्तावेज बनाने और इनको जनता के लिये सुलभ बनाने के उद्देश्य से स्थापित की गयी है ताकि भारत के भूत को इसके वर्तमान एवं भविष्य से जोड़ा जा सके।
 

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