सामान्य ज्ञान
हार्वर्ड स्मिथसोनियम सेंटर फॉर एस्ट्रॉफिजिक्स (सीएफए) के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया की धरती के गर्भ में जितना भी सोना पाया जाता है वह प्राचीन समय में ब्रह्मांड में मृत तारों के टकराव से पैदा हुआ है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्रह्मांड में घटित शॉर्ट गैमी-रे ब्रस्ट (जीआरबी) जैसी किसी प्रलय संबंधी घटना के फलस्वरूप सोने की उत्पत्ति हुई होगी। 3 जून 2013 को नासा के स्विफ्ट सैटेलाइट द्वारा खोजे गए जीआरबी 130603बी पर अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला गया। जीआरबी 130603बी पृथ्वी से 3.9 अरब प्रकाश वर्ष दूर है। यह अब तक ब्रह्मांड में देखा गया सबसे करीब का विस्फोट है। इस स्थल पर सोने सहित कई भारी तत्वों के निर्मित होने के प्रमाण मिले। गामा-रे का यह विस्फोट दो किस्मों में आया एक लंबा और दूसरा छोटा। नासा के स्विफ्ट सैटेलाइट द्वारा खोजे गए जीआरबी 130603बी का फ्लैश एक सैकंड के 20वीं हिस्से में समाप्त हो गया था। हालांकि गामा किरणें बड़ी तेजी से विलुप्त हो जाती हैं।
शोधकर्ताओं की यह टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची कि गामा किरणों के इस विस्फोट से निकली ऊर्जा में लगभग एक 100वां हिस्सा सोने का भी था। शोधकर्ताओं का कहना है कि सोने की मौजूदगी के पीछे तारों की टक्कर ही जिम्मेदार है।