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जब अंग्रेज अपने होटल में भारतीयों को नहीं देते थे एंट्री, बदले की आड़ में Tata Group ने खड़ी कर दी होटल TAJ
07-Aug-2021 10:41 AM
जब अंग्रेज अपने होटल में भारतीयों को नहीं देते थे एंट्री, बदले की आड़ में Tata Group ने खड़ी कर दी होटल TAJ

नई दिल्ली. होटल ताज जिसमें रहना, खाना हर किसी का सपना होता है. मुंबई स्थित ताज महल होटल की खूबसूरती की चर्चा दुनियाभर है. समुद्र के किनारे बसा यह होटल मुंबई की शान है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पयर्टक आते हैं. जिन लोगों ने ताज होटल के आतिथ्य का अनुभव किया है, वे हमेशा कम से कम एक बार इसे जरूर देखने की सिफारिश की है. आखिरकार, यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी हॉस्पिटैलिटी कंपनी इंडियन होटल्स कंपनी द्वारा पेश की जाने वाली दुनिया की सबसे भव्य होटल में से एक है.

हाल ही में, ताज होटल की क्वालिटी और आतिथ्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया है, क्योंकि ताज को ब्रांड फाइनेंस द्वारा दुनिया में सबसे मजबूत होटल ब्रांड का दर्जा दिया गया है. लेकिन हम में से ज्यादातर लोग भारत के प्रतिष्ठित होटल की नींव के पीछे का असली कारण नहीं जानते थे. आइए जानते हैं कैसे इस भारतीय होटल की नींव पड़ी, इसके पीछे काफी रोचक व प्रेरणादायक कहानी है…

बदले की कहानी है “होटल ताज”
ऐसा कहा जाता है कि जमशेदजी टाटा ने इस होटल की नींव डाली थी. दरअसल, हुआ ये था कि ब्रिटिश समय में एक बार उन्हें वहां के सबसे भव्य होटलों में प्रवेश से मना कर दिया गया था. उन्हें यह कहा गया था कि यह केवल ‘गोरे’ तक ही सीमित है. यानी सिर्फ अंग्रेजों की ही एंट्री होती थी. जमशेदजी टाटा ने इसे पूरे भारतीयों का अपमान समझा और फिर फैसला किया कि वह एक ऐसा होटल बनाएंगे जहां न केवल भारतीय बल्कि विदेशी भी बिना किसी प्रतिबंध के रह सकें. बस इसके बाद ही उन्होंने लग्जरी होटल ताज की नींव रखी और इस तरह भारत का पहला सुपर-लग्जरी होटल अस्तित्व में आया. वर्तमान में ताज पूरी दुनिया में आकर्षण का केंद्र है.

20वीं शताब्दी में तैयार किया गया था ताज
समुद्र के किनारे बसा ताज महल पैलेस मुंबई के लिए हीरे की तरह है. जो इस शहर की खूबसूरती को बढ़ाता है. ताज की नींव टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा ने 1898 में रखी थीं. 31 मार्च, 1911 को गेटवे ऑफ इंडिया की नींव रखे जाने से पहले ही होटल ने 16 दिसंबर, 1902 को पहली बार मेहमानों के लिए अपने दरवाजे खोले. ताजमहल पैलेस बिजली से जगमगाने वाली बॉम्बे की पहली इमारत थी. होटल दो अलग-अलग इमारतों से बना है: ताज महल पैलेस और टॉवर, जो ऐतिहासिक और स्थापत्य रूप से एक दूसरे से अलग हैं. ताज महल पैलेस बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में बनाया गया था, जबकि टॉवर 1973 में खोला गया था.

ताज महल होटल
प्रथम विश्व युद्ध से लेकर मुंबई अटैक तक बना गवाहस
होटल का एक लंबा और प्रतिष्ठित इतिहास है, जिसमें कई उल्लेखनीय अतिथि शामिल हैं, राष्ट्रपति से लेकर उद्योग के कप्तानों और शो बिजनेस के सितारों तक. रतनबाई पेटिट, पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की दूसरी पत्नी, 1929 में अपने अंतिम दिनों के दौरान होटल में रहती थीं. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, होटल को 600 बिस्तरों के साथ एक सैन्य अस्पताल में बदल दिया गया था. इसे ब्रिटिश राज के समय से ही पूर्व में बेहतरीन होटलों में से एक माना जाता है. यह होटल 2008 के मुंबई हमलों में लक्षित मुख्य स्थलों में से एक था.

दुनिया का सबसे मजबूत होटल ब्रांड
2008 के मुंबई हमले के बाद कई उतार-चढ़ावों के बावजूद, ताज लक्जरी होटल श्रृंखला ने विशेष रूप से भारत के अपने घरेलू बाजार में विचार, परिचित, सिफारिश और प्रतिष्ठा के लिए ब्रांड फाइनेंस के ‘ग्लोबल ब्रांड इक्विटी मॉनिटर’ पर बहुत अच्छा स्कोर किया.

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